स्वास्थ्य विभाग ने जारी किए नए दिशा-निर्देश : 7 दिन होम आइसोलेशन के बाद एसिम्टोमैटिक मरीजों को नहीं करवाना होगा टैस्ट

Thursday, Jan 06, 2022 - 02:20 PM (IST)

चंडीगढ़,(अर्चना सेठी)। लक्षण रहित (एसिम्टोमैटिक) मरीजों की संख्या बढ़ रही है। ऐसे में चंडीगढ़ के स्वास्थ्य विभाग ने अस्पतालों को नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। आदेशों में कहा है कि ऐसे मरीजों, जो एसिम्टोमैटिक हैं और ऑक्सीजन का स्तर 93 प्रतिशत से अधिक है, को अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत नहीं है। ऐसे मरीजों को 7 दिन होम आइसोलेशन में रखा जाए और अवधि पूरी होने के बाद दोबारा टैस्ट की भी जरूरत नहीं है।
ध्यान रहे महामारी की शुरुआत के समय लक्षण रहित मरीजों को 14 दिन होम आइसोलेशन को लेकर निर्देश जारी किए गए थे। इसके बाद अवधि घटाकर दस दिन की गई। हालांकि तब होम आइसोलेशन पूरी करने के बाद मरीजों के लिए कोरोना टैस्ट करवाना अनिवार्य था।

 


हर 8 घंटे में बदलें मास्क
होम आइसोलेशन में मरीज और देखभाल करने वाले के लिए घर में हर समय एन-95 मास्क पहन कर रखना अनिवार्य होगा जिसे हर 8 घंटे में बदलना भी जरूरी होगा। इस्तेमाल मास्क को फैंकने से पहले टुकड़े-टुकड़े कर 72 घंटों के लिए कागज के लिफाफे में रखना होगा। मरीज के निजी इस्तेमाल वाली चीजें दूसरे सदस्यों से दूर रखी जाएं और बर्तनों को भी ना छूएं। मरीज ऑक्सीमीटर की मदद से ऑक्सीजन स्तर जांचता रहे। बुखार वाले मरीज पैरासीटामोल 650 एम.जी. का सेवन करें और गर्म पानी के गरारों के साथ दिन में तीन दफा स्टीम भी लेते रहें। डाक्टर से बिना परामर्श ब्लड टैस्ट, चैस्ट एक्स-रे ना करवाएं। सांस लेने में तकलीफ, तीन दिन बाद भी बुखार सौ से अधिक, ऑक्सीजन स्तर 93 प्रतिशत से गिरना, कमजोरी महसूस होती है और तनाव का आभास होता है तो तुरंत डाक्टर से परामर्श लिया जाए।

 


एसिम्टोमैटिक पेशैंट्स की बढ़ रही है संख्या
हैल्थ सैक्रेटरी यशपाल गर्ग का कहना है कि पूरी दुनिया में लक्षण रहित कोरोना मरीजों की संख्या ज्यादा पाई जा रही है। ऐसे मरीजों को 7 दिन दूसरों से दूर रहने की जरूरत है, क्योंकि वह 10 को संक्रमित कर सकते हैं। उन्हें मैडीकल ऑफिसर के परामर्श के बाद ही होम आइसोलेशन में रखा जा सकता है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय होम आइसोलेशन में मरीजों के लिए समय-समय पर दिशा-निर्देश जारी करता रहा है। अब नई गाइडलाइन में एसिम्टोमैटिक मरीजों को सिर्फ 7 दिन होम आइसोलेशन के आदेश जारी किए गए हैं। बेशक वायरस से बचाव के लिए लोगों ने वैक्सीन की दोनों डोज ले ली हैं परंतु सबके लिए यह समझना जरूरी है कि वायरस से लोगों को सिर्फ मास्क ही बचा सकता है।   


दोनों डोज लेने वाला ही कर सकता है देखभाल
हैल्थ सैक्रेटरी यशपाल गर्ग का कहना है कि होम आइसोलेशन के दौरान मरीज की देखभाल सिर्फ वही व्यक्ति करेगा जिसने कोविड वैक्सीन की दोनों डोज ले ली हैं। उसे ही मैडीकल ऑफिसर के संपर्क में रहना होगा ताकि डाक्टर को मरीज बाबत नियमित जानकारी मिल सके। ऐसे बुजुर्ग जो शुगर, हाइपरटैंशन, लीवर, लंग, किडनी और हार्ट पेशैंट हैं, उनके कोरोनाग्रस्त होने पर भी मैडीकल ऑफिसर ही तय करेगा कि अस्पताल में भर्ती करना है या फिर होम आइसोलेशन में रखना है। आइसोलेशन में रहने वाले मरीज को परिवार के अन्य सदस्यों से खुद को दूर रखना होगा।

Ajay Chandigarh

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