कोरोना काल में बच्चे मोबाइल व कार्टून में बिजी, हुए चिड़चिड़े

Monday, Jun 01, 2020 - 12:47 PM (IST)

चंडीगढ़ (अर्चना) : कोरोना लॉकडाउन ने बच्चों को चिड़चिड़ा कर दिया है। न वे खेल पा रहे हैं, न दोस्तों से मिल सकते हैं। घर में मोबाइल गेम या टी.वी. कार्टून हो देखने को मजबूर हैं। बाकी का समय वे मोबाइल पर ऑनलाइन क्लासिज को दे रहे हैं। ऐसे में उनका व्यवहार बदलने लगा है। 

पी.जी.आई. का कहना है कि कोरोना की वजह से हर उम्र का व्यक्ति तनाव में आ चुका है। पी.जी.आई. के डॉक्टर्स के साथ मिलकर इंडियन साइकैट्री एसोसिएशन द्वारा किए गए ऑनलाइन सर्वेक्षण ने बताया है कि देशभर के 40 फीसदी लोग किसी न किसी किस्म के मैंटल हैल्थ डिजीज से जुड़ गए हैं। 38 प्रतिशत एंग्जाइटी जबकि 10 प्रतिशत लोग डिप्रैशन में आ गए हैं।

देशभर के 1500 लोगों से सवाल किए गए :
पी.जी.आई. के साइकैट्री विभाग के विशेषज्ञ प्रो. संदीप ग्रोवर का कहना है कि ऑनलाइन सर्वे में देशभर के 1500 लोगों से सवाल किए गए। उनमें चंडीगढ़ के लोगों को भी शामिल किया गया था। सर्वे कहता है कि कोरोना काल से पहले की तुलना में अब ज्यादा लोग तनाव में आ गए हैं। 

बुजुर्गों के मन को कोरोना से होने वाली मौत का डर सता रहा है। मध्यम आयु वर्ग के लोगों को कोरोना की वजह से हुए आर्थिक नुकसान का दर्द सता रहा है। बहुत से लोगों को यह भी खौफ है कि वह बाहर जाएंगे तो उन्हें कोरोना संक्रमण हो जाएगा, वह बीमार हो गए तो उनके परिवार को भी संक्रमण हो जाएगा। वहीं, अगर बाहर न गए तो घर में पैसा कैसे आएगा? ये सारे डर लोगों को तनाव दे रहे हैं।

इमरजैंसी में भी आ रहे पेशैंट्स :
प्रो.संदीप ग्रोवर का कहना है सर्वे रिपोर्ट के अलावा पी.जी.आई. के टेलीमैडीसन, कोविड हैल्पलाइन, इमरजैंसी में ऐसे पेशैट्स आ रहे हैं, जिसमें दिख रहा है कि कोरोना वायरस ने लोगों की मानसिक हालत को गड़बड़ा दिया है। 

जरूरी हो गया है कि पेरेंट्स बच्चों को मोबाइल गेम से आंखों और दिमाग पर होने वाले दुष्प्रभावों के बारे में समझाएं। बच्चों की ऑनलाइन क्लासिज लंबी न खींचे। बच्चे घर के बुजुर्गों के साथ मिलकर लूडो, चैस जैसे गेम खेलें। बुजुर्ग यह तनाव न लें कि कितने लोग कोरोना की वजह से मर रहे है। नौकरी के लिए लोगों को बाहर जाना है तो वे डरें नहीं बल्कि सावधानी के साथ बाहर निकलें।

तनाव से बचने को यह करें :
-जितना हो सके खुद को व्यस्त रखें।
-कोरोना से कितने लोगों की मौत हो गई, यह जानने की कोशिश न करें।
-सकारात्मक चीजों पर ध्यान दें स्कूल ऑनलाइन क्लासिज को लंबे समय तक न खीचें
-बाहर निकलें तो सोशल डिस्टैंसिंग का पालन करें, मास्क पहनें, डरने की जरूरत नहीं है।
-बच्चे इनडोर गेम खेलें
-बुजुर्ग खुद को नैगेटिव चीजों से दूर रखें।

 


Priyanka rana

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