हरियाणा कौशल रोजगार निगम की भर्तियों को लेकर मनोहर व हुड्डा हुए आमने-सामने
punjabkesari.in Tuesday, Dec 27, 2022 - 08:20 PM (IST)

चंडीगढ़,(बंसल/पांडेय): हरियाणा कौशल रोजगार निगम द्वारा की जाने वाली भॢतयों को लेकर आज मुख्यमंत्री मनोहर लाल तथा नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा आमने-सामने हो गए। इस संदर्भ में विधानसभा के शीतकालीन सत्र में कांग्रेस विधायक किरण चौधरी तथा अन्य सदस्यों द्वारा ध्यानाकर्षण प्रस्ताव लाया गया लेकिन जब मंत्री मूलचंद शर्मा जवाब में घिरते दिखे तो मुख्यमंत्री ने मोर्चा संभाल लिया। हुड्डा ने स्पष्ट कहा कि सरकार इस निगम को भंग करे लेकिन जब मुख्यमंत्री ने निगम के गठन की जरूरत बताई, सिलसिलेवार जवाब दिया तो कांग्रेस सदस्य विरोधस्वरूप वॉकआऊट कर गए। मनोहर तथा हुड्डा ने शेयरो-शायरी के माध्यम से भी एक-दूसरे पर कटाक्ष किया। हुड्डा, किरण चौधरी, वरुण मुलाना, बलराज कुंडू, बी.बी. बतरा सहित आफताब अहमद ने निगम द्वारा की जाने वाली नियुक्तियों के चयन तथा सरकार की नीयत पर सवाल उठाए।
आइना कहीं भी टूटता है तो नाम मेरा ही आता है...
मुख्यमंत्री ने विपक्ष पर कटाक्ष करते हुए कहा कि जब-जब वे व्यवस्था ठीक करते हैं तो विपक्षी नेताओं को तकलीफ होती है कि व्यवस्था ठीक क्यों हो रही है। मुख्यमंत्री ने नेता प्रतिपक्ष से शायरी के अंदाज में कटाक्ष करते हुए कहा कि आइना उठाया न करो, उठाओ तो पहले खुद देखा करो। आइना कहीं भी टूटता है तो नाम मेरा ही आता है, क्या मैं पत्थर हूं, जो मुझ पर इल्जाम लगाया जाता है।
हुड्डा बोले-मैंने देख लिया आपका आइना, दिल में कुछ और मन में कुछ
हुड्डा ने कहा कि मैंने देख लिया आपका आइना, दिल में कुछ और मन में कुछ। मुख्यमंत्री द्वारा भ्रष्टाचार खत्म करने व नौकरियों में पारदॢशता की बात पर हुड्डा ने मुख्यमंत्री से कहा कि बगुला भगत न बनो, प्रदेश में जमकर भ्रष्टाचार हो रहा है। उन्होंने एक मौके पर यह भी कहा कि मेरे से सीख ले लो, इस निगम को भंग करो और इसके माध्यम से नियुक्तियां न करो, क्योंकि मेरे समय में गैस्ट टीचरों की नियुक्तियां हुई और चाहकर भी उनको पक्का नहीं कर पाए।
विपक्ष को तकलीफ हो रही है कि व्यवस्था ठीक क्यों हो गई है: मनोहर लाल
मुख्यमंत्री ने सदन में विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा को चुनौती देते हुए कहा कि 90 विधायकों में से किसी भी विधायक का रिश्तेदार एच.के.आर.एन. के माध्यम से दी गई नौकरियों में आया है तो वे सदन में बताएं। इन नौकरियों में भाई-भतीजावाद नहीं चला है। हमने गरीब परिवारों व जरूरतमंदों को नौकरियां देने का काम किया है, ताकि वे अपना जीवन-यापन कर सकें। उन्होंने कहा कि पहले विपक्ष बार-बार कहता है कि हम आएंगे तो पी.पी.पी. को खत्म कर देंगे, पोर्टल बंद कर देंगे, मैरिट फाड़ देंगे। मनोहर लाल ने कहा कि हम भ्रष्टाचार को खत्म करेंगे और हमने इतना काम कर दिया है कि विपक्ष को तकलीफ हो रही है कि व्यवस्था ठीक क्यों हो गई है। क्योंकि इनके सहारे जो कमीशन खाने वाली फौज और दलाली करने वाले थे, वे अब बेरोजगार हो गए हैं। इन बेरोजगारों की और लाइनें लगने वाली हैं।
पक्की नौकरियों, मैरिट, आरक्षण और भर्ती संस्थाओं को खत्म करना है कौशल रोजगार निगम का मकसद: हुड्डा
हुड्डा ने कहा कि कौशल रोजगार निगम का मकसद पक्की नौकरियों, मैरिट, आरक्षण और भर्ती संस्थाओं को खत्म करना है। उन्होंने कहा कि कौशल निगम के जरिए सरकार पढ़े-लिखे और योग्य युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ कर रही है। कम वेतन में कच्ची नौकरी करवाकर युवाओं का शोषण किया जा रहा है। सरकार का काम ठेका प्रथा को खत्म करके पक्की नौकरियां देना है, लेकिन इसके विपरीत सरकार पक्की नौकरियों को खत्म करके ठेका प्रथा को बढ़ावा दे रही है।
कौशल निगम की भॢतयों में न किसी तरह की मैरिट होती है, न कोई पारदॢशता, न पेपर और न इंटरव्यू
हुड्डा ने कहा कि सरकार लगातार कौशल निगम के जरिए कच्ची भॢतयां कर रही है, जबकि भर्ती करने का काम एच.एस.एस.सी. व एच.पी.एस.सी. का है। जाहिर है कि अगर निगम के जरिए भॢतयां होंगी तो धीरे-धीरे संवैधानिक भर्ती संस्थाओं को खत्म किया जाएगा। क्योंकि, सरकार ने पक्की नौकरियां खत्म करने और कच्ची भॢतयां करने का चोर दरवाजा ढूंढ़ लिया है। कौशल निगम की भॢतयों में न किसी तरह की मैरिट होती, न कोई पारदॢशता, न पेपर और न इंटरव्यू। सरकार को बताना चाहिए कि निगम और एच.एस.एस.सी. व एच.पी.एस.सी. की भर्ती प्रक्रिया, मैरिट और चयन का तरीका अलग-अलग क्यों है? अगर सरकार कौशल निगम की भर्ती प्रक्रिया को सही मानती है तो क्या एच.एस.एस.सी. व एच.पी.एस.सी. में भी पेपर व इंटरव्यू की प्रक्रिया खत्म करने जा रही है? सरकार ने निगम की भर्ती के लिए परिवार की आय को आधार बनाया है। सरकार ने आय को नापने के लिए परिवार पहचान पत्र को आधार माना है, लेकिन सच्चाई यह है कि किसी परिवार की आय निर्धारित करने का सरकार के पास कोई तरीका नहीं है। पी.पी.पी. की आय में इतनी खामियां हैं कि वो दूर ही नहीं हो रही हैं। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि प्रदेश के सरकारी विभागों में आज करीब 1 लाख 82 हजार पद खाली पड़े हैं। सरकार को कच्ची भॢतयों की बजाय खाली पदों पर पक्की भॢतयां करनी चाहिए। हुड्डा ने कहा कि परिवार पहचान पत्र के अलावा प्रॉपर्टी आई.डी. के नाम पर भी प्रदेश में जमकर गड़बड़झाला हो रहा है। सरकार द्वारा बनाई गई कुल 42 लाख 70 हजार प्रॉपर्टी आई.डी. में से 15 लाख से ज्यादा में गड़बड़ी पाई गई हैं। इसकी वजह से जनता को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
सरकारी विभागों में पदों को तर्कसंगत बनाने के लिए राज्य में रेशनलाइजेशन कमीशन होगा गठित
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि सरकारी विभागों में जरूरत के अनुसार पदों को तर्कसंगत बनाने के लिए राज्य में रेशनलाइजेशन कमीशन गठित किया जाएगा। यह कमीशन हर विभाग में पदों की संख्या को रेशनलाइज करेगा। मुख्यमंत्री ने सदन को स्पष्ट किया कि ठेकेदारों के माध्यम से आऊटसोर्स आधार पर रोजगार दिए जाने के मामलों में कर्मचारियों के शोषण की शिकायतें मिलती थीं। कर्मचारियों को शोषण से बचाने के लिए हरियाणा कौशल रोजगार निगम बनाया गया। हरियाणा कौशल रोजगार निगम के माध्यम से अनुबंध आधार पर प्रारंभ में एक साल के लिए रोजगार दिया जाता है, यह कच्ची नौकरी है। हरियाणा लोक सेवा आयोग व हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के माध्यम से नियमित भर्ती होने पर इन युवाओं को नौकरी छोडऩी होगी। हालंाकि ये युवा नियमित भर्ती के लिए भी आवेदन कर सकते हैं।
एच.के.आर.एन. के माध्यम से सबसे पहले उच्च शिक्षा वाले को प्राथमिकता
उन्होंने कहा कि एच.के.आर.एन. के माध्यम से सबसे पहले उच्च शिक्षा वाले को प्राथमिकता मिलती है। एच.के.आर.एन. के माध्यम से अभी तक केवल 4 से 5 हजार टी.जी.टी., पी.जी.टी. की भर्ती हुई है और उन्होंने स्वयं 10-10 उम्मीदवारों से बात की है कि उन्हें निगम से संदेश आया है या नहीं और उन्हें ज्वाइङ्क्षनग के लिए 15 दिन का समय दिया जाता है। उन्होंने कहा कि इन 4-5 हजार के अलावा जो कर्मचारी पहले से आऊटसोॄसग के तहत काम कर रहे हैं, उनका डाटा निगम पर पोर्ट किया गया है। हालांकि इस दौरान एक विषय सामने आया कि ठेकेदार ने कितने व्यक्तियों को रखा, कितनो को ज्वाइन करवाया और कितनों का डाटा निगम को दिया। यह जांच का विषय है। अलगे सत्र में यह प्रयास रहेगा कि इस प्रकार का सारा डाटा सदन में प्रस्तुत किया जा सके। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने यह प्रावधान किया है कि कोई भी कर्मचारी अगर उच्च पद पर होने वाली नियमित भर्ती में जाना चाहता है तो उसे अनापत्ति प्रमाण पत्र लेने की आवश्यकता नहीं है, केवल विभाग को सूचित करना है। उन्होंने सदन को अवगत करवाया कि निगम के माध्यम से अब तक की गई भॢतयों में 37 प्रतिशत उम्मीदवार अनुसूचित जाति से संबंधित हैं। इसी प्रकार, बी.सी.-ए व बी.सी.-बी के 27.4 प्रतिशत हैं।
अब उम्मीदवार स्वयं भी अपने अंकों का आंकलन कर सकेगा
मनोहर लाल ने कहा कि निगम की ओर से अपनाए जा रहे मानदंड को अब वैबसाइट पर डाला जाएगा। इस मानदंड में मुख्यमंत्री अंत्योदय परिवार उत्थान योजना, बी.पी.एल. की 1.80 लाख रुपए की वाॢषक आय और आय समूह को दिए जाने वाले अंक, अनिवार्य शैक्षणिक योग्यता इत्यादि शामिल है। अब से उम्मीदवार स्वयं भी कट ऑफ मैरिट के अनुसार अपने अंकों का आंकलन कर सकता है। उन्होंने कहा कि जे.बी.टी. की सैंक्शन पोस्ट में से आज भी 40 से 50 हजार खाली दिखाई जाती हैं, जबकि जे.बी.टी. लगाने के बाद भी हमारे पास सरप्लस टीचर हैं।
पिछले 8 सालों में 1 लाख नौकरियां दी गईं
मनोहर लाल ने कहा कि एक साल में केवल 20 हजार सरकारी नौकरियां देना संभव हो सकता है, इससे ज्यादा नहीं। हमने पिछले 8 सालों में 1 लाख नौकरियां दी हैं और आने वाले समय में ज्यादा से ज्यादा 50 हजार की और भर्ती कर पाएंगे। उन्होंने कहा कि हरियाणा कौशल रोजगार निगम के माध्यम से सरकारी विभागों, निगमों में अनुबंध आधार पर पारदर्शी तरीके से मैनपावर उपलब्ध करवाई जा रही है। साथ ही किसी निजी कंपनी, एजैंसी को भी यदि मैनपावर की आवश्यकता है तो वो भी हरियाणा कौशल रोजगार निगम को मांग भेज सकती है। सरकार ने पारदर्शी तरीके से ऐसी व्यवस्था बनाई है, जिसमें युवाओं को ई.पी.एफ., ई.एस.आई. का लाभ मिलना भी सुनिश्चित हो रहा है। मुख्यमंत्री ने विधायकों से निवेदन किया कि परिवार पहचान पत्र में आय सत्यापन से संबंधित यदि कोई गडग़ड़ी है तो वे अतिरिक्त जिला उपायुक्त के पास जाकर त्रुटि को ठीक करवा सकते हैं। उन्होंने कहा कि पी.पी.पी. में आय सत्यापन के आधार पर बी.पी.एल. सूची में 9 लाख लोगों का नाम कटा है और 12 लाख नए लोगों का नाम जोड़ा गया है।