CBI ने छात्रवृत्ति घोटाले की रिपोर्ट अदालत में की पेश

Thursday, Nov 28, 2019 - 11:17 AM (IST)

शिमला(मनोहर) : सी.बी.आई. द्वारा हिमाचल में 250 करोड़ के छात्रवृत्ति घोटाले की जांच सिर्फ  22 शैक्षणिक संस्थानों तक सीमित किए जाने के मामले में सी.बी.आई. ने सील्ड कवर में अपनी रिपोर्ट अदालत के समक्ष पेश की। जनहित में दायर याचिका के माध्यम से अदालत को बताया गया कि 250 करोड़ के छात्रवृत्ति घोटाले में कुल 2772 शैक्षणिक संस्थान हैं, लेकिन राज्य सरकार ने सिर्फ 22 शैक्षणिक संस्थानों की जांच का जिम्मा सी.बी.आई. को सौंपा है। 

सी.बी.आई. की और से अदालत से गुहार लगाई गई थी कि चूंकि वह मामले कि जांच कर रही है तो इस स्थिति में सी.बी.आई. को सील्ड कवर में रिपोर्ट दायर करने की अनुमति दी जाए ताकि उनके द्वारा की गई जांच सार्वजनिक न हो। जनहित में दायर याचिका में प्रार्थी ने छात्रवृत्ति घोटाले बारे दैनिक समाचार पत्रों में छपी खबरों को भी संलग्न किया है। प्रकाशित खबरों के अनुसार प्रारंभिक जांच में सी.बी.आई. ने बड़ा खुलासा किया है। 

बड़ा रैकेट चल रहा :
केंद्रीय जांच एजैंसी को छानबीन में पता चला है कि शिक्षा विभाग के अधिकारियों, कर्मचारियों व निजी शिक्षण संस्थानों में छात्रवृत्ति हड़पने के लिए रैकेट चल रहा था। अधिकारी निजी शिक्षण संस्थानों को छात्रवृत्ति जारी करने के लिए दस फीसदी तक कमीशन लेते थे। याचिका में संलग्न खबरों के अनुसार जांच में पता चला है कि कमीशन का यह खेल होटलों में चलता था। 

स्कॉलरशिप जारी करवाने की एवज में निजी संस्थान विभाग के अधिकारियों को कमीशन का पैसा देते थे। सी.बी.आई. की जांच में यह भी पता चला है कि स्कॉलरशिप की स्वीकृति से संबंधित फाइलों को शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारियों तक पहुंचने नहीं दिया जाता था। निचले स्तर के अधिकारी, कर्मचारी फाइलों को अपने स्तर पर ही मार्क कर देते थे। यह भी पता चला है कि नियमों के विपरीत निजी ई-मेल आई.डी. से छात्रवृत्ति के काम को अंजाम दिया जाता था।

Priyanka rana

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