विभागों के कामकाज के लिए कर्मचारियों व शाखाओं का दोबारा निर्धारण करेगा निगम
punjabkesari.in Friday, Nov 15, 2019 - 12:51 PM (IST)
चंडीगढ़ (राय): नगर निगम अपने विभागों के कामकाज के लिए कर्मचारियों व शाखाओं का पुन: निर्धारण करेगा। इस संबंध में वीरवार को निगम सदन में विस्तृत चर्चा के बाद एजैंडा पारित किया गया। सुबह 11 बजे शुरू हुई सदन की बैठक में दोपहर 2.50 तक तो शून्य काल ही चला। इसके बाद अंतिम दस मिनट से भी कम समय में 7 एजैंडे पारित कर दिए गए। सदन पटल पर रखे गए 15 एजैंडों में से केवल चार एजेंडों पर ही चर्चा हुई।
इसमें कर्मचारियों व शाखाओं के पुन: निर्धारण, इंजीनियरिंग विंग के विभिन्न वर्गों के पदों के लिए निर्धारित 2012 की सेवा नियमों की समीक्षा, रिक्त व स्वीकृत पदों पर अनुबंध पर काम कर रहे कर्मचारियों की सेवाओं को नियमित करना और ग्रीन बेल्टों के शौचालयों का संचालन शामिल है। हालांकि 7 एजैंडे 10 मिनट से भी कम समय में पारित किए गए पर स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत बनने वाली एस.टी.पी., रोज फैस्टीवल के आयोजन, 24 घंटे जलापूर्ति योजना के लिए 44.79 करोड़ का बजट पारित करने के एजैंडे को पार्षदों के अनुरोध पर पारित नहीं किया गया व इन पर सदन की अगली बैठक में चर्चा होगी।
कांग्रेस और भाजपा के पार्षद सदन में भिड़े : बाल दिवस को लेकर कांग्रेस और भाजपा के पार्षद सदन में भिड़ गए। बैठक के दौरान कांग्रेस पार्षद गुरबख्श रावत ने कहा कि 2016 से पहले बाल दिवस पर बच्चों की प्रतियोगिताएं निगम की ओर से करवाई जाती थी, लेकिन इस बार सत्ता पक्ष भाजपा ने इसका आयोजन नहीं किया। रावत ने कहा कि चंडीगढ़ की संरचना में पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू का अहम योगदान है।
बेशक पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू का जन्मदिन न मनाया जाता लेकिन बाल दिवस तो मनाया जा सकता था। इस पर भाजपा पार्षद पूर्व मेयर अरुण सूद ने कहा कि महापुरुषों का सम्मान होना चाहिए। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी और सरदार पटेल का जो सम्मान वर्तमान सरकार ने किया है ऐसा पहले कभी नहीं हुआ। इसके बाद कमिश्नर के.के. यादव ने कहा कि बाल दिवस होने के कारण सदन में केक काटा जाएगा। मेयर राकेश कालिया ने बच्चों के साथ मिलकर बाल दिवस मनाया और केक काटा।
प्लांट को टेकओवर करने के समर्थन में पार्षद
निगम सदन में आज पार्षदों ने पुन: डड्डूमाजरा में जय प्रकाश एसोसिएटस द्वारा स्थापित ग्रीन टेक सोलिड वेस्ट मेनेजमैंट प्लांट का मुद्दा उठाया व सभी इस बात पर एकमत थे कि निगम को उसे टेकओवर कर लेना चाहिए। देवेश मोदगिल का कहना था कि प्लांट प्रबंधन बार-बार नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में शिकायत कर रहे हैं कि निगम उन्हें कचरा
पृथक करके नहीं दे रहा इसलिए वह प्रोसैस नहीं कर पा रहे। जबकि निगम से प्रबंधन का जो करार हुआ था उसमें कचरा पृथक करने की शर्त ही नहीं। उसकी तो तकनीक ही सारा कचरा एक साथ लेने की है। अरुण सूद का भी कहना था कि निगम को प्लांट को टेकओवर कर लेना चाहिए व कांग्रेस तथा अन्य भाजपा पार्षद भी इसके समर्थन में थे।
गमले नहीं दिए तो कर दिया चालान
भाजपा पार्षद विनोद अग्रवाल ने सदन में एक भ्रष्टाचार का मामला उजागर किया। अग्रवाल ने कहा कि एक नर्सरी वाले से अतिरिक्त आयुक्त के नाम पर गमले मांगे गए। जब उसने गमले देने से मना किया तो उसका चालान अतिक्रमण हटाओ दस्ते ने कर दिया। इस मामले पर आयुक्त ने कहा कि इसकी लिखित में शिकायत दे दी जाए, ताकि इसकी जांच की जा सके।
निगम के पास अपना वकील होना चाहिए
मेयर का कहना था कि 29 नवम्बर को एन.जी.टी. में मामले की सुनवाई है। निगम ने अपना पक्ष पूरी तरह से तैयार कर लिया है। इस पर पार्षदों का कहना था कि इन मामलों के लिए निगम को अपने वकील रखने चाहिए न कि प्रशासन के पैनल से वकील लेने चाहिए।
इन पार्षदों का कहना था कि अदालतों में प्रशासन के पैनल से वकील लेकर मामले लडऩे का निगम का अनुभव अच्छा नहीं है। इस पर आयुक्त ने कहा कि सदन अपने दो वकीलों का नाम सुझा दे तो वह प्रशासन से इसकी मंजूरी ले लेंगे व एन.जी.टी. में वही वकील उपस्थित होंगे।