मुश्किल हालातों में नहीं हारी हिम्मत, मेहनत और लगन के साथ CBSE 10th में किया टॉप
punjabkesari.in Sunday, Jun 04, 2017 - 04:13 PM (IST)

चंडीगढ़ : सीबीएसई की ओर से 10वीं का रिजल्ट घोषित कर दिया गया। इन परिणामों में अव्वल रहने वाले छात्रों ने साबित कर दिया कि हालात चाहे जो भी हों कभी हार नहीं माननी चाहिए। इस मेहनत का फल एक न एक दिन मिल ही जाता है। सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन की ओर से 3 जून को 10वीं का रिजल्ट घोषित किया गया। इस बार शहर का रिजल्ट गिरा है, क्योंकि पिछले साल के मुकाबले कम स्टूडेंट्स ने सीजीपीए 10 रहे। ट्राईसिटी में कई स्टूडेंट्स ने बढ़े संघर्ष के बाद यह मुकाम हासिल किया है। किसी टॉपर्स के पिता रिक्शा चलाते हैं तो किसी के पिता माली हैं।
रितेश 9.8: पिता रिक्शा चालक, बेटा टॉपर :
डीएवी-8 के स्टूडेंट रितेश ने 9.8 सीजीपीए लिए। रितेश के पिता राज कुमार रिक्शा चलाते हैं। परिवार में कुल ६ सदस्य हैं और मौली कॉम्पलैक्स के किराए के एक कमरे में रहते हैं। स्कूल ने रितेश को स्कॉलरशिप दी थी। रितेश कई बार घर से बाहर पढ़ाई करता था, क्योंकि अंदर परिवार वाले टीवी देखते थे।
अंजलि 9.2: माली की बेटी ने भोजन भूलकर भी कि पढ़ाई :
अंजलि के पिता माली हैं। घर में दो वक्त का खाना भी मुश्किल से मिलता है। स्कूल कभी मिस नहीं करती थी। क्लास में टीचर्स जो पढ़ाते थे उसे रोज रिवाइज करती थी। एग्जाम के दिनों में ४ से 5 घंटे पढ़ाई करती थी। पिता के पास इतने पैसे नहीं थे कि मुझे ट्यूशन पढ़ा सकें।
संतोषी : पिता कुक तो बेटी देना चाहती है फ्री एजुकेशन :
पिता प्राइवेट कुक हैं तो बेटी आगे टीचर बनकर ऐसे बच्चों को फ्री एजुकेशन देना चाहती हैं जिनके पेरेंट्स उनको पढ़ाने के लिए ट्यूशन की फीस नहीं दे सकते। मेरी फाइनेंशियल स्थिति अच्छी नहीं थी इसलिए ऐसे में मुझे भी मेरे स्कूल टीचर्स ने बहुत हेल्प की थी।