कैट ने पी.जी.आई. की 2 बड़ी पोस्ट की प्रोमोशन रद्द करने के दिए आदेश

Sunday, May 29, 2016 - 11:50 AM (IST)

चंडीगढ़, (बृजेन्द्र): सैंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल (कैट) ने पोस्ट ग्रैजुएट इंस्टीच्यूट ऑफ मैडीकल एजुकेशन एंड रिसर्च (पी.जी.आई.एम.ई.आर.), सैक्टर-12 में प्रिंसिपल प्राइवेट सैक्रेटरी (पी.पी.एस.) पद पर तैनात भूपिंद्र सिंह व हरिंद्र कौर की प्रोमोशन को गलत सिन्योरिटी लिस्ट के आधार पर हुई प्रोमोशन बताते हुए संबंधित पोस्ट को लेकर तैयार की गई सिन्योरिटी लिस्ट समेत डी.पी.सी. प्रोसिडिंग व प्रोमोशन ऑर्डर रद्द करने के आदेश दिए हैं। पी.जी.आई.एम.ई.आर. में डिपार्टमैंट ऑफ ऑब्सटै्रटिक्स एंड गायनोकोलीजी  में प्राइवेट सैक्रेटरी के रूप में कार्यरत प्रेम चंद गुलेरिया (55) के प्रोमोशन केस में कैट ने आदेश जारी किए हैं। उनकी तरफ से केस की पैरवी एडवोकेट एच.एस. सैणी कर रहे थे। 
 
कैट ने गुलेरिया की पटीशन मंजूर करते हुए पी.जी.आई.एम.ई.आर. द्वारा संबंधित पोस्ट को लेकर तैयार की गई सिन्योरिटी लिस्ट समेत डी.पी.सी. प्रोसोडिंग व प्रोमोशन ऑर्डर रद्द करने के आदेश जारी किए। इसके अलावा पी.जी.आई.एम.ई.आर. को आदेश दिए हैं कि कैचअप रुल्स के तहत पी.एस. की फिर से सिन्योरिटी लिस्ट तैयार की जाए और डी.पी.सी. का रिव्यू करें व इसके बाद पी.पी.एस. पोस्ट भर ड्यू डेट्स से प्रोमोशन देते हुए परिणामी राहत दें। कैट ने पी.जी.आई.एम.ई.आर. को कहा कि गुलेरिया भी अगर फिट पाए जातें हैं तो उन्हें कंसीडर किया जाए। संबंधित केस में अपोजिट पार्टी में पी.जी.आई.एम.ई.आर. सैक्टर-12 को इसके डायरैक्टर के जरिए, पी.जी.आई.एम.ई.आर. के डिप्टी डायरैक्टर (एडमिनिस्ट्रेशन) समेत पी.जी.आई.एम.ई.आर. के डिपार्टमैंट ऑफ प्राइवेट ग्रांट सैल, एम.एस. ऑफिस में प्रिंसिपल प्राइवेट सैक्रेटरी भूपिंद्र सिंह हीरा व डिपार्टमैंट ऑफ नैफ्रोलॉजी में प्रिंसिपल प्राइवेट सैक्रेटरी हरिंद्र कौर शामिल थी। शिकायतकर्ता गुलेरिया ने सितंबर, 2015 में दायर इस केस में कैचअप रुल्स की परिणामी राहत के साथ मांग की थी। 
 
फिट पाए गए तभी किया प्रमोट: अपोजिट पार्टी के रूप में पी.जी.आई.एम.ई.आर. ने जवाब में कहा कि गुलेरिया को भी डी.पी.सी. में कंसीडर किया गया था मगर भूपिंद्र सिंह व हरिंद्र कौर समेत जनरल कैटेगरी के 2 पर्सनल सैक्रेटरी प्रोमोशन के लिए फिट पाए गए थे जिन्हें पी.पी.एस. बनाया गया। साथ ही कहा गया कि गुलेरिया भूपिंद्र सिंह व हरिंद्र कौर से जूनियर थे। इस पर कैट ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा कैचअप रुल्स को लेकर की गई व्याख्या समेत संबंधित केस के तथ्य जांचने के बाद आदेशों में कहा कि प्रमोशन को लेकर पी.जी.आई.एम.ई.आर. ने सही सिन्योरिटी लिस्ट नहीं बनाई थी। इसके बजाए गलत सिन्योरिटी लिस्ट के आधार पर ही भूपिंद्र व हरिंद्र को प्रोमोट कर दिया।
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