नौकरी लगवाने के नाम पर आर.पी.एफ. के हैड कांस्टेबल से लाखों की ठगी

Tuesday, Jan 05, 2021 - 07:14 PM (IST)

चंडीगढ़, (सुशील राज) : आर.पी.एफ. में तैनात हैड कांस्टेबल के रिश्तेदार दो युवकों को गुरुग्राम यूनिवर्सिटी में नौकरी लगवाने के नाम पर सैक्टर-20 निवासी ने हैड कांस्टेबल से 8 लाख रुपए की ठगी कर ली। आर.पी.एफ. में तैनात हैड कांस्टेबल इंद्रजीत सिंह से रुपए लेने के बाद उसके रिश्तेदार को न तो नौकरी लगवाया और न ही सैक्टर-20 निवासी परमिंदर सिंह ने लाखों रुपए वापस किए। मौलीजागरां स्थित रेलवे कॉलोनी निवासी हैड कांस्टेबल ने मामले की शिकायत पुलिस को दी। सैक्टर-19 थाना पुलिस ने मामले की जांच कर हैड कांस्टेबल इंद्रजीत सिंह की शिकायत पर परमिंदर के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर लिया है।

 


कमांडैंट ऑफिस में अधिकारियों से मिलने आता था आरोपी
रेलवे कॉलोनी निवासी इंद्रजीत ने बताया कि वह अंबाला रेलवे स्टेशन पर तैनात है। वहां पर सैक्टर-20 निवासी परमिंदर सिंह कमांडैंट आफिस के अधिकारियों से मिलने आता-जाता था। इस दौरान उसकी भी परमिंदर सिंह से जान-पहचान हो गई। इंद्रजीत ने बताया कि परमिंदर सिंह ने उसे कहा कि उसके कई अधिकारी जान-पहचान के हैं। वह कई युवकों को नौकरी लगवा चुका है। अगर तुझे किसी को नौकरी लगवाना है तो बताना।


भाई व बुआ के बेटे को नौकरी लगवाना था
अगस्त 2019 में हैड कांस्टेबल ने कहा कि वह भाई के बेटे जसवंत और बुआ के बेटे भूपिंदर को नौकरी लगवाना चाहता है। परमिंदर सिंह ने कहा कि अभी गुरुग्राम यूनिवर्सिटी में लैब क्लीनर और पीयन की नौकरी निकली हुई है। वह जसवंत और भपिंद्र को दोनों को लगवा देगा लेकिन इसके लिए उसे आठ लाख रुपए देने होंगे। हैड कांस्टेबल ने जसवंत के चार और भूपिंद्र के चार लाख रुपए नौकरी लगवाने के लिए परमिंदर को दे दिए। इसके साथ हैड कांस्टेबल ने दोनों युवकों के एजुकेशन सर्टीफिकेट फॉर्म के साथ भरकर उसे पहुंचा दिए। रुपए लेने के बाद कुछ माह तक परमिंदर ने कोई नौकरी नहीं लगवाई। हैड कांस्टेबल ने परमिंदर से बात की तो वह उसे नजरअंदाज करने लगा। रुपए वापस मांगे तो वह बहाने बनाने लगा। 
 

ashwani

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