अहम मसलों पर प्रशासन ले रहा लोगों की राय, कार्रवाई सिर्फ कागजों तक सीमित

punjabkesari.in Monday, Jan 20, 2020 - 10:36 AM (IST)

चंडीगढ़(साजन) : चंडीगढ़ प्रशासन शहर के अहम मसलों को लेकर दिखावे के लिए जनता की रायशुमारी तो करवा रहा है, लेकिन यह महज कागजी कार्रवाई ही साबित हो रही है। जनता की राय पर प्रशासन कोई अमल नहीं कर रहा। इसका अपने फैसलों को सही दिखाने भर के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। 

बीते कुछ समय की बात करें तो ऐसे बहुत से मसले रहे, जिन पर प्रशासन ने जनता की राय जानी। राय मसले के हक में आए या विरोध में लेकिन प्रशासन ने जनता की राय को दरकिनार कर दिया। इसे ठंडे बस्ते में डाल कर फैसला अपना ही सर्वोपरि रखा। हाल ही में ट्रिब्यून फ्लाईओवर को लेकर हाईकोर्ट ने इसके निर्माण का फैसला लिए जाने को लेकर तल्ख टिप्पणी की। 

हाईकोर्ट ने न केवल पंजाब-हरियाणा के साथ मसले को लेकर बड़ा हल निकालने के लिए बैठक करने की सलाह दी बल्कि ये भी कहा कि कोई ऐसा हल निकाला जाए, ताकि फ्लाईओवर के रास्ते में आने वाले पेड़ न गिराने पड़ें या इसके अलावा किसी अन्य विकल्प पर विचार करें।

फाइनैंस सैक्रेटरी बोले, लोगों के सुझाए विकल्पों को दे रहे तरजीह :
फाइनैंस सैक्रेटरी अजोय कुमार सिन्हा का कहना है कि जो विकल्प लोगों की तरफ से सुझाए गए हैं, उन्हें ही मद्देनजर रखकर काम आगे बढ़ेगा लेकिन प्रशासन को यह भी देखना होता है कि इनमें से बैस्ट सूटेबल विकल्प कौन सा है, जिससे आम जन को फायदा मिले। 

यहां बता दें कि यह अकेला मामला नहीं है जिसमें जनता की रायशुमारी को दरकिनार कर दिया गया। इससे पहले महिलाओं के हेल्मैट पहनने के मामले में भी जनता की राय मांगी गई थी। जनता ने बड़ी तादाद में महिलाओं के हेल्मैट कंपलसरी किए जाने को सही ठहराया था, लेकिन बावजूद इसके जनता की राय से इत्तर जाकर इस पर प्रशासन ने फैसला ले लिया। महिलाओं के लिए हेल्मैट जरूरी नहीं किया गया।

सैक्टर-13 का विरोध हुआ, प्रशासन ने की मनमानी :
ठीक इसी तरह की रायशुमारी चंडीगढ़ में सैक्टर-13 को बनाए जाने को लेकर की गई। इसका भी बड़ी तादाद में शहर के लोगों ने विरोध किया लेकिन प्रशासन लोगों के फैसले के बिलकुल विरोध में चला। लोगों ने कहा था कि सैक्टर 13 नहीं बनाया जाना चाहिए, क्योंकि मनीमाजरा की एक अपनी पहचान है जिसे बिगाडऩा सही नहीं है। 

दूसरा सैक्टर-13 जब ली काबूर्जिय ने अशुभ अंक समझकर नहीं बसाया था तो प्रशासन ली काबूर्जिय के स्वरूप को क्यों बिगाडऩे पर तुला है। इसके अलावा भी लोगों ने बहुत से मसलों पर विरोध के स्वर दर्ज कराए, लेकिन प्रशासन ने इनका मनमाने तरीके से इस्तेमाल किया। जहां लोगों की आपत्तियां अपने फैसले के अनुरूप लगी वहां तो उन्हें कोर्ट तक में इस्तेमाल कर लिया लेकिन जहां आपत्तियां फैसले के विरोध में आई, उन्हें अलग थलग कर दरकिनार कर दिया।


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Priyanka rana

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