शैड अलॉटमैंट घोटाले में पार्षद बबला दोषी, सजा 31 को

punjabkesari.in Wednesday, Mar 28, 2018 - 09:13 AM (IST)

चंडीगढ़ (संदीप): शैड अलॉटमैंट घोटाले में कांग्रेसी पार्षद देविंदर सिंह बबला को चंडीगढ़ जिला अदालत से बड़ा झटका लगा है। मामले में पहले प्रोबेशन पर छूटे बबला को अभियोजन पक्ष के अपील केस में अदालत ने दोषी करार दिया गया है। इसके साथ ही अदालती आदेशों पर बबला को न्यायिक हिरासत में ले लिया गया। उन्हें 31 मार्च को सजा सुनाई जाएगी। 

 

बबला के खिलाफ चंडीगढ़ पुलिस ने वर्ष 2009 में धोखाधड़ी व जालसाजी की धाराओं में यह केस दर्ज किया था। पूर्व में अदालत ने बबला को जुलाई, 2014 में दोषी करार देने के बावजूद अच्छे आचरण की गारंटी (प्रोबेशन) पर 50 हजार रुपए के बेल बांड पर छोड़ दिया था। 

 

एक ओर जहां बबला ने खुद को दोषी करार दिए जाने के खिलाफ सैशंस कोर्ट में अपील दायर की थी, वहीं अभियोजन पक्ष ने उन्हें निचली कोर्ट द्वारा प्रोबेशन का लाभ दिए जाने के खिलाफ अपील की थी। हालांकि बबला की अपील अदालत ने खारिज कर दी थी मगर अभियोजन पक्ष की अपील को मंजूर करते हुए सैशंस कोर्ट ने बबला को दोषी करार दिया है।  

 

यह था मामला 
सैक्टर-26 सब्जी मंडी के दुकानदार सूरज प्रकाश आहूजा ने 19 अगस्त, 2009 को पुलिस में मामला दर्ज कराया था। उन्होंने कहा था कि 24 जुलाई को हुई शैड अलॉटमैंट में बबला ने अनियमितताएं बरतते हुए अपने कुछ खास लोगों को अलग से शैड अलॉट कर दिए थे। 

 

नियमों के तहत कुल 59 लोगों को शैड अलॉट होने थे लेकिन जाली कागजात के आधार पर मार्कीट कमेटी के तत्कालीन चेयरमैन दविंद्र सिंह बबला ने 59 की जगह 69 लोगों को शैड अलॉट कर दिए। सैक्टर-26 थाना पुलिस में बबला के खिलाफ धोखाधड़ी व जालसाजी की धाराओं के तहत केस दर्ज किया था। 

 

केस दर्ज होने के बाद बबला फरार हो गया। फरार बबला की अग्रिम जमानत याचिका जिला अदालत और बाद में हाईकोर्ट से खारिज होने के बाद उसने सरैंडर कर दिया था। इसके बाद बबला करीब 11 महीने बुड़ैल जेल में रहा। ट्रायल के बाद अदालत ने बबला को दोषी पाते हुए प्रोबेशन पर छोड़ दिया था। 

 

2 वर्ष से अधिक हुई सजा तो बबला की छिन सकती है कुर्सी 
कांग्रेसी नेता एवं पार्षद देवेंद्र सिंह बबला को चंडीगढ़ जिला न्यायालय द्वारा सैक्टर-26 की सब्जी मंडी में बने टीन शैड मामले की अलॉटमैंट में दोषी करार दिए जाने के बाद अब उनके  पार्षद और मार्कीट कमेटी के डायरैक्टर के पद को भी खतरा पैदा हो गया है। 

 

अगर बबला को दो वर्ष या उससे अधिक की सजा होती है तो उनकी पार्षद की कुर्सी भी छिन जाएगी। अगर दो वर्ष से कम सजा होती है तो इनकी पार्षद की कुर्सी बरकार रहेगी और अगर उससे अधिक की सजा होती है तो पार्षद की कुर्सी छिन जाएगी।

 

घटनाक्रम 
-9 अगस्त, 2009 : पुलिस ने अवैध शैड आबंटन मामले में बबला के खिलाफ धोखाधड़ी और जालसाजी के मामले दर्ज किए।
-20 अगस्त : बबला भूमिगत हो गया।
-28 दिसम्बर : बबला का आत्मसमर्पण
-4 जनवरी, 2010 : अवैध भर्ती मामले में धोखाधड़ी का यू.टी. पुलिस रजिस्टर मामला।
-7 अप्रैल : पुलिस ने चालान दायर किया।
-7 मार्च 2011 : आरोप तैयार किए गए।
-15 जनवरी, 2015 : बबला निर्दोष
-27 मार्च, 2018 : बबला दोषी करार, सजा का ऐलान 31 मार्च को।
 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Punjab Kesari

Recommended News

Related News