पद मुक्त होने के बावजूद सरकारी मकानों में रह रहे हैं सिटको के CGM

punjabkesari.in Thursday, May 17, 2018 - 10:15 AM (IST)

मोहाली(विनोद) : पद मुक्त होने के बाद सरकारी मकानों पर कब्जा न छोडऩे को लेकर सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बावजूद अफसरों पर कोई असर नहीं हो रहा है। ताजा मामला मोहाली में नगरनिगम कमिश्नर के तौर पर नियुक्त रहे पी.सी.एस. अधिकारी उमा शंकर गुप्ता का है। 

उमा शंकर न सिर्फ मोहाली में तैनाती के वक्त पंजाब सरकार से मिली सरकारी रिहायश का लुत्फ उठा रहे हैं, बल्कि चडीगढ़ में सिटको के चीफ जनरल मैनेजर के पद पर नियुक्ति के बाद उमा शंकर गुप्ता ने चंडीगढ़ प्रशासन से भी ऐसा ही एक आलीशान मकान अलॉट करवा लिया है। 

अफसरी का आलम यह है कि अधिकारी उमा शंकर गुप्ता को मोहाली का सरकारी मकान खाली करने के लिए पत्र भेज रहे हैं लेकिन उमाशंकर गुप्ता पत्र का जवाब देना भी मुनासिब नहीं समझ रहे हैं। 

मोहाली का मकान खाली करने के लिए नोटिस भेजा था : कमिश्नर
मोहाली नगर निगम के कमिश्नर संदीप हंस ने बताया कि यह मामला उनकी जानकारी में है। इसमें कार्रवाई करते हुए उमा शंकर गुप्ता को मोहाली वाला सरकारी मकान खाली करने के लिए पिछले दिनों नोटिस भेजा गया था मगर गुप्ता की ओर से उसका कोई रिप्लाई नहीं आया है। मकान का किराया समय पर अदा किया जा रहा है। 

साथ ही कुछ दिन पहले उमा शंकर ने उनसे संपर्क किया था और कहा था कि चंडीगढ़ में उनके मकान का काम चल रहा है। इसलिए उन्हें यह खाली करने के लिए थोड़ा समय चाहिए लेकिन इस संबंध में न तो सरकार ने और न ही उमा शंकर गुप्ता ने लिखित में कुछ दिया है। नोटिस का जवाब न आने पर गुप्ता को फिर रिमाइंडर भेजा जाएगा।

एक अफसर दो सरकारी मकान कैसे ले सकता है : डिप्टी मेयर
दूसरी ओर, डिप्टी मेयर मंजीत सेठी ने कहा कि पूर्व कमिश्नर उमा शंकर की मोहाली नगर निगम से बदली हुए 2 साल से ऊपर हो गए हैं, फिर भी उन्होंने मोहाली में मिला सरकारी मकान नहीं छोड़ा है, जबकि चंडीगढ़ प्रशासन द्वारा उन्हें सरकारी मकान दे दिया गया है। 

आखिर, एक अफसर दो सरकारी मकान कैसे रख सकता है। सेठी ने कहा कि इस संबंध में वह पंजाब सरकार व अन्य को 10 से अधिक शिकायतें भेज चुके हैं। उन्हें बताया गया कि मोहाली नगर निगम से जवाब मांगा गया है लेकिन अभी तक कोई जवाब नहीं आया है।

सरकार से मिली हुई है परमिशन : गुप्ता
जब सिटको के जनरल मैनेजर व मोहाली नगर निगम के पूर्व कमिश्नर उमा शंकर गुप्ता से इस संबंध में बात की गई तो उन्होंने कहा कि उन्हें सरकार की ओर से इस बारे में परमिशन मिली हुई है। उनका वास्ता सरकार से है। उनके खिलाफ जो शिकायत दी जा रही हैं, उनसे उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता। 


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