GMSH-32 -18 की दवाई के लिए 180 रुपए, अपना कैमिस्ट्स को भरना हर्जाना

Saturday, Mar 02, 2019 - 08:07 AM (IST)

चंडीगढ़ (राजिंद्र): जी.एम.सी.एच.-32 की अपना कैमिस्ट्स को 18 रुपए की दवाई के लिए 180 रुपए चार्ज करना महंगा पड़ गया है। फोरम ने दोनों को सेवा में कोताही का दोषी करार दिया है। फोरम ने कहा कि अस्पताल  परिसर में ये कैमिस्ट शॉप चल रही है, इसलिए इसकी जांच का काम काम अस्पताल का है, लेकिन इसमें हॉस्पिटल द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई। 

 

फोरम ने अपना कैमिस्ट्स को निर्देश दिए कि वह शिकायतकत्र्ता को 108 रुपए लौटाए। साथ ही मानसिक पीड़ा और उत्पीडऩ के लिए दोनों को 10-10 हजार रुपए भी मुआवजा और पांच-पांच हजार रुपए मुकदमा खर्च भी देने के निर्देश दिए हैं। 

 

साथ ही राज्य उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग, यू.टी. चंडीगढ़ के कंज्यूमर लीगल ऐड फंड अकाऊंट में भी 10-10 हजार रुपए जमा करवाने के निर्देश दिए हैं। आदेश की प्रति मिलने पर 30 दिनों के अंदर इन आदेशों की पालना करनी होगी, नहीं तो इस पर ब्याज भी अदा करना होगा। 

 

आदेश की कॉपी हैल्थ सैक्रेटरी को भेजी जाएगी
फोरम ने कहा कि जब ऑपोजिट पार्टी -2 द्वारा चंडीगढ़ प्रशासन को इस बारे में अवगत नहीं करवाया जाता, ये केस फोरम की ज्यूडिशियल कैपेसिटी में रहेगा। यही कारण है कि आदेश की एक कॉपी उचित कार्रवाई के लिए सैक्रेटरी, हैल्थ चंडीगढ़ प्रशासन को भी भेजी जा रही है। 

 

इस आदेश की एक कॉपी सैके्रटरी स्टेट कमीशन यू.टी. को भी भेजी जाएगी, ताकि आदेश जब फाइनल हो जाए तो गरीब लोगों की सहायता के लिए 20 हजार रुपए का अमाऊंट लीगल ऐड फंड में जमा करवाने के लिए एग्जीक्यूशन एप्लीकेशन दाखिल की जा सके। यह आदेश जिला उपभोक्ता विवाद निवारण फोरम-1 यूटी ने सुनवाई के दौरान जारी किए। 

 

दूसरी कैमिस्ट शॉप से ली दवा तो चला पता
सैक्टर-78, मोहाली निवासी विकास अग्रवाल और यश गर्ग ने अपना कैमिस्ट्स और जी.एम.सी.एच.-32 के खिलाफ शिकायत दी थी। उन्होंने बताया कि वह डॉक्टर यश गर्ग को चैक करवाने जी.एम.सी.एच. में गए। चैकअप के बाद उन्हें डेंगू होने का पता चला। 

 

डॉक्टर की सलाह पर ही उन्होंने उक्त कैमिस्ट्स से दवाइयां खरीदी, जिसके लिए उन्हें कम्प्यूटराइज्ड बिल दिया गया। दवाई खत्म होने के बाद उन्होंने अन्य कैमिस्ट से ये दवाई खरीदी और इसके लिए 18 रुपए अदा किए, जबकि अपना कैमिस्ट्स ने इसी दवा के उनसे 180 रुपए चार्ज किए थे। 

 

इसके बाद ही शिकायतकत्र्ता ने इस संबंध में फोरम में शिकायत दी। अपना कैमिस्ट्स को पक्ष न रखने के चलते एक्सपार्टी (एकतरफा) करार दिया गया। वहीं जी.एम.सी.एच. ने फोरम में अपना पक्ष रखते हुए कहा कि उन्होंने सेवा में कोई कोताही नहीं बरती।

pooja verma

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