फायर हाईड्रैंट्स की आज तक मैपिंग नहीं कर सका निगम

Thursday, Apr 20, 2017 - 11:48 AM (IST)

चंडीगढ़(राय) : चंडीगढ़ में पांच दशक पहले बनाए गए फायर हाईड्रैंट्स की आज तक मैपिंग ही नहीं की गई जिस कारण आग लगने की स्थिति में पानी की तलाश में फायर ब्रिगेड वालों को भटकना पड़ता है। हर बार शहर में आग लगने की घटना के बाद सैक्टरों में फायर ब्रिगेड स्टाफ के लोग फायर हाईड्रैंट्स की तलाश में लग जाते हैं। चंडीगढ़ के सबसे प्रमुख व्यवसायिक स्थल सैक्टर-17 में कुछ वर्ष पूर्व लगी भीषण आग के बाद विभाग के अधिकारियों को ज्ञात हुआ था कि दशकों पहले बने फायर हाईड्रैंट्स की कभी मरम्मत ही नहीं हुई। कमोवेश अन्य सैक्टरों में भी फायर हाईड्रैंट्स की यही हालत है। 

 

फायर विभाग के एक अधिकारी का कहना था कि शहर के सारे फायर हाईड्रैंट्स की तो जानकारी भी विभाग के पास नहीं है। उनका कहना था कि शहर के किसी भी फायर स्टेशन पर फायर हाईड्रैंट्स का नक्शा तक नहीं लगा है। उनका कहना था कि अगर इनकी मैपिंग हुई होती तो यह नक्शे लगते। उन्होंने कहा कि आग लगने के बाद ही वह लोग हाईड्रैंट्स की जानकारी लेने के प्रयास शुरू करते हैं। फायर विभाग के सूत्रों के अनुसार मुरम्मत के अभाव में शहर के अधिकांश फायर हाईड्रैंटस मृत पड़े हैं। ऐसे में फायर टैंडरों को पानी भरने के लिए बार-बार अपने स्टेशनों पर आना पड़ता है। जिससे आग पर काबू पाने में भी दिक्कत आती है। 

 

विभाग के सूत्रों के अनुसार शहर में कुल कितने फायर हाईड्रैंटस हैं इसकी भी कोई निश्चित जानकारी नहीं है। पांच दशक पहले बने यह हाईड्रैंटस या तो खराब हैं या फिर शोपीस बन कर रहे गए हैं।  गत वर्ष धनास में लगी आग को बुझाने के लिए 11 फायर टैंडर लगवाए गए व सभी बार-बार पानी भरने के लिए अपने स्टेशनों पर लौट रहे थे। विभाग के एक अधिकारी का कहना था कि उन्हें तो हाईड्रैंटस के बारे में निगम के जनस्वास्थ्य विभाग को जानकारी देनी चाहिए, जबकि जनस्वास्थ्य विभाग का कहना है कि फायर हाईड्रैंटस की जानकारी फायर विभाग के पास होनी चाहिए। 

 

निगम सूत्रों के अनुसार शहर के अन्य हाईड्रैंट्स की भांति नगर निगम भवन के हाईड्रैंट, सचिवालयों, पुलिस मुख्यालयों, हाईकोर्ट आदि के हाईड्रैंट्स की भी शायद ही कभी देखभाल की गई हो। निगम के किसी एजेंडें में भी आज तक फायर हाईड्रैंटस की देखभाल पर ध्यान नहीं दिया गया। फायर विभाग में केवल नए नए उपकरण खरीदने पर ही बल दिया जाता है। सूत्रों के अनुसार पानी की पाईपें हाईड्रैंट में बम्बा की नोक से जुड़ी होने चाहिए ताकि लोग मामूली आग लगने पर स्वयं ही इनमें से पाईपें निकाल कर आग पर काबू पा सकें। बताया जाता है कि अधिकांश हाईड्रैंटों से पाईपें ही गायब हैं। 


 

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