15 महीने की जांच के बाद भी मर्डर करने वाले का नहीं लग सका सुराग

punjabkesari.in Monday, Apr 26, 2021 - 12:16 AM (IST)

चंडीगढ़(संदीप कुमार): मनीमाजरा स्थित हाऊसिंग बोर्ड कॉम्पलैक्स में रहने वाली सुनीता उर्फ सरिता अरोड़ा (45) उसकी बेटी रतना उर्फ सांची अरोड़ा (22) और बेटे अर्जुन अरोड़ा (16) की उनके घर में ही गला रेत कर निर्मम हत्या करने की वारदात को 15 माह बीत चुके हैं, लेकिन इस मामले में पुलिस अभी तक आरोपी का सुराग तक नहीं लगा सकी है। 
वारदात की जांच के आधार पर ही पुलिस ने जनवरी 2020 में अज्ञात के खिलाफ हत्या का केस दर्ज कर जांच शुरू की थी।

 

लेकिन पुलिस अपनी सवा साल की जांच के बाद भी केस में किसी को नामजद तक नहीं कर सकी है। आखिर इतने संगीन केस की जांच को लेकर पुलिस का इतना सुस्त रवैया अपने आपमें ही पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठा रहा है। मनीमाजरा थाना प्रभारी और केस के आई.ओ. नीरज शर्मा ने बताया कि इस केस की जांच से संबंधित कुछ अहम सी.एफ.एस.एल. रिपोर्ट आनी अभी बाकी हैं। रिपोर्ट आने के बाद ही केस में अहम खुलासे हो सकते हैं और उसी के आधार पर पुलिस इस केस में हत्यारोपी का सुराग लगा उसे नामजद करेगी। 

 


ट्रैक पर मिला था संजय अरोड़ा, पी.जी.आई. में तोड़ दिया था दम 
संजय की हालत के बारे में उसके परिवार को जानकारी देने कर्मबीर लगातार उसके परिवार से संपर्क साधने का प्रयास करता रहा लेकिन जब किसी ने उसकी कॉल नही उठाई तो वह संजय के घर पर ही उसकी हालत के बारे में सूचना देने पहुंचा था। बार-बार खटखटाने और अंदर से कोई रिस्पांस न आने की सूरत में उसने सूचना पुलिस कंट्रोल रूम को दी। 
पुलिस ने जब टार्च की मदद से खिड़कियों से घर के अंदर झांकने का प्रयास किया तो पुलिस यह देख दंग रह गई कि घर के भीतर जगह-जगह पर खून बिखरा हुआ था। इस पर पुलिस ने दरवाजे का ताला तोड़कर प्रवेश किया तो पाया कि अंदर कमरों में संजय की पत्नी सरिता, बेटी सांची और बेटे अर्जुन का शव खून से लथपथ हालत में पड़ा हुआ था। वहीं दूसरी और रेल की चपेट में आने से घायल हुए संजय ने भी उपचार के दौरान पी.जी.आई. में दम तोड़ दिया था।


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News Editor

AJIT DHANKHAR

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