GMCH-32 में फ्री मिलने वाली दवाइयां बेची जा रही अस्पताल के कैमिस्ट शॉप पर

Monday, Aug 26, 2019 - 10:00 AM (IST)

चंडीगढ़(पाल) : जो दवाइयां मरीजों को जी.एम.सी.एच.-32 में फ्री में मिलनी चाहिए, वे मरीज अस्पताल में ही मौजूद कैमिस्ट शॉप से खरीद रहे हैं। रविवार को अस्पताल में ब्लॉक-डी में मौजूद शिव मैडीकोज से श्याम लाल ने इमैपेनिम और इलस्टाटिन एंटीबॉयोटिक दवाएं खरीदी थीं, जो गवर्नमैंट सप्लाई की ओर से जी.एम.सी.एच.-32 की फॉर्मैसी में मौजूद होनी चाहिए थीं। बकायदा दवाओं पर नॉट फॉर सेल भी लिखा हुआ है। इसके बावजूद दवाओं को प्राइवेट कैमिस्ट बेच रहे हैं, वह भी अस्पताल प्रशासन के सामने।

डाक्टरों की मिलीभगत?
दवाओं के इस हेर-फेर में पहले भी अस्पताल के मामलों में डाक्टरों समेत स्टाफ का नाम शामिल हुआ था। जो दवाएं अस्पताल में आने वाले मरीजों के लिए गवर्नमैंट की ओर से फ्री में देने के लिए आती हैं, उन्हीं दवाओं को बेच कर मुनाफा कमाया जा रहा है। 

खुद अस्पताल के स्टाफ का मानना है कि दवाओं के लिए डाक्टर व एम.आर. का बड़ा नैक्सेस चल रहा है। मरीज को खुद वह किसी खास एक कैमिस्ट की दुकान से दवाएं खरीदने के लिए कह देते हैं। वहीं मरीज डाक्टर के कहने पर उसे अनदेखा नहीं करता। कुछ दवाएं जो सस्ते दामों पर बाहर मिलती हैं, उनसे ज्यादा चार्ज किए जाते हैं। पहले के कई मामलों में अभी तक शामिल कई लोगों पर जांच चल रही है। 

फिर भी डबल चार्ज :
दोनों इंजैक्शन का चार्ज शिव मैडीकॉज ने 700 रुपए लिया है। एक इंजैक्शन के यानि 350 रुपए मरीज से लिए गए। वहीं बाहर यही दवाएं 400 रुपए तक मरीज खरीद सकता था। फ्री मैडीसन को प्राइवेट कैमिस्ट दुकान पर बेचना और वह डबल चार्ज करके मरीज से लिया जा रहा है। 

खुद की है फार्मेसी :
अस्पताल के पास हालांकि खुद की फॉर्मेसी भी है। जहां बहुत-सी दवाइयां गवर्नमैंट की ओर से सप्लाई की जाती हैं। इन दवाओं पर नॉट फॉर सेल का बैच भी लगा होता है। इन दवाओं को भेजने का मकसद है कि  आर्थिक रूप से कमजोर मरीजों को कॉमन व महंगी दवाएं फ्री में मिल सके। 

डायरैक्टर को भेजी शिकायत 
रविवार को इस मामले को लेकर जी.एम.सी.एच. के डायरैक्टर प्रो. बी.एस. चवन को भी शिकायत दी गई है। उनका कहना है कि फिलहाल इस मामले की उन्हें कोई जानकारी नहीं है लेकिन इस तरह का अगर कोई मामला है तो उसकी जांच की जाएगी। 

Priyanka rana

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