बंद पड़े अंदरूनी रास्तों को खोलने आए निगम कर्मचारियों को लोगों ने भगाया

Saturday, Mar 25, 2017 - 11:51 AM (IST)

मोहाली(नियामियां) : फेज-9 में आज उस समय स्थिति तनावपूर्ण हो गई जब चंडीगढ़ और मोहाली को आपस में जोडऩे वाले बंद पड़े अंदरूनी रास्ते को कुछ जे.सी.बी. मशीनों के साथ अचानक ही खोलना शुरू कर दिया। मोहाली और चंडीगढ़ के इस रास्ते के पास रह रहे लोगों ने तुरंत इस कार्रवाई का विरोध किया और मोहाली के पार्षद कमलजीत सिंह रूबी ने मौके पर पहुंच कर इस कार्रवाई को बंद करवा दिया। लोगों को पहले तो यह बात समझ ही नहीं आई कि यह कार्रवाई किस विभाग के अधिकारियों द्वारा की जा रही है क्योंकि रास्ते पर लगी रोक को हटाने के जो कर्मचारी आए थे, वे चंडीगढ़ वाले बंद पड़े रास्ते से आए और जल्दी-जल्दी कार्रवाई करते हुए बंद रास्ते को खोलना शुरू कर दिया। 

 

मोहाली के जिन लोगों के मकान इन बंद पड़े रास्तों के नजदीक हैं, उन्होंने तुरंत अपने वार्ड के पार्षद कमलजीत सिंह रूबी को फोन करके बुला लिया। अब तक लोगों को यही यकीन था कि यह कार्रवाई चंडीगढ़ नगर निगम द्वारा की जा रही है। जब रूबी वहां पहुंचे और उन्होंने मोहाली नगर निगम के कर्मचारियों की पहचान कर बताया कि यह चंडीगढ़ के नहीं बल्कि मोहाली नगर निगम के कर्मचारी हैं। लोगों के जबरदस्त विरोध के कारण नगर निगम के कर्मचारी अपना सामान वहीं छोड़ कर वापस चले गए। जब तक यह काम रोका गया तब तक यह रास्ता लगभग खोल दिया गया था। इस कार्रवाई में सड़क भी बुरी तरह खोद दी गई। 

 

पार्षद को नहीं दी गई जानकारी :
पत्रकारों से बातचीत करते हुए मोहाली नगर निगम के इन कर्मचारियों ने बताया कि रैजिडैंट्स वैल्फेयर एसोसिएशन और फेज-9 के अन्य निवासियों की मांग पर यह रास्ता खोला गया है और इस संबंधित बाकायदा नगर निगम द्वारा डिप्टी कमिश्नर को पत्र भी लिखा गया था। उन्होंने कहा कि लोगों ने यह रास्ता खोलने की मांग की थी। 

 

पार्षद कमलजीत सिंह रूबी ने बताया कि मोहाली नगर निगम के कर्मचारी बिना कोई सूचना दिए चंडीगढ़ की तरफ से आए और आते ही लोगों की सुरक्षा के लिए बंद किया यह रास्ता खोलना शुरू कर दिया। उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ अलग राज्य है और मोहाली अलग राज्य का शहर है इसलिए दोनों शहरों को स्टेट हाईवे के साथ कई स्थानों पर जोड़ा गया है। 

 

इन शहरों की अंदरूनी सड़कों के द्वारा नहीं जोड़ा जा सकता। एक तरफ मोहाली प्रशासन की तरफ से चंडीगढ़ और मोहाली के बीच दीवार करके लोगों की सुरक्षा यकीनी बनाई जा रही है और दूसरी तरफ बंद पड़े रास्ते खोल कर सुरक्षा को खतरा पैदा किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि वह इस वार्ड के चुने हुए पार्षद हैं और लोगों की शिकायत को वह डिप्टी कमिश्नर तक भी पहुंचा चुके हैं। उन्होंने कहा कि यदि कोई ऐसी कार्रवाई करनी थी तो कम से कम उन्हें जरूर बताया जाता परंतु निगम ने ऐसा नहीं किया। 

 

हीरा नेगी ने जताया ऐतराज :
शाम को यह मामला और भी भड़क गया जब चंडीगढ़ के बड़ी संख्या में लोग अपनी पार्षद और चंडीगढ़ नगर निगम की पूर्व सीनियर डिप्टी मेयर हीरा नेगी को साथ लेकर यहां पहुंच गए और रास्ते को खोलने पर गुस्सा प्रकट करने लगे। हीरा नेगी ने इस बात पर सख्त ऐतराज किया कि जब चंडीगढ़ और मोहाली की सहमति से यह रास्ता बंद किया गया था तो आज अचानक क्यों खोल दिया गया। 

 

उन्होंने कहा कि यदि यहां कोई दुर्घटना हो जाती है या चोरी आदि की कोई वारदात हो जाती है तो उसके लिए कौन जिम्मेदार होगा। उन्होंने ऐलान किया कि वह कल खुद ड्रम लगाके इस रास्ते को दोबारा बंद करेंगे क्योंकि यह चंडीगढ़-मोहाली निवासियों की सुरक्षा का मामला है। 

 

मीटिंग के फैसले के बाद ही की कार्रवाई : निगम 
जब मोहाली नगर निगम के कमिश्नर राजेश धीमान से संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि यह मामला काफी समय से चला आ रहा था और उनसे पहले कमिश्नर के समय चंडीगढ़ के कमिश्नर और ग्माडा अधिकारियों की आपस में मीटिंग भी हुई थी। यह बात हुई थी कि फेज-9 के तीन रास्ते खोले जाएंगे। इसी के आधार पर यह कार्रवाई की गई है। 

 

इस संबंधित विधायक बलबीर सिंह सिद्धू ने कहा कि चंडीगढ़ और मोहाली के लोगों की मांग पर यह कार्रवाई हुई है क्योंकि इस संबंधित चंडीगढ़ प्रशासन और मोहाली प्रशासन की मीटिंग भी हो चुकी हैं। उन्होंने कहा कि मोहाली में अनेकों ऐसे रास्ते हैं जो सैक्टरों से सीधे चंडीगढ़ के सैक्टरों से गुजरते हैं। यह तीन रास्ते भी लोगों की मांग पर खोले गए हैं। 

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