पी.जी.आई. की यंग नर्सिंग ऑफिसर बनी कोरोना वैक्सीन कोविशील्ड के ट्रायल का हिस्सा

Thursday, Oct 29, 2020 - 10:04 PM (IST)

चंडीगढ़, (पाल) : कोरोना के शुरू होने से लेकर अब तक मैडीकल प्रोफैशनल्स फ्रंट लाइन पर आकर लोगों की जान बचा रहे हैं। इस दौरान बहुत से वॉरियर खुद भी कोरोना की चपेट में आ रहे हैं लेकिन बावजूद इसके उनका काम करने का जज्बा लगातार कायम है।  पी.जी.आई. की यंग नर्सिंग ऑफिसर मनदीप कौर सैनी न सिर्फ एमरजैंसी में आने आने वाले मरीजों की सेवा में लगी हुई हैं, बल्कि अब वह ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की कोरोना वैक्सीन कोविशील्ड का पार्ट बन चुकी हैं। वैक्सीन की पहली डोज भी अभी तक लग चुकी है।

 


3 साल 9 महीने पहले किया था ज्वाइन
3 साल 9 महीने पहले मनदीप ने बतौर नर्सिंग ऑफिसर पी.जी.आई. में ज्वाइन किया था। वह कहती हैं कि अभी मुझे प्रोफैशन में ज्यादा वक्त नहीं हुआ है, लेकिन इस प्रोफैशन में ही हमें यह सिखाया जाता है कि प्राथमिकता हमारी ड्यूटी और मरीज है, उसके बाद सभी चीजें। बस उसी को याद रखते हुए मैंने इस ट्रायल का हिस्सा बनने की सोची थी। पूरी दुनिया इस वक्त एक मुश्किल दौर से निकल रही है। ऐसे में अगर किसी एक की छोटी सी पहल कई लोगों की ङ्क्षजदगी बचा सकती है तो इसमें कोई बुराई नहीं है।
फैमिली ने भी किया सपोर्ट
मनदीप ने बताया कि जब मैंने ट्रायल के बारे में पिता को बताया तो हर पैरेंट्स की तरह अपने बच्चे की सेफ्टी देखते हुए इसके लिए उन्होंने मना कर दिया था लेकिन उन्हें मैंने समझाया कि मैं क्या सोचती हूं। मेरा क्या नजरिया है। इसके बाद पिता ने भी फैसले में उसका साथ दिया। फैमिली सपोर्ट मुझे लगता है ऐसे काम के लिए बहुत जरुरी हो जाता है। यही वो ताकत है जो आपको आगे बढऩे में मदद करती है।  
7  महीने से फैमिली से दूर
जब से कोरोना शुरू हुआ है, तब से मैं अपने परिवार से दूर हूं। एक अलग कमरे में रहती हूं। हालांकि कई बार घरवाले भी कहते हैं कि साथ रहो। एक जगह रहते हुए अपने आपको फैमिली से दूर रखना आसान नहीं है, लेकिन पिछले महीने मैं कोरोना का शिकार हो गई, जिसके बाद मुझे अपना फैसला बिलकुल सही लगा। बिलकुल नहीं चाहूंगी कि किसी भी तरह की तकलीफ उन्हें मेरी वजह से हो।  
जहां ड्यूटी, वहां हर पेशैंट कोरोना सस्पैक्टेड
कोविड मरीजों के साथ ड्यूटी देते वक्त आपको पता रहता है कि आप इन्फैक्टेड एरिया में हो। आप ज्यादा अलर्ट रहते हो। मेरी ड्यूटी मैडीसिन एमरजैंसी में रहती है। यहां आने वाला हर मरीज कोरोना सस्पैक्टेड है। 
 

ashwani

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