ट्रिब्यून फ्लाईओवर बनाना ही ट्रैफिक कंजेशन कम करने का अंतिम विकल्प
punjabkesari.in Wednesday, Feb 26, 2020 - 11:27 AM (IST)

चंडीगढ़ (साजन) : ट्रिब्यून फ्लाईओवर पर लोगों की तमाम आपत्तियों पर गौर करने के बाद इस मामले की समीक्षा कर रही टेक्नीकल कमेटी ने एडवाइजर मनोज परिदा को रिपोर्ट सौंप दी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि ट्रिब्यून चौक के पास रश कम करने के लिए अंतिम विक्लप केवल और केवल फ्लाईओवर निर्माण ही है। इसके अलावा कोई अन्य सॉल्यूशन दिखाई नहीं दे रहा। बावजूद इसके अगर तकनीकी आधार पर कोई नया सुझाव लेना है, तो मिनिस्ट्री ऑफ ट्रांसपोर्ट के पास इस बाबत लिखा जा सकता है।
‘सुझावों पर गौर कर लिया’
प्रशासन के अफसरों को ट्रिब्यून फ्लाईओवर के मामले में केवल और केवल फ्लाईओवर के निर्माण का सॉल्यूशन ही नजर आ रहा है। इस मामले में लोगों की आपत्तियों और कुछ दिए गए सुझावों की समीक्षा करने और उनकी प्रेजेंटेशन देखने के लिहाज से एडवाइजर मनोज परिदा ने एक टेक्नीकल कमेटी बनाई थी।
इस कमेटी ने तमाम सुझावों पर गौर करने के बाद अपनी रिपोर्ट एडवाइजर को सौंप दी है। इसमें कहा गया है कि हमारे तमाम इंजीनियरों ने लोगों की ओर से दिए गए सुझावों पर गौर कर लिया है। उन्हें ट्रिब्यून फ्लाईओवर बनाने के अलावा अन्य कोई विकल्प नहीं दिख रहा।
हाईकोर्ट में देना है जवाब
बता दें कि इस मामले में कई मौजिज लोगों ने सुझाव एडवाइजर के समक्ष रखे थे जिन पर बीते कई दिन से समीक्षा चल रही थी। पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के ट्रिब्यून फ्लाईओवर की जगह अन्य विकल्प तलाशने के आदेश पर चंडीगढ़ प्रशासन इतने दिन बाद भी कोई फैसला नहीं ले पाया है।
सूत्रों के अनुसार प्रशासन पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट के सामने कई विकल्प रखने पर विचार कर रहा था लेकिन अब टेक्नीकल कमेटी ने रिपोर्ट एडवाइजर को दे दी है जिसमें एक ही अंतिम विकल्प बताया गया है लिहाजा इसी को कोर्ट के सामने पेश किया जाएगा। इसमें फ्लाईओवर के निर्माण को ही साल्यूशन बताया गया है।
मंत्रालय को विकल्प लिखें
दूसरी और अधिकारी ये भी दलील दे रहे हैं कि अब जब विकास को रफ्तार देनी है तो पेड़ तो काटने ही पड़ेंगे? दूसरी और संपूर्ण मामले में टेक्नीकल कमेटी ने सुझाव दिया है कि तकनीकी पहलुओं को लेकर एक मर्तबा सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय को भी विकल्प तलाशने के लिए लिख दिया जाए।
प्रशासन ने तरूण माथुर के सिग्नल फ्री इंटरचेंज के प्रस्ताव को भी टेक्नीकल ग्राउंड का हवाला देकर खारिज कर दिया है। हाईकोर्ट को विकल्प देने को लेकर भी फिलहाल असमंजस की स्थिति है। टेक्नीकल कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में लोगों की तरफ से आए सभी सुझावों का जिक्र किया है।