एयरपोर्ट नहीं होगा बंद, रन-वे अपग्रेड और कैट-2 के विस्तार का काम रात को

punjabkesari.in Monday, Feb 13, 2017 - 09:26 AM (IST)

चंडीगढ़(लल्लन) : चंडीगढ़ इंटरनैशनल एयरपोर्ट पर रन-वे को 1000 फीट लंबा व कैट-2 को अपग्रेड करने को लेकर एयरपोर्ट अथॉरिटी फ्लाइट्स बंद या चालू रखने को लेकर अभी असमंजस में दिख रही है। वहीं सूत्रों की मानें तो एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया की तरफ से इस पर विचार किया जा है कि रन-वे अपग्रेड करना व कैट-2 का काम रात में होगा और फ्लाइट्स दिन में जारी रहेंगी। इस फैसले का एयरलाइंस कंपनियों ने स्वागत किया है। 

 

उल्लेखनीय है कि इससे पहले एयरफोर्स ने विमानन कंपनियों और एयरपोर्ट प्रबंधन को जो नोटिस भेजा था, उसमें लिखा था कि 30 अप्रैल 2017 से चंडीगढ़ अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट सुबह 5 बजे से दोपहर 1 बजे तक खुला रहेगा, उसके बाद रन-वे का काम किया जाएगा। शनिवार और रविवार को एयरपोर्ट बंद रहेगा लेकिन बाद में फैसला वापस ले लिया और कहा कि अब रात को अपग्रेड का काम किया जाएगा। 


खस्ताहाल है रन-वे :
चंडीगढ़ इंटरनैशनल एयरपोर्ट के रन-वे की हालत काफी खस्ता है। इस कारण अथॉरिटी रन-वे व कैट-2 की इस्टॉलमैंट पर विचार कर रहा है। रन-वे की लंबाई 9000 हजार की बजाय 10 हजार फीट की जाएगी। इसके साथ ही रन-वे की चौड़ाई को दोनों तरफ से 1-1 फुट बढ़ाया जा रहा है ताकि बड़े जहाज आसानी से लैंड कर सकें।  यही वजह है कि चंडीगढ़ अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट से अब तक यूरोप और अमरीका के लिए फ्लाइट शुरू नहीं हो पाई हैं। 

 

तो यात्रियों को होती परेशानी...
एयरपोर्ट से एक दिन में 22 डोमैस्टिक व 2 इंटरनैशनल फ्लाइट्स का संचालन होता है। इनसे रोजाना करीब 5 हजार से अधिक यात्री सफर करते हैं। ऐसे में अगर एयरपोर्ट 1 बजे के बाद बंद हो जाता तो इससे यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ता। फ्लाइट का शैड्यूल भी बिगड़ता तो विमानन कंपनियों को खासा नुक्सान होता। 

 

तीन माह में दो बार बदला शैड्यूल :
एयरपोर्ट अथॉरिटी अपने फैसले पर भी अटल नहीं रहती है। इसका खमियाजा एयरलाइंस कपंनियों को उठाना पड़ता हैं, क्योंकि अथॉरिटी ने जारी विंटर शैड्यूल तीन माह में दो बार बदल दिया है। इस कारण कारण यात्रियों तथा विमान कंपनियों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।  

 

इसलिए जरूरी है कैट-2 :
एयरपोर्ट पर कैट 1 पर लगा होने की वजह से जहां 1200 मीटर तक विजिबिलिटी होने पर ही लैंडिंग संभव हो पाती है। विंटर सीजन में रोजाना फ्लाइट शैड्यूल बिगड़ता है। कैट-1 एक लैंडिंग इंस्ट्रूमैंट से जुड़ा सिस्टम है, जिसकी मदद से लाइट्स लैंडिंग करती है। कैट-1 में 1200 मीटर तक की विजिबिलिटी तक का इंस्ट्रूमैंट लैंडिंग सिस्टम लगा होता है। कैट-2 में 400 मीटर तक विजिबिलिटी में लैंडिंग संभव है, जबकि कैट-3 में जीरो विजिबिलिटी पर भी।

 

 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Recommended News

Related News