बदलती वैश्विक रणनीतियों का प्रभाव स्थानीय स्तर पर पड़ता है
punjabkesari.in Thursday, May 29, 2025 - 12:37 PM (IST)

चंडीगढ़। भारत का वैश्विक निर्माण केंद्र बनने का उद्देश्य घरेलू उद्योग और मल्टीनेशनल कॉरपोरेशंस के बीच गठबंधनों पर निर्भर करता है। लेकिन जब-जब वैश्विक रणनीतियाँ बदलती हैं, तो स्थानीय स्तर पर इन्फ्रास्ट्रक्चर ही बंद नहीं होता, बल्कि कहीं और बैठकर लिए गए निर्णयों का खामियाजा भी स्थानीय स्तर पर भुगतना पड़ता है।
जगतजीत इंडस्ट्रीज एक दशक से भी अधिक समय से कपूरथला के संयंत्र में हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड के लिए बूस्ट और हॉर्लिक्स बना रही है। यह भारत में स्थानीय अर्थव्यवस्था और एफएमसीजी के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दे रही है। सितंबर 2024 में, एचयूएल ने अपनी बिज़नेस की रणनीति के तहत इस साझेदारी को समाप्त करने की घोषणा की, लेकिन इस निर्णय की वजह से परिचालन का पूरा भार जगतजीत इंडस्ट्रीज के ऊपर आ गया।
गठबंधन अचानक खत्म हो जाने के कारण जगतजीत के इन्फ्रास्ट्रक्चर और कार्यबल को कहीं और लगाना आसान नहीं था, इसलिए नहीं क्योंकि उनके पास योजना नहीं थी, बल्कि इसलिए क्योंकि जब इस तरह के गठबंधन समाप्त होते हैं, तो उसके लिए सिस्टम बहुत कम लचीलापन या दूरदर्शिता प्रदान करता है। कंपनी ने अपने मुख्य वर्टिकल्स - शराब, डेयरी और अनाज पर आधारित एथेनॉल - में काम करना जारी रखा और जहाँ भी जरूरत पड़ी सम्मानजनक समाप्ति और मुआवज़ा सुनिश्चित किए। लेकिन बड़ा सवाल यह है: ऐसे वैश्विक निर्णयों का भार भारतीय व्यवसायों को
क्यों झेलना पड़ता है, जिनके पास ऐसा कोई फ्रेमवर्क नहीं है, जो उनकी दीर्घकालिक एफिशिएंसी की रक्षा करे?
यह केवल नौकरी का संरक्षण देने बारे नहीं है। यह गठबंधन की शर्तों में पुनः संतुलन बिठाने के बारे में है। भारतीय कंपनियों को ऐसे रेगुलेटरी, ऑपरेशनल और स्ट्रक्चरल टूल्स मिलने चाहिए, जो उनकी अपनी शर्तों के अनुरूप अनुकूलित हों। इसमें बदलती हुई परिस्थितियों के अनुरूप कार्यबल में बदलाव करने की अनुमति शामिल है, ताकि उन्हें कठोर प्रणालियों या एकतरफा समझौतों के कारण पीछे न हटना पड़े।
जगतजीत द्वारा अपने मुख्य व्यवसाय को बढ़ाया जा रहा है और नए क्षेत्रों में निवेश किया जा रहा है। लेकिन इस अनुभव ने याद दिलाया है कि भारत को वैश्विक निर्माण केंद्र के रूप में स्थापित होने के लिए एक ऐसी प्रणाली तैयार करनी होगी, जो किसी और की रणनीति के अनुरूप ना होकर यहाँ के स्थानीय उद्योगों की रक्षा करे।