कोरोना पीड़ित व्यक्ति का संस्कार करने को लेकर सिविल सर्जन ने जारी की एडवाइजरी
punjabkesari.in Friday, Apr 10, 2020 - 08:57 AM (IST)
मोहाली(विनोद) : कोरोना वायरस से जिन मरीजों की मौत हुई है। उसके बाद कुछ लोगों ने अपने मन में एक डर पैदा कर लिया कि अगर कोरोना पीड़ित व्यक्ति का संस्कार करेंगे तो उससे कोरोना वायरस अन्य लोगों में फैल जाएगा। इसी डर को दूर करने के लिए मोहाली के सिविल सर्जन डॉ. मंजीत सिंह की ओर से एक एडवाइजरी जारी की गई है।
एडवाइजरी में बताया कि जिन मरीजों की कोरोना से मौत होती है, उनका संस्कार करने या उन्हें दफनाने से वातावरण के साथ अन्य किसी भी व्यक्ति का कोई नुकसान नहीं होता है। उन्होंने कहा कि संस्कार या दफनाते समय अपनी ओर से भी कुछ सावधानियों का ध्यान जरूर रखें कि उस दौरान अपने हाथों में दस्ताने व मास्क जरूरी पहना होना चाहिए।
रस्में निभाने के लिए छूने की जरूरत नहीं पड़ती :
डॉ. मंजीत सिंह ने बताया कि संस्कार के समय 800 से 1000 डिग्री सैल्सियस तक तापमान होता है, जिसमें वायरस कभी जिंदा नहीं रह सकता। उन्होंने कहा कि अगर दिशा-निर्देशों की पूरी तरह से पालना की जाए तो संस्कार के वक्त कोई बुरा असर नहीं पड़ता है। अंतिम संस्कार की अन्य रस्मों के लिए राख भी इक्टठी की जा सकती है।
एडवाइजरी में साफ तौर पर बताया गया कि मृतक के शरीर को नहलाने, चूमने, गले लगाने की इजाजत नहीं है। अगर संस्कार से पहले शव का चेहरा देखना है तो जिस बैग में शव लाया जाता है, उसके साथ जो स्टाफ मौजूद होता है, उस स्टाफ की ओर से जरूरी सावधानियां उपयोग में लाते हुए बैग को खोलने की इजाजत दी जा सकती है। मगर इस बात को भी यकीनी बनाया जाए कि कोई भी शख्स उस दौरान शव को नहीं छुएगा।
संस्कार में पहुंचे सिद्धू और चन्नी :
कैबिनेट मंत्री बलबीर सिद्धू और चरनजीत सिंह चन्नी वीरवार को गांव चतामली में एक कोरोना से मृतक के अंतिम संस्कार में पहुंचे। इन मंत्रियों का अंतिम संस्कार में शामिल होने का उद्देश्य यह था कि लोगों में भ्रांतियां खत्म हो सकें।