हैरीटेज फर्नीचर की ऑक्शन की जांच करेगा डायरैक्टोरेट ऑफ रैवेन्यू इंटैलीजैंस

punjabkesari.in Saturday, Jun 17, 2017 - 09:33 AM (IST)

चंडीगढ़(विजय) : देश-विदेशों में हो रही चंडीगढ़ के हैरीटेज फर्नीचर की ऑक्शन का मामला अब डायरैक्टोरेट ऑफ रैवेन्यू इंटैलीजैंस के पास चला गया है। इस बारे में ऑर्किलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की ओर से इंटैलीजैंस को लैटर लिखा गया है। 

 

दरअसल जब चंडीगढ़ प्रशासन अपने ही हैरीटेज फर्नीचर की हिफाजत नहीं कर पाया तो एडवोकेट अजय जग्गा ने ऑर्किलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के पास इसकी शिकायत भेजी। शिकायत में उन्होंने लिखा है कि चंडीगढ़ के निर्माता ली कार्बूजिए और उनके कजन पीयरे जेनरे जो फर्नीचर यहां रहते हुए डिजाइन किया उसको अवैध तरीके से बाहर विदेशों तक पहुंचाया जा रहा है। वहां विदेशों में ऑक्शन हाऊस करोड़ों रुपए इस फर्नीचर से कमाई कर रहे हैं। इसको लेकर अब आर्किलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया ने एक लैटर डायरैक्टोरेट ऑफ रैवेन्यू इटैलीजैंस को भेजा है। 

 

इसमें आर्किलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की तरफ से लिखा गया है कि लकड़ी का फर्नीचर जो बाहर विदेशों में भेजा जा रहा है, वो ए.ए.टी.-1972 एक्ट के दायरे में नहीं आता है। इसके चलते ही इस पर कोई कार्रवाई नहीं उनकी तरफ से नहीं की जा सकती है लेकिन उन्होंने आगे लिखा है कि अगर ये कस्टम एक्ट 1962 के दायरे में विदेशों में फर्नीचर को पहुंचाने का मामला आता है तो रैवेन्यू इटैलीजैंस इस मामले को टेकअप करे और जो भी कानूनों के तहत कार्रवाई बनती है, वो करें।

 

प्रशासन नहीं कर पाया कोई कार्रवाई :
पिछले कुछ सालों के दौरान शहर का हैरीटेज फर्नीचर चोरी होकर विदेशों तक पहुंच गया लेकिन प्रशासन न तो यह पता कर पाया कि आखिर यह फर्नीचर गया कैसे? और न ही इसकी जानकारी हासिल की जा सकी कि कौन से डिपार्टमैंट से कितना फर्नीचर विदेशों में पहुंच गया। हालांकि कुछ मामलों में चंडीगढ़ पुलिस ने गिरफ्तारियां भी की थीं लेकिन बावजूद इसके पेरिस और यू.एस.ए. सहित कई अन्य देशों में पियरे जेनरे के डिजाइन किए गए फर्नीचर्स की ऑक्शन लगातार जारी है। 


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