निगम चुनाव में ई.वी.एम. से टैंपरिंग मामले में हुई सुनवाई, जानें पूरा मामला

Tuesday, Jan 31, 2017 - 11:58 PM (IST)

चंडीगढ़, (बृजेन्द्र): नगर निगम चुनाव में में वार्ड नंबर-7 से भाजपा प्रत्याशी राजेश कुमार की जीत पर इलैक्ट्रिॉनिक वोटिंग मशीन (ई.वी.एम.) से छेड़छाड़ के आरोप की दायर याचिका पर हाईकोर्ट में मंगलवार को सुनवाई हुई। इस दौरान प्रतिवादी पक्ष ने मामले में जवाब दायर करने के लिए समय की मांग की।

जिस पर हाईकोर्ट ने सुनवाई 10 मार्च के लिए टाल दी। सुनवाई के दौरान भाजपा पार्षद राजेश कुमार की तरफ से केस की पैरवी करते हुए सीनियर एडवोकेट एवं एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ऑफ इंडिया सत्यपाल जैन ने कोर्ट में कहा कि कानून के मुताबिक वोटिंग के बाद काऊंटिंग खत्म होने पर ई.वी.एम. को सील कर कस्टडी में ले लिया जाता है। उन्होंने कहा कि हमें वोटिंग मशीनों की जांच में कोई आपत्ति नहीं है, मगर लंबे समय से चुनावों में हारने वाली पार्टियां वोटिंग मशीनों को दोष देती हैं। उन्होंने नगर निगम चुनाव समेत लोकसभा, विधानसभा के कई चुनावों का उदाहरण पेश करते हुए कहा कि ई.वी.एम. में कोई कमी नहीं पाई गई।

कांग्रेसी नेता हरफूल चंद्र कल्याण ने दायर की है याचिका

कांग्रेसी नेता हरफूल चंद्र कल्याण ने दायर याचिका में राजेश कुमार की विजय की प्रक्रिया को गैर-कानूनी, तानाशाही बताते हुए पंजाब म्यूनिसिपल कार्पारेशन एक्ट की संबंधित धाराओं समेत इलैक्शन रुल्स की उल्लंघना बताया था। वहीं ई.वी.एम. को कोर्ट की सुपरविजन में किसी स्वतंत्र एजैंसी को दिए जाने की मांग की गई थी, ताकि इसमें टैंपरिंग की जांच की जा सके।

मामले की 23 जनवरी को सुनवाई पर हाईकोर्ट ने आगामी आदेशों तक इलैक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनें सील करने के आदेश जारी किए थे। याचिका में मांग की गई थी कि 20 दिसम्बर, 2016 की स्टेट इलैक्शन कमिश्नर की उस नोटीफिकेशन को रद्द किया जाए, जिसमें राजेश कुमार को वार्ड नंबर-7 से विजयी कैंडीडेट घोषित किया गया था। दायर केस में हरफूल चंद्र कल्याण ने स्टेट इलैक्शन कमिश्नर, वार्ड नंबर-5,6,7,8 की रिटॄनग ऑफिसर एच.सी.एस. अधिकारी रंजीत कौर, म्यूनिसिपल कार्पाेरेशन चंडीगढ़, डिप्टी कमिश्नर व डड्डूमाजरा के राजेश कुमार को पार्टी बनाया था।

Advertising