कोच की कमी से जूझ रहा खेल और शिक्षा विभाग, खिलाड़ी बाहर से ले रहे कोचिंग

punjabkesari.in Monday, Jun 18, 2018 - 03:28 PM (IST)

चंडीगढ़(लल्लन) : शहर में कई खेल ऐसे हैं, जिनके लिए ना तो खेल विभाग के पास कोच है और न ही शिक्षा विभाग के पास। इसके साथ ही शिक्षा विभाग ने स्कूली लेवल पर भी इन खेलों के लिए कोई खास प्रबंध नहीं किए हैं। यह खेल है बेसबॉल और सॉफ्टबॉल जिसमें खिलाड़ी शानदार प्रदर्शन कर रहे हैं। इसके बावजूद भी इन खेलों के लिए कोई भी सुविधा फिलहाल दोनों विभागों से मिलती दिखाई नहीं दे रही है।

बेसबॉल और सॉफ्टबॉल में पिछले कई सालो से खिलाड़ी जुड़े हैं। इंटर स्कूल प्रतियोगिता में भी खिलाडिय़ों ने इस खेल में शानदार प्रदर्शन किया था। इसके अलावा हाल ही में खत्म हुए 63वें स्कूल नैशनल गेम्स में भी शहर की टीमों ने खिताब पर कब्जा किया था। 

फिर भी शहर में बेसबॉल और सॉफ्टबॉल को कोई अस्तित्व नहीं है। यह दोनों ही खेल अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर खेले जाते हैं। इसके साथ ही स्पोटर््स अथॉरिटी ऑफ इंडिया की ओर से इन खेलों में एन.आई.एस. भी करवाई जाती है, लेकिन विभाग की ओर से इन्हें नियुक्त नहीं किए जाते हैं।

खेल विभाग का न कोच और न कोई अकादमी :
खेल विभाग की ओर से जहां शहर में स्पोर्ट्स को प्रोमोट करने के दावे किए जा रहे हैं, वहीं खेल विभाग की ओर से बेसबॉल और सॉफ्टबॉल की न तो कोई अकादमी चल रही है और ना ही विभाग ने कोच नियुक्त किए हैं। ऐसे में लगता है खेल विभाग इन खेलों को लेकर बिल्कुल भी गंभीर नही है।  शहर के खिलाड़ी बेहतरीन अकादमी व कोच न होने के कारण दूसरे राज्यों का रूख करते हैं।

500 रुपए की सालाना फीस पर खिलाड़ी ले रहे ट्रेनिंग :
सैक्टर-10 लेजर वैली पार्क में कोच दीपक पासवान खिलाडिय़ों को ट्रेंड कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि उनके पास तकरीबन 40 बच्चे कोचिंग ले रहे हैं। अभी खिलाड़ी तैयार हो रहे हैं। उम्मीद है कि आने वाले कुछ सालों में चंडीगढ़ से चार या पांच खिलाड़ी नैशनल टीम का हिस्सा होंगे। दीपक ने बताया कि खिलाडिय़ों को मात्र 500 रुपए में साल भर कोचिंग दी जाती है।

कोचिंग लेने वालों में कई राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी :
लेजर वैली पार्क में कोचिंग ले रहे इन खिलाडिय़ों में कई खिलाड़ी राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी हैं। बेसबॉल कोचिंग की ट्रेनिंग ले रही तनुश्री अब तक तीन बार स्कूल नैशनल गेम्स में हिस्सा ले चुकी है। काजल ने दो बार स्कूल नैशनल और एक बार ओपन नैशनल बेसबॉस टूर्नामैंट में हिस्सा लिया है। यशोदा, वनीता, खड़क और अशोक ऐसे कई खिलाड़ी हैं जोकि स्कूल नैशनल, ओपन नैशनल और राष्ट्रीय स्तर के कई अन्य टूनामैंट में हिस्सा ले चुके हैं। 

2020 ओलिम्पिक गेम्स में शामिल हो रहा है बेसबॉल :
कोच दीपक पासवान से बताया कि देश में बेसबॉल और सॉफ्टबॉल का भविष्य सुनहरा है। यह दोनों खेल काफी लोकप्रिय हो रहे हैं। विदेशों में इन खेलों को खेलने और पसंद करने वाले खेल प्रेमियों की काफी संख्या है। ऐसे में 2020 ओलिम्पिक में पहली बार शामिल हो रही बेसबॉल की गेम इसके बाद काफी आगे चली जाएगी।

कोचिंग सैंटर में फीस देकर गुर सिख रहे खिलाड़ी :
शहर में एक जगह ऐसी भी है, जहां खिलाड़ी इस खेल के गुरों को सीख रहे हैं। लेजर वैली सैक्टर-10 में शाम चार बजे के बाद हर आयु वर्ग के खिलाड़ी सॉफ्टबॉल और बेसबॉल की पै्रक्टिस करते दिखाई देते हैं। ज्यादातर खिलाडिय़ों की उम्र 12 से 18 साल के बीच है। यह खिलाड़ी देखने में चाहे छोटे हों, लेकिन इन खिलाडिय़ों की उपलब्धियां इनकी उम्र से बढ़ी हैं।
 


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