पंजाब में बेमिसाल बदलाव के साथ शिक्षा क्रांति की शुरूआत

punjabkesari.in Saturday, Feb 11, 2023 - 09:43 PM (IST)

चंडीगढ़,(अश्वनी): सिंगापुर में प्रशिक्षण लेने के बाद वापस लौटे 36 स्कूल पिं्रसीपल्स के पहले बैच का स्वागत करते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने शनिवार को कहा कि पिं्रसीपल्स को बेहतरीन वैश्विक शिक्षा तकनीकों से लैस करने के लिए किए गए इस बेमिसाल बदलाव से राज्य में शिक्षा क्रांति के नए युग की शुरूआत हुई है।  दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मौजूदगी में इन पिं्रसीपल्स के साथ संवाद करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इन पिं्रसीपल्स के तजुर्बों से विद्याॢथयों को उनकी रुचियों के मुताबिक भविष्य के लिए तैयार करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि राज्य के लिए यह ऐतिहासिक दिन है, क्योंकि यह पिं्रसीपल्स विद्याॢथयों को मानक शिक्षा देने के लिए एक प्रेरक के तौर पर काम करेंगे। भगवंत मान ने कहा कि राज्य सरकार ने इस कार्यक्रम की शुरूआत जहां राज्य में शिक्षा प्रणाली की कायाकल्प करने के उद्देश्य से की, वहीं इससे विद्याॢथयों का भविष्य रौशन होना सुनिश्चित बनेगा।  

 

 


मुख्यमंत्री ने कहा कि कैबिनेट द्वारा विद्याॢथयों को विदेश में प्रशिक्षण के लिए दी गई मंजूरी के मद्देनजर राज्य सरकार द्वारा यह अपनी तरह की पहली पहल है। हुए उन्होंने कहा कि जब भी नई नीति पेश होती है तो विरोध की आवाज उठती है परंतु वह राज्य के हित में कोई भी फैसले लेने में गुरेज नहीं करेंगे। भगवंत मान ने कहा कि वह अध्यापकों की बुनियादी समस्याओं से अच्छी तरह वाकिफ हैं, क्योंकि वह एक अध्यापक के बेटे हैं।। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार अध्यापकों की सेवाएं अध्यापन के अलावा अन्य किसी काम के लिए नहीं लेगी।  

 

 


मुख्यमंत्री ने कहा कि उनको केंद्र सरकार से पत्र मिला कि अध्यापकों की ड्यूटी जनगणना के लिए लगाई जाए परंतु उन्होंने इसको सिरे से नकार दिया और कहा कि इस काम के लिए अन्य शिक्षित नौजवान लगाए जाएं। इससे जहां नौजवानों को रोजगार का अवसर मिलेगा, वहीं विद्याॢथयों के लिए मानक शिक्षा सुनिश्चित बनेगी। ‘तजुर्बे उम्र के साथ आएं’ के मुहावरे का हवाला देते हुए भगवंत मान ने कहा कि हम अन्यों के तजुर्बों से लाभ लेने की कोशिश कर रहे हैं, क्योंकि पिछली सरकारों की लापरवाही के कारण पंजाब पहले ही शिक्षा के क्षेत्र में पिछड़ा हुआ है।  

 

 


अध्यापकों को बच्चों के लिए आदर्श बनने के लिए कहते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य अध्यापकों के पेशेवर कौशल को निखारना है, जिससे वह विद्याॢथयों को बेहतरीन शिक्षा दे सकें। भगवंत मान ने कहा कि इस पहल से सरकारी स्कूलों के विद्याॢथयों के लिए मानक शिक्षा के नए दरवाजे खुलेंगे, जिससे वह कॉन्वैंट स्कूल के पढ़े अपने साथियों का मुकाबला करने और जीवन में सफल होने के योग्य होंगे। उन्होंने दोहराया कि अध्यापक राष्ट्र के निर्माता हैं, जो शिक्षा का स्तर ऊंचा उठा सकते हैं। इसलिए राज्य सरकार ने अध्यापकों को मानक शिक्षा सुनिश्चित बनाने का फैसला किया है।  
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस गारंटी के अंतर्गत 36 सरकारी स्कूलों के पिं्रसीपल्स के पहले बैच को पेशेवर प्रशिक्षण के लिए 4 फरवरी को सिंगापुर भेजा गया था। सिंगापुर में ठहरने के दौरान इन पिं्रसीपल्स ने 6 से 10 फरवरी तक पेशेवर अध्यापक प्रशिक्षण में भाग लिया। पहला बैच अपना प्रशिक्षण मुकम्मल होने के बाद आज वापस भारत आया है।  

 

 


मुख्यमंत्री ने कहा कि इस प्रशिक्षण कार्यक्रम से अध्यापक आधुनिक अध्यापन तकनीकों के साथ-साथ लीडरशिप कौशल के साथ लैस होंगे। इसके अलावा वह कोरोना महामारी के बाद की शिक्षा जरूरतों के साथ कदम मिलाने से ऑडियो-वीडियो प्रौद्यौगिकी और अन्य आधुनिक शिक्षा सुविधाओं, रणनीतिक प्रबंधन और अन्य जरूरी सुविधाओं से अवगत होंगे। उन्होंने उम्मीद जाहिर की कि इस मील का पत्थर साबित होने वाली पहल के अंतर्गत राज्य में शिक्षा प्रणाली में सुधार होगा। भगवंत मान ने कहा कि वह दिन दूर नहीं, जब इन कोशिशों के से पंजाब शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी बनेगा। यह अहम कार्यक्रम आने वाले दिनों में भी जारी रहेगा।  

 

 

 


जनसभा को संबोधित करते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आशा व्यक्त की कि परस्पर आपसी अदला-बदली कार्यक्रम आने वाले समय में लाभप्रद साबित होगा और इसको भविष्य में बाकायदा बनाया जाएगा। शिक्षा क्षेत्र के कायाकल्प के लिए अपने तजुर्बे सांझे करते हुए केजरीवाल ने कहा कि वह बुनियादी ढांचे के आधुनिकीकरण पर जोर देने के अलावा ऐसे कार्यक्रमों के साथ पिं्रसीपल्स और अध्यापकों में रचनात्मक ऊर्जा भरने के पक्ष में हैं। उन्होंने कहा कि जब हमने ऐसे सुधारों के साथ नतीजे देने शुरू किए तो लोगों ने अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूलों से हटाकर सरकारी स्कूलों में दाखिला करवाने में रुचि दिखाई।  दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा कि यह बड़े गर्व और संतुष्टि की बात है कि स्वास्थ्य एवं शिक्षा क्षेत्र में यह सुधार करने के लिए दिल्ली में कई साल लगे, जबकि पंजाब ने भगवंत मान के नेतृत्व में केवल 10 महीनों में ही यह काम पूरा कर दिया। उन्होंने राष्ट्रीय राजधानी में ऐसी लोक हितैषी पहलें लागू करने के दिल्ली सरकार के रास्ते में कांटे बीजने वालों की आलोचना की। केजरीवाल ने कहा कि इन लोगों के मंसूबे कभी कामयाब नहीं होंगे और यह लोकहितैषी पहल दिल्ली में लागू की जाएगी। अध्यापकों के अंतर्राष्ट्रीय प्रशिक्षण की वकालत करते हुए अरविंद केजरीवाल ने कहा कि विद्याॢथयों को भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार करने के लिए वैश्विक शिक्षा तकनीकों संबंधी तजुर्बे समय की जरूरत है।  

 

 

 


दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब सरकार का यह पृथक प्रयास राज्य में शिक्षा प्रणाली में बड़े स्तर पर सुधार लाएगा। अब ढांचा तैयार हो गया है और वह दिन दूर नहीं, जब हम सिंगापुर के अध्यापकों को प्रशिक्षण के लिए पंजाब आता देखेंगे। केजरीवाल ने पंजाब के मुख्यमंत्री की शिक्षा क्षेत्र में सुधार के लिए इस बेमिसाल पहल के लिए सराहना की।  इस अवसर पर पिं्रसीपल्स ने सिंगापुर में प्रशिक्षण के दौरान मिले तजुर्बे सांझे किए। उन्होंने अपने कौशल में निखार के लिए राज्य सरकार द्वारा इस ऐतिहासिक पहल की तारीफ की। उन्होंने कहा कि वह दिन दूर नहीं, जब इस कदम से विद्याॢथयों खास तौर पर समाज के कमजोर और पिछड़े वर्गों के विद्याॢथयों का जीवन बदलेगा। इस समय उपस्थित अहम शख्सियतों में दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया, पंजाब के शिक्षा मंत्री हरजोत बैंस शामिल थे।


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News Editor

Ajay Chandigarh

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