शहर के बाहर जमीन नहीं खरीदेगा चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड

punjabkesari.in Saturday, Jan 05, 2019 - 09:18 AM (IST)

चंडीगढ़(राजिंद्र) : चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड ने शहर के बाहर एक किलोमीटर के दायरे में भूमि खरीदने के अपने फैसले को बदल दिया है। इस काम के लिए बोर्ड ने जिस कंसल्टेंट को हायर किया था, उसके साथ एग्रीमेंट खत्म करने के लिए आगामी बोर्ड मीटिंग में प्रस्ताव लाया जा रहा है। चेयरमैन पहले ही इसे अपनी अप्रूवल दे चुके हैं। गौरतलब है कि बोर्ड की गवर्निंग बॉडी ने पूर्व चेयरमैन मनिंदर सिंह बैंस की अध्यक्षता में हुई मीटिंग में इस संबंधित एजैंडे को गत वर्ष अप्रूवल दी थी।

इसके बाद ही काम के लिए गुुुरुग्राम के एक कंसल्टेंट को भी हायर किया गया था। कंसल्टेंट ने अपनी रिपोर्ट भी तैयार कर ली थी और संबंधित अधिकारियों को इस पर प्रेजेंटेशन भी दे दी थी। बैंस का कार्यकाल पिछले वर्ष 23 मार्च को समाप्त हो गया था, जिसके बाद उन्हें अपने मूल कैडर असम वापस भेज दिया था। यही कारण है कि उनके जाने के बाद ही बोर्ड ने इस फैसले को बदलने का मन बना लिया था। 

बैंस ने इसलिए बाहर जमीन लेने का लिया था फैसला 
पूर्व चेयरमैन बैंस ने शहर के बाहर भूमि खरीदने का ये कहते हुए यह फैसला लिया था कि शहर का सीमित एरिया है। यही कारण है कि हैरिटेज स्टेटस और कई कारणों के चलते वे इसमें अधिकतम हाउसिंग व अन्य प्रोजैक्ट्स पर काम नहीं कर सकते हैं। वर्तमान में सी.एच.बी. के एक सीनियर अधिकारी का कहना है कि शहर से बाहर भूमि खरीदने के प्रोजैक्ट पर वे आगे नहीं बढ़ सकते हैं, क्योंकि दूसरे राज्यों के बिल्डिंग बायलॉज और नीड बेस्ड चैंजेस अलग है। 

सैल्फ फाइनैंसिंग हाउसिंग स्कीम के लिए था भूमि खरीदने का फैसला 
चंडीगढ़ के आसपास एक किलो मीटर के दायरे में पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश में सैल्फ फाइनैंसिंग हाउसिंग स्कीम के लिए यहां भूमि खरीदने का फैसला लिया गया था। इसमें अलग-अलग कैटेगरी के लिए हाउसिंग प्रोजैक्ट्स बनाए जाने थे, जिसमें कि शिक्षक, चंडीगढ़ प्रशासन के कर्मचारी, एक्स सर्विसमैन, वकील, जज, खिलाड़ी, मीडियापर्सन, डॉक्टर, चार्टड अकाउंटेंट्स, टाउन प्लेनर्स, आर्किटेक्ट्स और इंजीनियर्स आदि शामिल है। 

कंसल्टैंट को 15 प्रतिशत पेमेंट कर दी 
सूत्रों के अनुसर कंसल्टेंट ने अब तक जितना काम किया है, उसके लिए बोर्ड ने उसे 15 प्रतिशत पेमेंट कर दी है। इसके बाद भी कंसल्टेंट ने कुछ काम किया था, लेकिन बोर्ड ने कंसल्टेंट को उस काम पर प्रेजेंटेशन देने से इंकार कर दिया था। जानकारी के अनुसार बोर्ड ने हिमाचल प्रदेश सोलन कंडाघाट में भूमि खरीदने का फैसला भी ले लिया था। यहां बोर्ड को 60 एकड़ भूमि मिल रही थी, लेकिन उसका काम भी सिरे नहीं चढ़ पाया था। शहर में सी.एच.बी. के 64 हजार के करीब अलग-अलग कैटेगरी के मकान हैं, जिसमें कि शहर की 25 प्रतिशत के करीब जनसंख्या रह रही है। 
 


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bhavita joshi

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