हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के चुनाव को चुनौती, गड़बड़ी के लगाए आरोप
Tuesday, Apr 17, 2018 - 11:20 AM (IST)
चंडीगढ़ (बृजेन्द्र): पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के प्रैजीडैंट पद के चुनाव लडऩे वाले एडवोकेट चौहान सतविंद्र सिंह सिसोदिया ने 6 अप्रैल को हुए बार एसोसिएशन के चुनावों में गड़बड़ी के आरोप लगाते हुए हाईकोर्ट में चुनाव याचिका दायर की है।
इसमें उन्होंने बार काऊंसिल, हाईकोर्ट बार एसोसिएशन, रिटॄनग अफसर, विजयी प्रैजीडैंट डा. अनमोल रतन सिद्धू व अन्यों को पार्टी बनाया है। याचिका में हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के चुनावों को गैर-कानूनी घोषित करते हुए रद्द करने व पुन: चुनाव करवाने के आदेश देने की मांगे की गई।
वहीं इस बीच इलैक्शन कमेटी को आदेश देने की मांग की गई कि याचिका लंबित रहने तक नवनियुक्त ऑफिस बीयरर्स की शपथ न करवाई जाए। दायर याचिका पर एक दो दिन में सुनवाई हो सकती है।
चुनाव प्रक्रिया को लेकर जड़े यह आरोप
याची एडवोकेट ने कहा कि बार एसोसिएशंस के चुनाव बार कांऊसिल ऑफ इंडिया द्वारा तय नियमों व दिशा-निर्देश के तहत होते हैं। दिशा-निर्देश का हवाला देते हुए कहा गया कि ड्यू क्लीयर करने व वोटरों से एफीडैविट्स लेने की अंतिम तिथि 15 मार्च तय हुई थी। बार काऊंसिल द्वारा यह अवधि आगे नहीं बढ़ाई गई।
फिर भी इलैक्शन कमेटी ने बार काऊंसिल की मंजूरी के बिना एफीडेविट देने की तारीख आगे बढ़ा ली। बार काऊंसिल नियमों के तहत नए लॉ पासआऊट जिन्हें प्रोविजनल डिग्री दी जाती है वह किसी भी बार एसोसिएशन से रजिस्टर्ड हो सकते हैं मगर वोटिंग का हक उन्हें ऑल इंडिया बार काऊंसिल एग्जामिनेशन के बाद ही मिलता है।
इस नियम की डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन चंडीगढ़ ने तो पालना की मगर हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने नहीं। याची के मुताबिक बार कांऊसिल के चेयरमैन के संदर्भ में यह उल्लंघनाएं लाई गई थीं मगर बिना मांगपत्र पर निर्णय लिए इलैक्शन कमेटी ने गैर-कानूनी रूप से चुनाव करवाए।
कई खामियों का जिक्र याचिका में
चुनावों को लेकर बैलेट पेपर के मंजूर करवाने की प्रक्रिया पर भी सवाल खड़े किए गए हैं। इसके चलते कैंडीडेट्स को दिक्कतें आईं। बार एसोसिएशन के नियमों के तहत केवल 7 एग्जीक्यूटिव मैंबर्स का प्रावधान है मगर इलैक्शन कमेटी ने सर्व-सम्मति से सभी 12 चुनाव लडऩे वाले मैंबर्स बिना उनके चुनाव करवाए और जनरल हाऊस में मामला रखे बगैर चुन लिए।
वोटर्स को पहले बताए बिना चुनाव का समय बढ़ा दिया गया, लाइव कवरेज को दिखाने वाला कैमरा खराब था। बिना पुलिस सुरक्षा के चुनाव हुए। इसके अलावा भी अन्य खामियों का जिक्र याचिका में किया गया है।