चंडीगढ़ के बाजारों में साप्ताहिक बंदी लागू करने की कोशिश का विरोध शुरू

punjabkesari.in Tuesday, Jun 02, 2020 - 12:56 PM (IST)

चंडीगढ़ ( नीरज अधिकारी ): 16 साल बाद प्रशासन द्वारा शहर के बाजारों में फिर साप्ताहिक बंदी लागू कराने की कोशिशें लेबर डिपार्टमैंट की ना-नुकर के बाद सोमवार को खुलकर सामने आ गईं। प्रशासक के सलाहकार मनोज परिदा ने बल किया कि हम जल्द ही हर मार्कीट के लिए साप्ताहिक छुट्टी की सूची घोषित करेंगे। हालांकि परिदा ने साथ में यह भी जोड़ा है कि इसमें संबंधित मार्कोट की एसोसिएशन की सलाह ली जाएगी। लिहाजा, बाजारों में साप्ताहिक बंदी के प्रयासों का विरोध शुरू हो गया है । व्यापारी नेताओं ने इसे बाजारों में इंस्पैक्टर राज लौटाने की कोशिश करार देते हुए साप्ताहिक बंदी स्वीकार न करने का ऐलान किया है।
 

सैक्टर-17 ट्रेडर्स एसोसिएशन के महासचिव जगदीश पाल कालरा ने कहा है कि खुद चंडीगढ़ प्रशासन की लंबी कोशिशों के बाद 16 साल पहले शहर के बाजारों में साप्ताहिक बंदी खत्म हुई थी लेकिन आज बिजनैस की जरूरत है कि बाजार सप्ताह के सातों दिन खुलें। योंकि कोरोना लॉकडाऊन से व्यापारियों का बहुत नुसान हो चुका है। व्यापारी अब मार्कीट में डटकर काम करना चाहता है, ताकि उसकी अपनी अर्थव्यवस्था भी पटरी पर लौट सके और घरों में कैद रहकर तंग हो चुके लोग भी अब बाजारों में निकलकर राहत महसूस कर रहे हैं। कालरा ने कहा कि साप्ताहिक बंदी को अब किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं किया जा सकता है। साप्ताहिक बंदी सिर्फ इंस्पैटर राज को बढ़ावा देगी, जिससे कारोबारियों के लिए परेशानी खड़ी होगी

 

साप्ताहिक बंदी स्वीकार नहीं: बिजनैस काऊंसिल
चंडीगढ़ बिजनैस काऊंसिल के अध्यक्ष नीरज बजाज ने कहा है कि मौजूदा केंद्र सरकार एक तरफ 24 घंटे बाजार खोलने के कांसैप्ट की ओर बढऩा चाहती है और दूसरी ओर चंडीगढ़ प्रशासन साप्ताहिक बंदी करना चाहता है, यह समझ से बाहर है। बजाज ने कहा कि शहर के बाजारों में, खास तौर से सैक्टर-17 में तो साप्ताहिक बंदी बिल्कुल स्वीकार नहीं की जाएगी। यदि किसी मार्कीट को वीकली ऑफ की ज्यादा जरूरत है तो वह अपने दुकानदारों में सहमति बनाकर दिन तय कर ले। वैसे लगता नहीं कि कोई व्यापारी आज के मंदी के हालात में छुट्टी करना चाहता है।

 

फैसला थोपा तो करेंगे विरोध: सैक्टर -22 मार्कीट एसो.
सैक्टर-22 मार्कीट एसोसिएशन के प्रधान प्रवीण दुग्गल विशु ने बाजारों में साप्ताहिक बंदी लागू कराने की प्रशासन की कोशिशों पर हैरानी जताते कहा कि साप्ताहिक बंदी की 16 साल पुरानी व्यवस्था लागू करने से बाजारों में इंस्पैटर राज लौटेगा। लॉकडाऊन की मंदी से टूटे बैठे दुकानदारों की कमर इससे और टूट जाएगी। विशु ने कहा कि प्रशासन ने यदि साप्ताहिक बंदी थोपने की कोशिश की तो इसका कड़ा विरोध किया जाएगा। उन्होंने कहा कि आज के हालात में प्रशासन को चाहिए कि व्यापारियों को राहत देने के तरीके खोजे, न कि उनके लिए मुश्किल खड़ी करने के रास्ते पर विचार करे।


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pooja verma

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