वायु प्रदूषण को कंट्रोल करने के लिए यूटी प्रशासन को मिलेंगे 10 करोड़
punjabkesari.in Sunday, Jun 18, 2023 - 06:11 PM (IST)

चंडीगढ़,(राजिंद्र शर्मा)। सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड शहर में वायु प्रदूषण को कंट्रोल करने के लिए यूटी प्रशासन को वर्ष 2023-24 के लिए 10 करोड़ रुपए की ग्रांट जारी करेगा। बोर्ड ने ये राशि जारी करने के लिए अपनी मंजूरी दे दी है और चंडीगढ़ पॉल्यूशन कंट्रोल कमेटी को इस संबंध में लेटर भी जारी कर दिया है। राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम के तहत प्रशासन चंडीगढ़ में भी वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए काम कर रहा है। कार्यक्रम को लागू करने के लिए चंडीगढ़ में कई हितधारक विभाग हैं, जिनमें नगर निगम, स्टेट ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी, डिपार्टमेंट ऑफ अर्बन प्लानिंग, चंडीगढ़ ट्रैफिक पुलिस, वन और वन्यजीव विभाग व यू.टी. इंजीनियरिंग विभाग शामिल हैं। इन विभागों को सीपीसीसी की तरफ से वायु प्रदूषण को कम करने के लिए ग्रांट जारी की जाती है, उसी के तहत बोर्ड प्रशासन को ये 10 करोड़ रुपए जारी कर रहा है।
शहर में कई परियोजनाओं पर काम किया जा रहा है, जिसमें मैकेनिकल स्ट्रीट स्वीपिंग मशीनों का उपयोग, पानी के छिड़काव, शहर के विभिन्न हिस्सों में हरियाली और पेविंग गतिविधियां, ऑटोमेटिक एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग स्टेशनों की स्थापना, आम जनता को वायु गुणवत्ता को लेकर जागरुक करना व अलग-अलग जगहों पर जागरुक्ता को लेकर ऐसी गतिविधियां चलाना आदि शामिल है। इस संबंध में चंडीगढ़ पॉल्यूशन कंट्रोल कमेटी के सदस्य सचिव अरुलराजन पी ने बताया कि बोर्ड ने उन्हें 10 करोड़ रुपए जारी करने की मंजूरी दे दी है और इस संबंध में विभाग को लेटर जारी किया गया है। विभाग के पास जल्द ही ये ग्रांट पहुंच जाएगी, जिसके बाद ही अलग-अलग विभागों को ग्रांट जारी करने की प्रक्रिया शुरु की जाएगी।
योजना के तहत 90 प्रतिशत ग्रांट निगम को की जारी
विभाग के अनुसार उन्होंने इस योजना के तहत निगम को सबसे अधिक ग्रांट जारी की है, जो पिछले तीन साल में 20 करोड़ के करीब है। निगम प्रदूषण को कम करने के लिए विभिन्न परियोजना पर काम कर रहा है और इस बार भी उन्होंने अपनी परियोजनाओं की लिस्ट विभाग को सौंपी है, जिसे मंजूरी के लिए प्रशासन के पास भेज दिया गया था। सीपीसीसी को आखिरी बार 5 करोड़ रुपए की ग्रांट मार्च माह में जारी हुई थी, जिसके बाद ही विभाग ने आगे ग्रांट जारी करने के लिए अपील की थी। विभाग के अनुसार निगम को मैकेनिकल स्ट्रीट स्वीपिंग मशीन और एंटी स्मॉग गन खरीदने के लिए आगे भी ग्रांट जारी की जाएगी। मैकेनिकल स्ट्रीट स्वीपिंग मशीन जो मोटर द्वारा संचालित होती है और इसमें सक्शन कप होते हैं, जिनका उपयोग सड़कों और अन्य सतहों को बहुत कुशलता से साफ करने के लिए किया जाता है। बता दें कि इस कार्यक्रम के तहत वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए शहरों की तरफ से हितधारकों के साथ मिलकर उचित कदम उठाए जा रहे हैं। वन विभाग को भी पौधारोपण व हरियाली को बढ़ावा देने के लिए विभाग की तरफ से ग्रांट जारी की जाएगी।
शहर में तेजी से बढ़ रहा प्रदूषण का स्तर
चंडीगढ़ में लगभग 50 प्रतिशत एरिया ग्रीन कवर है। शहर की आबादी करीब 12 लाख है और दूसरी तरफ वाहनों की संख्या बढ़कर 11 लाख के करीब पहुंच गई है। जनसंख्या और वाहनों में तेजी से वृद्धि के कारण शहर में प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा है, जिससे प्रशासन के सामने एक नई चुनौती पैदा हो गई है। शहर में वायु प्रदूषण के अलग-अलग कारण है। इनमें जिन कारणों से अधिक प्रदूषण हाे रहा है, उनकी पहचान व उनके समाधान के लिए ही प्रशासन एक स्टडी भी करवा रहा है। वायु प्रदूषण के स्रोतों में प्रमुख रुप से वाहन, उद्योग, घरेलू और प्राकृतिक स्रोत शामिल है। हवा में प्रदूषण होने के चलते ये लोगों के स्वास्थ्य को भी प्रभावित करता है।
ऐसे करवाई जा रही स्टडी
प्रदूषण को लेकर विभाग की तरफ से करवाई जा रही स्टडी में पहले तो प्रदूषण के सभी स्त्रोतों की पहचान की जाएगी। औद्योगिक, घरेलू, व्यावसायिक संस्थानों से होने से वाले प्रदूषण को लेकर डेटा तैयार किया जाएगा। इसके अलावा सभी प्रकार के वाहनों पर प्राथमिक डेटा एकत्रित किया जाएगा। इनमें प्रत्येक प्रकार के वाहन द्वारा सड़क पर तय की गई औसत दूरी, उनके निरीक्षण और रखरखाव समय पर हो रहा है या नहीं, ये सब शामिल होगा। डेटा यात्रा द्वारा प्रदूषण भार का अनुमान लगाने में मदद करेगा।
400 तक पहुंच गया था एयर क्वालिटी इंडैक्स
बता दें कि पिछले साल पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने का असर भी चंडीगढ़ में साफ देखने को मिला था और नवंबर माह में एक दिन शहर का एयर क्वालिटी इंडेक्स 400 तक पहुंच गया था, जिसे सांस के मरीजों के लिए खतरनाक माना जाता है। कुछ एरिया में ये 400 से ऊपर भी दर्ज किया गया था। तब सेक्टर-22 के एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग स्टेशन पर शाम के समय 410 के करीब एयर क्वालिटी दर्ज की गई थी। इसी तरह सेक्टर-53 मॉनिटरिंग स्टेशन पर ये 452 के करीब दर्ज की गई थी। इस बार दीवाली पर भी सेक्टर-22 और इमटैक में सबसे अधिक वायु प्रदूषण दर्ज किया गया था। सेक्टर-22 में एयर क्वालिटी 320 तक पहुँच गई थी, जबकि इमटैक पर 307 तक दर्ज किया गया था। बता दें कि जनवरी माह में शहर की एयर क्वालिटी कई एरिया में 200 व 300 से ऊपर ही रही थी। इसी तरह फरवरी व मार्च के आधे महीने भी हवा खराब ही थी, लेकिन बारिश के बाद ही इसमें सुधार होना शुरु हुआ था। पिछले माह भी सेक्टर-22 के मॉनिटरिंग स्टेशन पर ये कुछ दिन के लिए 200 के करीब पहुंच गई थी।
ये शहर में वायु प्रदूषण के प्रमुख स्त्रोत :
1. वाहन घनत्व
2. सड़क के किनारे की धूल
3. सूखे पत्तों को जलाना
4. शहर में पेड़ों और गार्डनों से निकलने वाला कूड़ा
5. शहर से सटे कुछ क्षेत्रों में जनरेटर सेट का संचालन
6. चंडीगढ़ के पड़ोसी इलाकों में साल के खास मौसम में पराली जलाना।