इस साल भी नहीं लागू होगा CBCS

Monday, Mar 19, 2018 - 09:57 AM (IST)

चंडीगढ़(रश्मि) : पंजाब यूनिवर्सिटी से संबंधित कालेजों में सैशन-2018 में भी च्वॉइस बेस्ड क्रैडिट सिस्टम (सी.बी.सी.एस.) लागू करने से पी.यू. को छूट देनी पड़ी है। ऐसा इसलिए क्योंकि कालेजों के पास अब भी सी.बी.सी.एस. लागू करने के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं बन पाया है, न ही कोई पॉलिसी। 

 

देखा जाए तो कालेजों में सी.बी.सी.एस. लागू करने की बात पिछले दो-तीन सालों से चल रही है लेकिन कालेजों के पास पूरा इंफ्रास्ट्रक्चर न होने से यह सिस्टम लागू नहीं हो पा रहा है। हालांकि पी.यू. प्रबंधन ने यह सिस्टम तीन साल पहले लागू कर दिया है। इस सिस्टम के तहत पी.यू. ने अपने स्तर पर विषयोंं के कांबीनेशन तय किए हैं। 

 

कालेज प्रबंधन का कहना है कि  कालेज में सी.बी.सी.एस. लागू करने के बाद पढ़ाने के लिए टाइम टेबल भी लंबा करना पड़ेगा। यह सिस्टम तभी लागू हो सकता है जब कालेजों को अटोनोमी दे दी जाए, जिसके तहत अपने हिसाब से विषयों के कांबीनेशन बना सकें। साथ ही कालेजों में सी.बी.सी.एस. और सीमैस्टर सिस्टम में इतना समय चला जाएगा कि स्टूडैंट के पास एक्टिविटी करने के लिए कोई समय नहीं बचेगा। 

 

स्टाफ की कमी :
सी.बी.सी.एस. शुरू करने के लिए एक क्लास में स्टूडैंट्स की संख्या तय होगी। म्यूजिक का स्टूडैंट साइंस और साइंस का स्टूडैंट आर्ट्स विषयों को पढ़ सकता है लेकिन इस तरह से पढ़ाने के लिए कालेज या पी.यू. प्रबंधन को काफी स्टाफ चाहिए, जबकि पी.यू. और कालेजों में पहले से ही स्टाफ की कमी है।

 

ग्रांट के लिए जरूरी :
रूसा की ओर से कालेजों को ग्रांट तभी मिलेगी, जब कालेज सी.बी.सी.एस. लागू कर लेंगे। इस ग्रांट के तहत 60 फीसदी ग्रांट रूसा को देनी होती है और 40 फीसदी ग्रांट स्टेट द्वारा कालेज प्रबंधन को दी जानी है। 

 

इग्नू में लागू है :
इग्नू  ने सी.बी.सी.एस. लागू कि या हुआ है, जिसके तहत स्टूडैंट पांच साल में अपनी डिग्री पूरी कर सकता है। यानी जब स्टूडैंट की पेपर की तैयारी हो तो वह सी.बी.सी.एस. सिस्टम में क्रैडिट अर्न कर सकता है। वहीं विदेशों में भी सी.बी.सी.एस. चलता है। वहां स्टूडैंट ऑनलाइन पढ़ाई करके घर से भी सी.बी.सी.एस. सिस्टम में क्रैडिट अर्न कर सकते हैं। विदेशों में इसके लिए कालेजों व स्टूडैंट के पास बहुत सी सुविधाएं हैं। 

Punjab Kesari

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