नकली करंसी और एन.डी.पी.एस. केस में फंसाने के मामले में आरोप तय

punjabkesari.in Saturday, Oct 14, 2017 - 10:34 PM (IST)

चंडीगढ़ (संदीप): मोहाली के रहने वाले बिजनेसमैन को साजिश के तहत नकली करंसी और एन.डी.पी.एस. केस में फंसाने के मामले में जिला अदालत ने वकील जतिन सलवान, चंडीगढ़ पुलिस के पूर्व इंस्पैक्टर तरसेम राणा, नरेंद्र सिंह, नवजोत सिंह धालीवाल, लवप्रीत और कुलदीप के खिलाफ आरोप तय कर दिए हैं।

सभी के खिलाफ 18, 29 एन.डी.पी.एस. एक्ट, आई.पी.सी. की धारा 489 सी (नकली नोट का इस्तेमाल), 201, 212 और 120बी (आपराधिक साजिश) के तहत केस चलेगा। जतिन सलवान, तरसेम राणा, नरेंद्र सिंह, नवजोत सिंह धालीवाल, लवप्रीत के खिलाफ चार्जशीट दायर करने के बाद कुलदीप सिंह के खिलाफ सप्लीमैंट्री चार्जशीट दायर की थी। कुलदीप पर लवप्रीत को पनाह देने और ड्रग की सप्लाई करने का आरोप है।

वहीं अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायालय ने भगवान सिंह को पुलिस की याचिका के बाद केस से डिस्चार्ज कर दिया था। मलोया थाना पुलिस ने केस में आरोपियों से जुड़ी कॉल डिटेल संबंधी सी.एफ.एस.एल. रिपोर्ट को केस में अहम सबूत बनाया है। केस का ट्रायल 31 अक्तूबर से शुरू होगा। गौरतलब है कि मलोया थाना पुलिस ने भगवान सिंह को 15 लाख रुपए नकली करंसी और 2.8 किलो अफीम के साथ 16 जून को गिरफ्तार किया था।

पुलिस जांच में भगवान सिंह ने बताया था कि वह मोहाली के रहने वाले सुखबीर सिंह शेरगिल के पास बतौर अकाऊंटैंट कार्यरत हैं और उन्होंने ही उसे कार देकर पंचकूला से किसी से फाइलें लेने भेजा था। इसके बाद जब पुलिस ने शेरगिल से पूछताछ की तो उसने बताया कि लुधियाना निवासी नरेंद्र सिंह से उसका विवाद चल रहा है उसने यह भी बताया था कि पिछले कुछ दिनों से उसे कनाड़ा के एक नंबर से कॉल और मैसेज आ रहे थे कि उनके पास नरेंद्र से जुड़े एक शक्स की कंपनी में घोटाले से जुड़े दस्तावेज हैं।

जिन्हें लेने ही उन्होंने भगवान सिंह को पंचकूला भेजा था। वहां एक महिला ने भगवान सिंह को बंद लिफाफे में कुछ फाइलें पकड़ाई थी, जिनमें से ही अफीम और नकली करंसी बरामद हुई थी।


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