पुरानी पैंशन बहाली की मांग पर राष्ट्रव्यापी आंदोलन का ऐलान
punjabkesari.in Sunday, Feb 12, 2023 - 07:14 PM (IST)

चंडीगढ़,(पांडेय): पुरानी पैंशन बहाली व आऊटसोर्स कर्मियों की रैगुलराइजेशन आदि मांगों को लेकर राष्ट्रव्यापी आंदोलन के फैसले के साथ शनिवार को ऑल इंडिया स्टेट गवर्नमैंट एम्पलाइज फैडरेशन की 2 दिवसीय राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक संपन्न हो गई। फैडरेशन के अध्यक्ष सुभाष लांबा की अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक में हरियाणा, पंजाब व यू.टी. चंडीगढ़ आदि राज्यों सहित 23 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। बैठक के निर्णयानुसार आंदोलन के प्रथम चरण में 14 मार्च को कर्मचारी संसद पर सामूहिक धरना देंगे और केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे। इसी दिन देश के सभी जिलों में भी प्रदर्शन किए जाएंगे। बैठक में लिए गए निर्णयों की जानकारी देते हुए आल इंडिया स्टेट गवर्नमैंट एम्पलाइज फैडरेशन के अध्यक्ष सुभाष लांबा, महासचिव ए.श्री कुमार, सचिव एन.डी. तिवारी व गोपाल दत्त जोशी ने बताया कि 10 मार्च तक केंद्र एवं राज्य कर्मचारी सभी राज्यों में संयुक्त कर्मचारी सम्मेलन करेंगे। इसके बाद 14 मार्च को संसद पर सामूहिक धरना प्रदर्शन किया जाएगा। आंदोलन के अगले चरण में जून के अंत तक सभी जिलों, तहसील, ताल्लुका व खंडों में कर्मचारी सम्मेलन आयोजित किए जाएंगे। 5 अप्रैल को नई दिल्ली में होने वाली किसान व मजदूर रैली का पुरजोर समर्थन किया और इसमें शामिल होने का फैसला लिया गया।
3 नवम्बर को होगी आक्रोश रैली
फैडरेशन के अध्यक्ष सुभाष लांबा ने बताया कि जुलाई महीने से केंद्रीय एवं राज्य कर्मियों के नेतृत्व में सैंकड़ों कर्मचारी वाहन जत्थे शुरू किए जाएंगे। यह जत्थे कर्मचारी जत्थे चलो दिल्ली के नारे के साथ सभी महानगरों, शहरों, कस्बों में कर्मचारियों के कार्य स्थलों पर बैठक आयोजित करते हुए 3 नवम्बर को नई दिल्ली में पहुंचेंगे और 3 नवम्बर को दिल्ली में विशाल रैली की जाएगी। इस आक्रोश रैली में बड़े आंदोलन का ऐलान किया जाएगा।
ये हैं मांगें
राष्ट्रव्यापी आंदोलन की प्रमुख मांगों में पी.एफ.आर.डी.ए. एक्ट रद्द कर पुरानी पैंशन बहाल करने, भ्रष्टाचार की जननी एवं शोषण की पोषक ठेका प्रथा समाप्त कर आऊटसोर्स ठेका व दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को नियमित करने, तब तक समान काम समान वेतन व सेवा सुरक्षा प्रदान करने, केंद्र एवं राज्यों में खाली पड़े 60 लाख से ज्यादा पदों को भर बेरोजगारों को रोजगार देने, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों एवं विभागों के निजीकरण पर रोक लगाने, 8वें वेतन आयोग का गठन करने, 18 महीने के बकाया डी.ए. का भुगतान करने, एक्सग्रेसिया रोजगार स्कीम में लगाई गई शर्तों को हटाकर मृतक कर्मचारियों के आश्रितों को नौकरी देने, ट्रेड यूनियन एवं लोकतांत्रिक अधिकारों को सुनिश्चित करना आदि है।