कालेजों में इस बार भी नहीं शुरू होगा CBCS

Monday, Oct 23, 2017 - 09:55 AM (IST)

चंडीगढ़(रश्मि) : पंजाब यूनिवर्सिटी से संबंधित कालेजों में च्वॉएस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम (सी.बी.सी.एस.) नए सैशन 2018 से भी शुरू होने की कोई उम्मीद नहीं है। पी.यू. प्रबंधन ने कॉलेजों में सी.बी.सी.एस. के बारे में जानकारी देने के लिए कालेज प्रबंधन के साथ अभी तक कोई बैठक नहीं की है। 

 

ध्यान रहे कि सैशन 2017 में पी.यू. से संबंधित सभी चंडीगढ़ व पंजाब के कॅालेजों में सी.बी.सी.एस. सिस्टम  शुरू किया जाना था, लेकिन शिक्षकों ने इसके खिलाफ आवाज उठाई थी। शिक्षकों का कहना था कि सी.बी.सी.एस. सिस्टम को लेकर बहुत सारी कन्फ्यूजन है। इसलिए वह इस सैशन में यह सिस्टम शुरू नहीं कर सकते हैं। जिसके बाद पी.यू. ने इस सैशन से कालेज प्रबंंधन को सी.बी.सी.एस. सिस्टम शुरू करने से छूट दे दी थी। पी.यू. प्रबंधन ने सी.बी.सी.एस. सिस्टम से जुड़ी सभी कन्फ्यूजन दूर करने के लिए कालेज प्रबंधन के लिए वर्कशॉप का आयोजन करने के लिए भी कहा था।

 

स्टाफ की है कमी :
सी.बी.सी.एस. शुरू करने के लिए एक  क्लास में कम से कम स्टूडैंट होने जरूरी है। सी.बी.सी.एस. के तहत म्यूजिक का स्टूडैंट साइंस और साइंस का स्टूडैंट आटर्स विषयों को पढ़ सकता है, लेकिन इस तरह से पढ़ाने के लिए कॉलेज या पी.यू. प्रबंधन का काफी स्टाफ चाहिए, जबकि पी.यू. और कालेज में पहले से ही स्टाफ की कमी है। पी.यू. ने कॉलेजों में सी.बी.सी.एस. इसी सैशन से शुरू किए जाने के निर्देश दिए थे, लेकिन कॉलेज प्रबंधन ने मिलकर मांग की कि उन्हें सी.बी.सी.एस. शुरू करने के लिए अभी एक साल का ओर समय चाहिए। 

 

सिमैस्टर सिस्टम भी फेल :
कॉलेज प्रबंधन का कहना है कि सिमैस्टर सिस्टम के कारण साल भर पेपर चलते रहते हैं। जिससे स्टूडैंट कल्चरल व स्पोर्ट्स गतिविधि में भाग नहीं ले पाते हैं। साथ ही स्टूडैंट्स को सिमैस्टर सिस्टम में एग्जाम के लिए साल में दो बार फीस भरनी पड़ती है। 

 

पहले ही एग्जामिनेशन फीस दोगुनी हो चुकी है। सिमैस्टर सिस्टम में दो बार पेपर होने से रिजल्ट भी काफी लेट आते हैं। जिससे स्टूडैंट की किसी विषय में कंपार्टमैंट आने से उनमें कन्फ्यूजन बना रहती है कि उनका पेपर कब लिया जाएगा। 

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