कोचिंग सैंटर को राशि रिफंड न करना पड़ा महंगा, फोरम ने ठोका 25 हजार हर्जाना

Sunday, Sep 29, 2019 - 09:59 AM (IST)

चंडीगढ़(राजिंद्र) : कोचिंग छोडऩे के बाद छात्रा को राशि रिफंड न करना एक कोचिंग सैंटर को महंगा पड़ गया। उपभोक्ता फोरम ने कोचिंग सैंटर की उस दलील को भी खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने कहा कि शिकायतकर्ता उपभोक्ता नहीं है क्योंकि शैक्षणिक संस्थान किसी भी प्रकार की सेवा प्रदान नहीं करता है। 

फोरम ने कोचिंग सैंटर को सेवा में कोताही का दोषी पाते हुए निर्देश दिए कि वह शिकायतकर्ता को जितनी कक्षाएं उसने लगाईं हैं, उसकी फीस काटकर बाकी 66 हजार रुपए ब्याज के साथ वापस करे। साथ ही मानसिक उत्पीडऩ के लिए 15,000 रुपए मुआवजा और 10,000 रुपए मुकदमा खर्च भी देने के निर्देश दिए हैं। 

आदेश की प्रति मिलने पर 30 दिन के अंदर इनकी पालना करनी होगी, नहीं तो कंपनी को रिफंड और मुआवजा राशि पर 12 प्रतिशत वार्षिक की दर से ब्याज भी देना होगा। ये आदेश जिला उपभोक्ता विवाद निवारण फोरम-1 ने जारी किए।

इंस्टीच्यूट ने कहा, उपभोक्ता नहीं है शिकायतकर्ता :
मनीमाजरा के मॉडर्न हाऊसिंग कांप्लैक्स में रहने वाले अनिल नाथ की बेटी ने उपभोक्ता फोरम में सैक्टर-34 स्थित एक कोचिंग इंस्टीच्यूट के खिलाफ शिकायत दी। शिकायत में उन्होंने बताया कि 88 हजार रुपए देकर उन्होंने सालभर के लिए कोचिंग सैंटर में दाखिला लिया। तीन महीने की कक्षाएं लगाईं। 

इस दौरान उनका दाखिला जी.एम.एस.एस.एस.-16 में हो गया। स्कूल टाइमिंग की वजह से वह कोचिंग नहीं जा पा रही थीं, इसलिए उन्होंने कोचिंग सैंटर नहीं जाने का फैसला लिया और बचे हुए 9 महीने की फीस रिफंड करने की मांग की लेकिन कोचिंग सैंटर ने फीस वापस करने से साफ  इन्कार कर दिया। इसके बाद ही उन्होंने उपभोक्ता फोरम का रुख किया। 

फोरम ने इंस्टीच्यूट को नोटिस जारी किया। अपने जवाब में इंस्टीच्यूट ने कहा कि शिकायतकर्ता उपभोक्ता नहीं है क्योंकि शैक्षणिक संस्थान किसी भी प्रकार की सेवा प्रदान नहीं करता है। हालांकि फोरम ने इस तर्क को नहीं माना और कोचिंग सैंटर को सेवा में कोताही का दोषी करार दिया।

Priyanka rana

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