नैशनल शूटर सिप्पी की हत्या का मामला: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट की सीनियर जज की बेटी गिरफ्तार

punjabkesari.in Wednesday, Jun 15, 2022 - 07:06 PM (IST)

चंडीगढ़,(सुशील राज): नैशनल शूटर व वकील सुखमनप्रीत सिंह सिद्धू उर्फ सिप्पी की हत्या के मामले में 7 साल बाद सी.बी.आई. ने हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट की सीनियर जज की बेटी कल्याणी सिंह को गिरफ्तार किया है। सी.बी.आई. ने बुधवार को जांच के सिलसिले में कल्याणी को सैक्टर-30 स्थित ऑफिस बुलाया था। ऑफिस पहुंचने पर कल्याणी से पूछताछ की गई और पर्याप्त सबूतों के आधार पर उसे वहीं गिरफ्तार कर लिया गया।

 


सी.बी.आई. ने गिरफ्तार कल्याणाी को स्पैशल ज्यूडीशियल मैजिस्ट्रेट की अदालत में पेश कर 10 दिन का पुलिस रिमांड मांगा। सी.बी.आई. ने रिमांड के दलीद दी कि कल्याणी से पता करना है कि सिप्पी की हत्या किस से करवाई थी और साजिश में कौन-कौन शामिल हैं। हत्या के समय कल्याणाी कहां मौजूद थी और हत्यारे वारदात को अंजाम देकर कहां भाग गए थे।

 


अदालत ने सी.बी.आई. की दलील सुनने के बाद कल्याणी को चार दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया। सिप्पी हत्या मामले मेंं पकड़ी गई जस्टिस की बेटी कल्याणी उस समय सैक्टर-42 पोस्ट ग्रेजुएट गवर्नमैंट कालेज फॉर गल्र्स के होम साइंस डिपार्टमैंट में असिस्टैंट प्रोफैसर के पद पर तैनात थी। सी.बी.आई. टीम आरोपी कल्याणी से सिप्पी सिद्धूु की हत्या मामले में पूछताछ करेगी।

 

 

परिजनों ने कल्याणी पर शुरूआत में ही जता दिया था शक
सिप्पी की हत्या के बाद परिजनों ने शुरू से ही जस्टिस की बेटी कल्याणाी पर शक जताया था। मृतक सिप्पी के भाई जिप्पी सिद्धू और मां दीपइंद्र कौर ने चंडीगढ़ पुलिस के अफसरों से कल्याणी की गिरफ्तारी की गुहार लगाई थी। केस सी.बी.आई. के पास ट्रांसफर होने के बाद परिजनों ने कल्याणाी पर ही हत्या का शक जाहिर करते हुए गिरफ्तारी की मांग की थी, लेकिन पुख्ता सबूत न होने के चलते गिरफ्तार नहीं कर पा रही थी।

 

 

सी.बी.आई. ने पहले अनट्रेस रिपोर्ट पेश की थी
सिप्पी की हत्या मामले में सी.बी.आई. ने दिसम्बर, 2020 में अनट्रेस रिपोर्ट सी.बी.आई. कोर्ट में पेश की थी। इसके खिलाफ मृतक के परिवार ने विरोध याचिका दायर की थी। इसके बाद सी.बी.आई. अदालत ने जांच जारी रखने और हत्यारे को पकडऩे के आदेश जारी किए थे। 

 

 

सी.बी.आई. ने हत्यारे का सुराग देने वाले पर इनाम भी रखा था
सिप्पी की हत्या मामले में सी.बी.आई. को कोई सुराग नहीं लग पा रहा था। इसके चलते सी.बी.आई. ने पहले हत्यारे का सुराग देने वाले पर पांच लाख रुपए इनाम भी रखा था। इसके बाद भी हत्यारे का कोई सुराग नहीं लग पाया। इसके बाद सी.बी.आई. ने दिसम्बर, 2021 में सिप्पी के हत्यारों पर सी.बी.आई. ने इनामी राशि बढ़ा कर 10 लाख रुपए कर दी थी।

 

 

एक साल बाद सी.बी.आई. को ट्रांसफर हुआ था केस
20 सितम्बर, 2015 की रात करीब 9 बजे सैक्टर-27 के एक पार्क में सिप्पी का शव मिला था। उसे चार गोलियां मारी गई थीं। सैक्टर-26 थाना पुलिस ने हत्या और आम्र्स एक्ट का केस दर्ज किया था। पुलिस ने स्पैशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एस.आई.टी.) का गठन भी किया था। मामले में हाईकोर्ट की जज की बेटी की भूमिका संदिग्ध पाई गई थी, लेकिन फिर भी कातिलों का सुराग नहीं लग पाया था। कल्याणी पर शक जाहिर करते हुए चंडीगढ़ प्रशासक ने केस को एक साल बाद सी.बी.आई. को ट्रांसफर कर दिया था। सी.बी.आई. ने 13 अप्रैल, 2016 को अज्ञात के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी थी। 

 

 

अनट्रेस रिपोर्ट में सी.बी.आई. ने जज की बेटी पर जाहिर किया था शक 
एफ.आई.आर. दर्ज करने के चार साल बाद सी.बी.आई. ने कोर्ट में अनट्रेस रिपोर्ट फाइल कर दी। सी.बी.आई. ने कहा था कि उन्हें एक जज की बेटी कल्याणी पर गहरा शक है, लेकिन उसे आरोपी बनाने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं हैं। हालांकि सी.बी.आई. ने अनट्रेस रिपोर्ट के आखिरी पैराग्राफ में लिखा था कि उन्हें गहरा शक है कि सिप्पी के कत्ल में कल्याणी का हाथ था। ऐसे में कोर्ट से अनट्रेस रिपोर्ट मंजूर करने की भी मांग की गई थी। केस में जांच किए जाने के भी निर्देश देने के लिए कहा। इससे पहले सी.बी.आई. ने अखबारों में प्रकाशित विज्ञापन में कहा था कि विश्वसनीय सूत्रों से पता चला है कि 20 सितम्बर, 2015 की हत्या वाली रात को मौके पर एक महिला मौजूद थी। उक्त महिला को भी सूचना दी जाती है कि वह जांच अधिकारी के सामने आकर अपनी बेगुनाही का सबूत दे। अगर महिला सामने नहीं आती है तो माना जाएगा कि वह भी हत्या में शामिल है। इसके साथ ही सी.बी.आई. ने सुराग देने वाले के लिए इनाम की घोषणा भी की थी।

 

 

सी.बी.आई. ने दो लोगों के पॉलीग्राफी टैस्ट की याचिका दायर की थी
सी.बी.आई. ने सिप्पी मर्डर केस में दो संदिग्ध युवकों सिमरनदीप सिंह संधू और कर्मपाल सिंह के पॉलीग्राफी टैस्ट के लिए कोर्ट में याचिका फाइल की थी जिसे कोर्ट ने मंजूरी दे दी थी। हालांकि दोनों से चार साल पहले भी सी.बी.आई. ने पूछताछ की थी, लेकिन तब उन्होंने केस में रोल होने से इनकार कर दिया था। सी.बी.आई. ने अब फिर से केस की जांच शुरू कर दी है। इसलिए अब उनसे दोबारा पूछताछ कर रही है, ताकि सच सामने आ सके। हालांकि इन दोनों ने भी टैस्ट करवाने के लिए सहमति दे दी थी।
 


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News Editor

Ajay Chandigarh

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