हिसार जिले के 9 गांवों में होगा मुख्यमंत्री का जनसंवाद कार्यक्रम
punjabkesari.in Monday, Sep 04, 2023 - 06:58 PM (IST)

चंडीगढ़, (बंसल): हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल के जन संवाद कार्यक्रम का पड़ाव अब हिसार जिला पहुंच चुका है। 6 से 8 सितम्बर तक तीन दिन हिसार के लगभग 9 गांवों में मुख्यमंत्री ग्रामीणों से संवाद कर उनकी समस्याएं सुनेंगे। 6 सितम्बर को मुख्यमंत्री प्रात: थुराना गांव में जनसंवाद कार्यक्रम की शुरुआत करेंगे। तत्पश्चात दोपहर को गांव ढाणा कलां व शाम को गांव कुलाना में लोगों से संवाद करेंगे। 7 सितम्बर को प्रात: सातरोड़ खास गांव में जनसंवाद होगा। उसके बाद दोपहर में मिर्जापुर गांव और शाम को बहबलपुर गांव में जनसंवाद कार्यक्रम आयोजित होगा। इसी प्रकार, 8 सितम्बर को मुख्यमंत्री गुराना गांव से जनसंवाद कार्यक्रम की शुरूआत करेंगे और उसके बाद नारनौंद कस्बे और उगालन गांव में जनसंवाद करेंगे।
जन संवाद कार्यक्रम बन रहा उम्मीद की किरण
2 अप्रैल से सरकार आपके द्वार की परिकल्पना पर आधारित शुरू किए गए मुख्यमंत्री के जन संवाद कार्यक्रम ग्रामीणों में आशा की एक किरण बन रहे हैं। इन जनसंवाद कार्यक्रमों में जहां एक ओर वृद्धावस्था पैंशन के लिए पात्र बुजुर्गों को मौके पर ही पैंशन बनने का तोहफा मिल रहा है, तो वहीं दूसरी ओर जरूरतमंद नागरिकों की समस्याओं का मौके पर ही समाधान हो रहा है। लोकप्रियता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जिन गांवों में यह संवाद आयोजित होते हैं, उस गांव के अलावा साथ लगते गांव के निवासी भी जनसंवाद कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के समक्ष अपनी बात रखने पहुंचते हैं।
छोटी सरकारों के चुने हुए जनप्रतिनिधियों को दी जा रही तरजीह:
हरियाणा में पढ़ी-लिखी पंचायतों की ऐतिहासिक पहल कर राजनीति विशेषकर पंचायती राज संस्थाओं में एक नई इबारत लिखने वाले मुख्यमंत्री मनोहर लाल की यह पहल जमीनी स्तर पर सार्थक सिद्ध हो रही है। जब चुने हुए सरपंच जनसंवाद कार्यक्रमों में अपने गांवों के विकास के लिए मांग करते हैं। साथ ही पंचायती राज संस्थाओं में महिलाओं को 50 प्रतिशत प्रतिनिधित्व दिए जाने की पहल भी जमीनी स्तर पर सकारात्मक परिणाम ला रही है। इसकी झलक जनसंवाद कार्यक्रमों में भी देखने को मिल रही है, जब मुख्यमंत्री कहते हैं कि गांव की बात महिला सरपंच स्वयं कहेंगी न कि उनके प्रतिनिधि। जनसंवाद कार्यक्रम में मुख्यमंत्री छोटी सरकारों के चुने हुए जनप्रतिनिधियों को सम्मान अपने साथ मंच साझा करने का अवसर देते हैं, उनके इस भाव से महिला सरपंचों का आत्मविश्वास बढ़ा है और वे गांवों के विकास हेतु और अधिक उत्साह से कार्य कर रही हैं।