डेंगू डैथ केस में बिल्डर को कोर्ट ने जिम्मेदार ठहराया

Sunday, Jul 21, 2019 - 01:02 PM (IST)

मोहाली(विनोद राणा): डेराबस्सी कोर्ट ने डेंगू डैथ के एक मामले में मोतिया डिवैल्पर्स प्राइवेट लिमिटेड की लापरवाही से जान जाने के मामले में जिम्मेदार पाया है। मामले में 23 साल की एक युवती ईशा गौड़ की मौत हो गई थी। ज्यूडीशियल मजिस्ट्रेट गौरव दत्ता ने अपने फैसले में कहा कि यह अपने आप में एक लापरवाही का मामला है जो मोतिया डिवैल्पर्स के खिलाफ साबित हुआ है। कोर्ट ने मोतिया डिवैल्पर्स के खिलाफ एफ.आई.आर. दर्ज के आदेश दिए हैं। वहीं 30 जुलाई की तारीख तय करते हुए कोर्ट ने एफ.आई.आर. रजिस्टर करने की कार्रवाई पेश करने को कहा है।

मौत के बाद भी पनपते रहे मच्छर  
कोर्ट ने कहा इस मामले में लड़की की मौत के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई और बिल्डिंग के आस-पास मच्छर पनपते रहे।  मृतका के कजन शिवम शर्मा ने पिछले वर्ष अक्तूबर में यह केस दायर किया था। जिसमें मोतिया डिवैल्पर्स के अलावा जीरकपुर थाना के एस.एच.ओ., सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस तथा सीनियर सुपरिंटैंंडेंट ऑफ पुलिस मोहाली को पार्टी बनाया था। मांग की थी कि एस.एच.ओ. जीरकपुर को आदेश दिए जाएं कि मोतिया डिवैल्पर्स के खिलाफ गैर इरादतन लापरवाही से जान लेने का मामला दर्ज किया जाए। 

डैथ नोटीफिकेशन फॉर्म के मुताबिक डेंगू से हुई थी मौत  
मामले में सीनियर मैडिकल ऑफिसर सब डिवीजन अस्पताल, डेराबस्सी ने भी रिपोर्ट पेश की साथ ही आर.टी.आई. से मिली इस रिपोर्ट में बताया गया कि डेंगू डेथ के मामले में रॉयल सिटी जीरकपुर का 17 अक्तूबर 2017 को घटना वाले दिन निरीक्षण में पाया गया कि जहां पर यह मौत हुई थी वहां ग्राउंड फ्लोर पर पानी जमा मिला। जहां पर मच्छर के लारवा भी पाए गए। दो घरों से लारवा मिल थे। वहीं डैथ नोटिफिकेशन फॉर्म के मुताबिक भी यह मौत डेंगू से हुई थी।

पुलिस रही नाकाम: कोर्ट
कोर्ट ने पुलिस की कार्रवाई को लेकर लताडते हुए कहा कि पुलिस इस मामले में एफ.आई.आर. दर्ज करने में नाकाम रही, दरअसल पुलिस ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि सोसायटी में ईशा गौड़ को मच्छर काटा है। यह बात जांच में साबित नहीं हुई। दरअसल पुलिस ने मोतिया डिवैल्पर्स के बयानों को आधार बनाया था जिसमें कहा था कि प्राइवेट कंपनी को सोसायटी के साफ-सफाई का काम सौंपा गया था। 

इंसाफ के लिए कोर्ट गए
कजन शिवम शर्मा जो पंजाब में लॉ स्टूडैंट हैं, उन्होंने बताया कि पुलिस की ओर से 1 साल तक मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गई, साथ ही पुलिस ने मृतका के परिवार को हरास किया। जिसकी शिकायत उन्होंने मोहाली एस.एस.पी. को भी दी थी, लेकिन विभाग की ओर से उनकी शिकायत पर कोई संज्ञान नहीं लिया गया। जिसके बाद उन्होंने आखिर में इंसाफ पाने के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। फिर जाकर कहीं उन्हें कोर्ट से न्याय मिला। 

bhavita joshi

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