नवजात ‘मासूम’ को मिला नाम, निकू से प्राइवेट वार्ड में किया शिफ्ट

Saturday, Aug 19, 2017 - 08:38 AM (IST)

चंडीगढ़(अर्चना) : मामा के शोषण की शिकार नाबालिग बच्ची की नवजात ‘मासूम’ को नाम मिल गया है। चाइल्ड वैल्फेयर कमीशन ने शुक्रवार को बच्ची का नामकरण कर दिया है। नामकरण के साथ ही कमीशन ने बच्ची की देखभाल भी शुरू कर दी है। जन्म के कुछ मिनट बाद ही बच्ची को सैक्टर-32 अस्पताल के नियोनेटल इंटेंसिव केयर यूनिट (निकू) में रख दिया गया था, परंतु आज बच्ची को निकू से डिस्चार्ज कर प्राइवेट वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया। 

 

वहीं मासूम बच्ची की नाबालिग मां को भी दूसरे प्राइवेट वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया। डाक्टर्स की मानें तो मासूम बच्ची के बॉडी ओर्गन की जांच अब भी जारी है। डाक्टर्स बच्ची का चैकअप कर रहे हैं, परंतु बच्ची की देखभाल की कमान कमीशन को सौंप दी है। कमीशन ने तीन अटैंडैंट को बच्ची की देखभाल की जिम्मेदारी सौंपी है। जब तक बच्ची हॉस्पिटल में रहेगी तब तक हॉस्पिटल का मिल्क बैंक बच्ची को दूध देता रहेगा। उसके बाद बच्ची को फार्मूला मिल्क (मिल्क पाऊडर) के आसरे अपनी भूख मिटानी होगी। 

 

स्नेहालय भेजा जाएगा या आश्रम, अभी फैसला नहीं :
चाइल्ड वैल्फेयर कमीशन ने अब तक यह फैसला नहीं लिया है कि बच्ची को हॉस्पिटल के बाद स्नेहालय भेजा जाएगा या फिर किसी आश्रम को मासूम की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। वहीं बंगाल से एक व्यक्ति ने कमीशन को फोन कर बच्ची को गोद लेने की इच्छा जाहिर की है, लेकिन कमीशन ने बच्ची को वेटिंग लिस्ट के मुताबिक गोद देने की बात की है। 

 

मां पैरेंट्स की देखरेख में, मासूम को पाल रहे अटैंडैंट्स :
चाइल्ड वैल्फेयर कमीशन के चेयरमैन नील रोबर्ट का कहना है कि बच्ची की हॉस्पिटल में देखभाल के लिए कमीशन ने तीन अटैंडेंट्स की जिम्मेदारी लगा दी है। ये अटैंडैंट्स रोटेशन में 24/7 राऊंड दि क्लॉक बच्ची की देखभाल करेंगे। बच्ची का नाम भी रख दिया गया है। बच्ची को प्रोटैक्शन व शैल्टर देने की जिम्मेदारी कमीशन के पास ही रहेगी। बच्ची को हॉस्पिटल से डिस्चार्ज होने के बाद स्नेहालय या किस आश्रम में भेजना है इस बाबत अभी फैसला नहीं लिया जा सका है। 

 

बच्ची को गोद लेने की इच्छा बंगाल के एक शख्स ने जताई है। वह दो दफा कॉल कर बच्ची को अपनाने की बात कह चुका है, परंतु बच्ची को सिर्फ अडॉप्शन पॉलिसी के अंतर्गत ही गोद दिया जाएगा। उधर, जी.एम.सी.एच.-32 मैडीकल बोर्ड के चेयरमैन डॉ.हरीश दासारी का कहना है कि नवजात बच्ची और उसकी मां दोनों को अलग-अलग प्राइवेट वाड्र्स में शिफ्ट कर दिया गया है। दोनों स्वस्थ हैं। 

 

सुप्रीम कोर्ट ने प्रशासन से बच्ची को 10 लाख रुपए देने बाबत मांगी प्रतिक्रिया :
चंडीगढ़ प्रशासन से सुप्रीम कोर्ट ने नाबालिग बच्ची को 10 लाख रुपए देने के मामले में प्रतिक्रिया मांगी है। मामा के शोषण की शिकार बच्ची के मामले में कोर्ट में एक याचिका डाली गई है, जिस पर सुनवाई करते हुए जस्टिस मदन बी. लोकर और जस्टिस दीपक गुप्ता ने पीड़ित बच्ची को 10 लाख रुपए देने पर प्रतिक्रिया मांगी है। याची ने कोर्ट को कहा है कि 10 लाख रुपए में से 3 लाख रुपये पीड़िता को तुरंत दे दिए जाएं, जबकि बाकी के 7 लाख रुपए पीड़ित के बैंक अकाऊंट में डाल दिए जाएं। मामले में अगली सुनवाई 22 अगस्त को होगी।  

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