पुलिस-पब्लिक के टूटते संबंध की मुख्य वजह बढ़ता क्राइम

Saturday, Oct 22, 2016 - 08:39 AM (IST)

चंडीगढ़(कुलदीप) : शहर में तेजी से बढ़ती क्राइम की वारदातों ने फैस्टीवल सीजन में व्यापारी वर्ग की चिंता बढ़ा दी है। पंजाब केसरी से बातचीत के दौरान व्यापारियों ने चंडीगढ़ पुलिस व आम लोगों के बिगड़ते संबंध को क्राइम बढ़ाने का सबसे बड़ा कारण बताया है। 


ज्वैलर्स एसोशिएशन चंडीगढ़ के प्रैजीडैंट राजीव सहदेव ने बताया कि साल 2014 में करण ज्वैलर्स में लूट के बाद ज्वैलर्स टीम की आई.जी. के साथ मीटिंग हुई थी। इस दौरान अधिकारियों के आदेश पर मार्कीट में सुरक्षा व्यवस्था कर दी गई लेकिन बाद में यह सुरक्षा इंतजाम सिर्फ लॉलीपाप साबित हुए। कुछ ही समय के बाद स्थिति पुराने जैसी बन गई। हालांकि, इसके बाद भी कई बार पुलिस विभाग से मीटिंग की गई लेकिन नतीजा जीरो साबित हुआ। 


वहीं, ज्वैलर्स एसोशिएशन चंडीगढ़ के जनरल सैक्रेटरी संजय के अनुसार स्नैचिंग करने वाले आरोपियों के खिलाफ कड़ी धारा लगानी चाहिए। वहीं, चंडीगढ़ पुलिस का टाईअप शहरवासियों से धीर-धीरे खत्म होता जा रहा है। पुलिस आम नागरिक की शिकायत पर सिर्फ कार्रवाई का दावा पेश करती है केस सॉल्व हो गया तो ठीक नही हुआ तो भी ठीक। इसके कारण लोगों का भरोसा, पुलिस का सोर्स व आपसी संबंध खराब होते जा रहे हैं। वारदात के बाद पुलिस बाजारों की सुरक्षा बढ़ा देती है लेकिन, कुछ ही समय बाद खानापूर्ति करके पुलिस खिसक जाती है। 


चंडीगढ़ पेरैंट्स एसोशिएशन के प्रैजीडैंट नितिन गोयल ने कहा कि अधिकतर देशों में सड़क पर चलते हुए कोई पुलिसवाला दिखाई दे जाए, तो सुरक्षित होने का अहसास होता है लेकिन हमारे यहां पुलिस से मदद मांगने से पहले खौफ हो जाता है कि ये कैसा व्यवहार करेंगे, पैसे ऐठेंगे, थानों के चक्कर लगवाएंगे, परेशान करेंगे। वहीं, खानापूर्ति के लिए कभी-कभार, पुलिस-पब्लिक की मीटिंग करवा लेती है जिसमें एस.एच.ओ. के मन-माफिक लोग व लोकल नेताओं को बुलाकर कर लिया जाता है। पुलिस विभाग को पब्लिक का विश्वास जीतने की जरूरत है, जिसके लिए सीनियर अफसरों से मिलने का सिस्टम आसान बनाया जाना चाहिए और अपने स्टाफ की भ्रष्टाचार जैसी शिकायतों पर पारदर्शी और जल्द करनी चाहिए ताकि एक अच्छा मैसेज जाए।
 

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