अब CPCC देगी सॉ मिल्स को लाइसैंस

Monday, Oct 02, 2017 - 09:32 AM (IST)

चंडीगढ़(विजय) : पूर्व आई.एफ.एस. बीरेंद्र चौधरी के रिश्वत कांड में फंसने के बावजूद शहर में चल रही सॉ मिल्स के लिए चंडीगढ़ प्रशासन कोई नियम नहीं बना पाया है। अब इस मामले में खुद प्रशासक वी.पी. सिंह बदनौर ने हस्तक्षेप किया है। शहर में कितनी सॉ मिल्स हैं? उन्हें परमिशन कौन देता है? और कितनी गैर-कानूनी चल रही हैं? ऐसे ही कई सवालों के जवाब प्रशासक ने चंडीगढ़ पॉल्यूशन कंट्रोल कमेटी (सी.पी.सी.सी.) से पूछे हैं। 

 

वहीं, सी.पी.सी.सी. ने प्रशासक को एक प्रोपोजल भेजा है। इसमें कमेटी ने लाइसैंस दिए जाने के नियम में बदलाव की मांग की है। अभी तक मिल्स को लाइसैंस एस्टेट ऑफिस जारी करता है लेकिन कमेटी चाहती है कि भविष्य में हक एस्टेट ऑफिस को न दिया जाए। इसके बजाय कमेटी ने लाइसैंस जारी करनी की पॉवर प्रशासक से मांगी है। हालांकि अभी प्रशासक ने फैसला नहीं लिया है। 

 

कैंसल होंगे चौधरी के नोटिस :
चंडीगढ़ प्रशासन ने अब चौधरी के कार्यकाल के दौरान उनके द्वारा जारी किए गए आदेशों की एक रिपोर्ट तैयार कर ली है। सबसे अहम बात जो इस रिपोर्ट में सामने आई है उसमें बताया गया है कि चौधरी ने अपने कार्यकाल के दौरान कुल 52 आरा मशीनों को नोटिस भेजे थे। खास बात यह है कि इनमें से जिन 12 आरा मशीनों का जिक्र किया गया है वे मौजूद ही नहीं हैं। सी.पी.सी.सी. अब इस तरह के सभी नोटिस को कैंसिल करने की तैयारी में है। अधिकारियों से राय मांगी गई है। 

 

कोई रिश्वत मांगे तो तुरंत करें शिकायत :
सी.पी.सी.सी. की ओर से सभी इंडस्ट्रीज एसोसिएशन और मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट्स को को लैटर भेजे गए हैं। इसमें लिखा जाएगा कि अगर कोई भी कर्मचारी किसी भी वजह से पैसों की मांग करता है तो तुरंत इसकी जानकारी वाइस चेयरमैन या चेयरमैन अनुराग अग्रवाल को दें। 

 

दरअसल अधिकारी सी.पी.सी.सी. की कार्यप्रणाली में पूरी तरह से पारदर्शिता लाना चाहते हैं, यही वजह है कि रिश्वत के मामले भविष्य में सामने न आएं, इसके लिए इंडस्ट्रीज को पहले ही अवगत करा दिया गया है कि किसी भी कर्मचारी या अधिकारी को रिश्वत न दें।

 

इस संबंध में सी.पी.सी.सी. के वाइस चेयरमैन संतोष कुमार का कहना है कि एक प्रोपोजल तैयार करके जल्द ही प्रशासक के पास भेजा जाएगा। जिसमें सॉ मिल्स को लाइसैंस देने की पूरी पावर सी.पी.सी.सी. को दिए जाने की मांग की जाएगी। 

Advertising