अब वाहन पर बच्चों, भगवान का नाम और पार्किंग स्टिकर का नहीं होगा चालान

punjabkesari.in Friday, Jan 31, 2020 - 08:44 AM (IST)

चंडीगढ़(रमेश) : पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के आदेशों के बाद सरकारी या गैर सरकारी वाहनों पर डेजिग्नेशन, किसी प्रकार का लोगो, विज्ञापन, प्रैस, एडवोकेट, सांसद, विधायक, चेयरमैन, अध्यक्ष, डॉक्टर, पुलिस डिफैंस या आर्मी आदि लिखना अब ट्रैफिक नियमों का उलंघन माना जाएगा, जिसके चालान काटने भी शुरू हो गए हैं। 

पुलिस व आम जनता में अभी भी असमंजस की स्थिति बनी हुई है, जिसे दूर करते हुए यू.टी. के स्टैंडिंग कौंसिल पंकज जैन ने बताया कि अनअथॉराइज्ड शब्द निजी या सरकारी वाहनों पर नहीं लिखे जा सकते, जिनमें भारत या राज्य सरकार ऑन गवर्नमैंट ड्यूटी, किसी राजनीतिक पार्टी का नाम, पोस्टर और झंडी शामिल हैं। 

उन्होंने बताया कि वाहनों के पीछे या आगे बच्चों का नाम लिखा होना, भगवान का नाम, किसी सोसाइटी में प्रवेश का स्टिकर, क्लबों आदि जगह पर पार्किंग का स्टिकर, डिपार्टमैंट की ओर से जारी किया गया पार्किंग स्टिकर, हाईकोर्ट या डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के पंजीकृत वकीलों को जारी स्टिकर लगाने पर चालान नहीं होगा।

जस्टिस राजीव शर्मा से मिला वकीलों का प्रतिनिधिमंडल :
जिला अदालत के वकीलों का एक प्रतिनिधिमंडल इस संबंध में वीरवार को जस्टिस राजीव शर्मा से मिला। उन्होंने वकीलों के वाहनों पर लगे सदस्यता स्टिकर को चालान से बाहर रखने की बात कही और वकीलों को सलाह दी है कि पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट और जिला अदालत बार एसोसिएशन द्वारा जारी स्टिकर में वकील के वाहन का नंबर भी लिखें ताकि स्टिकर का मिसयूज न हो। 

रौब झाडऩे वालों से सख्ती से निपटें : हाईकोर्ट 
सरकारी या निजी किसी भी वाहन (एम्बुलैंस और फायर ब्रिगेड को छोड़कर) पर विभाग, एम्बलम या पद का नाम अंकित नहीं होना चाहिए। हाईकोर्ट ने कहा कि कुछ लोग गाड़ियों पर पद और नाम लिखकर वी.आई.पी. गिरी झाड़ते हैं। 

हाईकोर्ट ने ट्रैफिक पुलिस को सख्त निर्देश दिए हैं कि ऐसा करने वालों से सख्ती से निपटा जाए। यह मोटर व्हीकल एक्ट का सरेआम उल्लंघन है और ऐसा करने वालों को किसी भी कीमत पर नहीं छोडऩा है। आदेश देते ही जस्टिस शर्मा ने अपनी गाड़ी पर लगे स्टीकर को तुरंत हटावा दिया था।


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Priyanka rana

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