हरियाणा सरकार ने सिंचाई विभाग के 4 अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई , एक अधिकारी निलंबित
punjabkesari.in Wednesday, Aug 09, 2023 - 09:11 PM (IST)

चंडीगढ़,(बंसल): हरियाणा में यमुना नदी की वजह से आई बाढ़ के समय ड्यूटी में कोताही बरतने के मामले में सरकार ने सिंचाई विभाग के 4 अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की है। इन अधिकारियों के खिलाफ एक जांच कमेटी की रिपोर्ट के बाद कार्रवाई की गई है। यह जांच कमेटी आई.टी.ओ. यमुना बैराज के बाढ़ के दौरान 4 गेट नहीं खुलने के मामले की जांच के लिए बनाई गई थी। प्रदेश सरकार ने सिंचाई विभाग के चीफ इंजीनियर संदीप तनेजा को सस्पैंड किया है। विभाग के एस.ई. तरुण अग्रवाल और एक्स.ई.एन. मनोज कुमार को चार्जशीट करने के आदेश जारी किए हैं। इसके साथ ही यमुना बैरोज पर तैनात एस.डी.ओ. मुकेश वर्मा को रूल-7 के तहत चार्जशीट किया गया है।
गौरतलब है कि भारी बरसात की वजह से यमुना में बहुत ज्यादा मात्रा में पानी आ गया था और दिल्ली में आई.टी.ओ. के पास बैराज के 4 गेट नहीं खुलने की वजह से समय रहते यह पानी तेजी से आगे नहीं जा पाया था। इस मामले का संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने पूरे मामले की जांच के लिए 3 सदस्यीय फैक्ट फाइंङ्क्षडग कमेटी बनाई थी। सिंचाई विभाग के इंजीनियर इन चीफ राकेश चौहान की अध्यक्षता में बनी इस कमेटी में सदस्य के तौर पर विभाग के इंजीनियर इन चीफ डा. सतबीर कादियान और चीफ इंजीनियर सुरेश कुमार यादव को शामिल किया गया था।
जुलाई में दिल्ली में आई.टी.ओ. बैराज पर लगे 32 में से 4 गेट नहीं खुल पाने के संबंध में तथ्यान्वेषी रिपोर्ट में कमेटी ने अपनी जांच में बताया कि ये गेट लगभग 12 फीट गहरे बाढ़ के पानी में डूबे हुए थे और लगभग 12 से 13 फीट की गहराई तक गाद से भरे हुए थे। इन गेटों को केवल तभी उठाया जा सकता है जब इन गेटों के चारों ओर अपस्ट्रीम और डाऊनस्ट्रीम दोनों गाद को विशेष तकनीक के माध्यम से हटा दिया जाए। रिपोर्ट में बताया गया है कि बैराज गेट संचालन में 2020 के बाद कोई रिकॉर्ड नहीं रखा गया है और मानसून में भी गेज रजिस्टर बनाकर नहीं रखा जाता है। यह भी सामने आया है कि यहां का प्रबंधन देखने वाले अधिकारियों ने बाढ़ प्रबंधन की स्थिति की समीक्षा के लिए मानसून से पहले कोई बैठक आयोजित नहीं की और न ही इसकी सूचना मुख्यालय को दी। पिछले वर्ष भी अधीक्षण अभियंता, एफ.सी.-1, सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग, दिल्ली ने अपने पत्र दिनांक 06.07.2022 के माध्यम से यमुना (आई.टी.ओ.) बैराज के गेट बंद करने के संबंध में लापरवाही की सूचना दी थी और कहा था कि उस समय संचालन के लिए कोई बिजली कनैक्शन उपलब्ध नहीं था। मुख्य रूप से दिल्ली में बाढ़ अधिक अतिक्रमण के कारण आई, जिसके कारण पानी रिंग रोड तक चला गया। नदी के आसपास अत्यधिक और अनियोजित निर्माण से यमुना का प्रवाह बाधित हो रहा है।
रिपोर्ट के अनुसार शुष्क मौसम के दौरान नदी का प्रवाह पूरी तरह से रुक जाता है, जिससे अवसादन और विकास होता है। विभिन्न नालों के माध्यम से प्रदूषित पानी को नदी में छोडऩे से गाद जमा हो जाती है और नदी के तल स्तर में वृद्धि होती है। ऐसे में दिल्ली को गेट नंबर 28 से 32 के सामने रेतीले बेला द्वीप को हटा देना चाहिए, ताकि इन गेटों पर बाढ़ के पानी का प्रवाह हो सके। रिपोर्ट के अनुसार दशकों से यमुना के प्राकृतिक बाढ़ आऊटलेट पर व्यवस्थित रूप से अतिक्रमण किया गया है और दिल्ली के बाढ़ के मैदानों को खाली जगह मान कर बड़ी गलती की गई है। दिल्ली में वजीराबाद बैराज 1137020 सी.एस. पर उच्चतम डिस्चार्ज दर्ज किया गया है, जो एच.के.बी. या ओखला में किए गए रिलीज से मेल नहीं खाता है। यू.वाई.आर.बी. को वजीराबाद, यमुना बैराज आई.टी.ओ. और ओखला बैराज पर सभी गेजों को पुन: कैलिब्रेट करने के लिए कहा जाना चाहिए, ताकि भविष्य में सही गेजों की रिपोर्ट की जा सके। मानसून का मौसम आम तौर पर जुलाई से शुरू होता है, इससे पहले ही दिल्ली में मुख्यालय वाले सी.ई. वाई.डब्ल्यू.एस. (एस.) को सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण विभाग दिल्ली और यू.पी. सिंचाई विभाग के साथ निगरानी और समन्वय तंत्र बनाए रखने के लिए करीबी संपर्क की आवश्यकता होती है।