सूक्ष्म सिंचाई से होती है 50 से 60 प्रतिशत पानी की बचत

punjabkesari.in Tuesday, Jun 28, 2022 - 06:50 PM (IST)

चंडीगढ़,(बंसल): हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने आज पंचकूला से 100 फुट से ज्यादा गहरे भूमिगत जल वाले गांवों के लिए सूक्ष्म सिंचाई की 7500 प्रदर्शन परियोजना के उद्घाटन समारोह में हरियाणा के प्रगतिशील किसानों से बात करते हुए कहा कि सूक्ष्म सिंचाई से धान लगाने का कार्य शुरू हो चुका है, जो यह बहुत बड़ा उदाहरण है।

 


प्रगतिशील किसान मनोज कुमार, तरावड़ी, जिला करनाल ने मुख्यमंत्री से बातचीत करते हुए बताया कि मैंने इस वर्ष मिकाड़ा के तहत सूक्ष्म सिंचाई का इस्तेमाल एक एकड़ भूमि पर किया। जिसमें धान की फसल लगाई हुई है, जिससे 50 से 60 प्रतिशत पानी की बचत के साथ-साथ खेत के मजदूरी का पैसा भी बचा है। उन्होंने बताया कि मैंने सिर्फ जी.एस.टी. का 18 हजार रुपए ही भरा था बाकी का सारा खर्च 82 से 83 प्रतिशत सरकार द्वारा वहन किया गया है। डी.एस.आर. विधि से 50 से 30 प्रतिशत पानी की बचत होती है। इसी प्रकार प्रगतिशील किसान अशोक रत्ताखेड़ा जिला फतेहाबाद ने बताया कि उन्होंने सूक्ष्म सिंचाई 1 एकड़ में लगवाया है, जिससे 50 प्रतिशत से अधिक पानी की बचत होती है और इस बार अपनी सारी जमीन पर सूक्ष्म सिंचाई लगवाने की सोच रहा हूं।
 

 

सूक्ष्म सिंचाई से फसल की अधिक पैदावार 
प्रगतिशील किसान बलबीर सिंह जिला अम्बाला ने अपने खेत से मुख्यमंत्री से सीधी बात करते हुए बताया कि 2019-20 में सिंचाई विभाग की टीम आई थी जिन्होंने मुझे यह प्रोजैक्ट लगाने की सलाह दी। तो मैंने 2 एकड़ गन्ने की फसल में यह प्रोजैक्ट लगवाया और पिछले वर्ष धान की खेती में भी इसका उपयोग किया। सूक्ष्म सिंचाई से किसान को पानी व बिजली की बचत के साथ-साथ फसल की अधिक पैदावार भी होती है। किसान हक्कम सिंह जिला यमुनानगर ने बताया कि वह 21 एकड़ भूमि पर सूक्ष्म सिंचाई से खेती कर रहा है, जिसमें गन्ना और धान की फसल कर रहा है। उन्होंने बताया कि पहले एक ट्यूबवैल से 8 घंटे में 1 एकड़ में पानी फिरता था लेकिन अब सूक्ष्म सिंचाई के कारण 1 घंटे में 5 एकड़ फसल में पानी फिरता है। इससे पानी के साथ बिजली की भी बचत हो रही है। प्रगतिशील किसान लखविंद्र सिंह जिला कुरुक्षेत्र ने बताया कि सूक्ष्म सिंचाई पानी बचाने के लिए बहुत अच्छी योजना है क्योंकि इससे भविष्य में आने वाली पीढिय़ों को पानी मिल सकेगा। 
 


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News Editor

Ajay Chandigarh

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