कैपीटल काम्पलैक्स के संरक्षण की प्लानिंग करेगी एजैंसी

punjabkesari.in Monday, Aug 29, 2016 - 08:18 AM (IST)

चंडीगढ़,  (विजय गौड़) : कैपीटल काम्पलैक्स का वल्र्ड हैरीटेज में नाम आते ही चंडीगढ़ प्रशासन ने इसके संरक्षण और रैस्टोरेशन के लिए प्लानिंग शुरू कर दी है। इसके लिए प्रशासन जल्द ही एक एजैंसी को अप्वाइंट करने जा रहा है जिसका जिम्मा होगा कि भविष्य में काम्पलैक्स के अंतर्गत आने वाली बिल्डिंग्स और मॉन्यूमैंट्स के संरक्षण की पूरी प्लानिंग करना। 

 

इस प्रोजैक्ट के अंतर्गत सबसे पहले पंजाब और हरियाणा विधानसभा, ज्योमैट्रिक हिल, टॉवर ऑफ शैडो और रिटेङ्क्षनग वाल की संरक्षण की प्लानिंग तैयार की जाएगी। जानकारी के अनुसार इस पूरे संरक्षण प्रोग्राम पर लाखों रुपए खर्च किए जाएंगे। 

 

यही नहीं, चंडीगढ़ प्रशासन ने कैपीटल काम्पलैक्स के अंतर्गत आने वाली बिल्डिंग के संरक्षण के लिए कंजर्वेशन आर्कीटैक्ट को भी अप्वाइंट करने की योजना बनाई है। जिसे इस विषय की पूरी जानकारी होगी और जो बिल्डिंग्स के संरक्षण में प्रशासन की मदद करेगा।

 

इसलिए पड़ी जरूरत

कैपीटल काम्पलैक्स की बिल्डिंग को रिव्यू करने के दौरान यूनाइटिड नैशंस एजूकेशनल, साइंटिफिक एंड कल्चरल ऑर्गेनाइजेशन (यूनैस्को) की तरफ से बिल्डिंग्स का जायजा लेने आई ईकोमोस की टीम कैपीटल काम्पलैक्स से प्रभावित तो हुई मगर जब बात आई संरक्षण की तो प्रशासनिक अधिकारियों के पास कोई प्लानिंग नहीं थी। 

 

इसके बाद प्रशासन ने काम्पलैक्स की संरक्षण के लिए डिटेल प्लान भेजा, जिसमें कैपीटल काम्पलैक्स के अंतर्गत आने वाली बिल्डिंग्स के रैस्टोरेशन और कंजर्वेशन के लिए अपनी प्लानिंग को बताया गया। 

 

चार साल में पूरा होगा रैस्टोरेशन का काम

कैपीटल काम्पलैक्स में चंडीगढ़ की पहचान को दर्शाने वाले पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट, विधानसभा, ज्योमैट्रिक हिल और ओपन हैंड जैसी अहम बिल्डिंग और स्मारक हैं। प्रशासन की ओर से रिपोर्ट में बताया गया है कि इन सभी बिल्डिंग्स का विजुअल और स्ट्रक्चरल सर्वे किया जाएगा। 

 

इस सर्वे के आधार पर दिसंबर-2020 तक सभी बिल्डिंग की रैस्टोरेशन का काम पूरा कर लिया जाएगा। जुलाई में घोषित किए गए हैरीटेज स्टेटस के बाद अब प्रशासन की सबसे बड़ी चुनौती बिल्डिंग के अस्तित्व को वर्तमान समय जैसा बनाए रखने की बताई जा रही है। 


कैमीकल के कम इस्तेमाल की सिफारिश

हैरीटेज स्टेटस मिलने के साथ ही यह सिफारिश भी की गई है कि किसी भी बिल्डिंग और मान्यूमैंट को रिस्टोर करने के लिए ऐसे कैमीकल का इस्तेमाल न किया जाए जिससे कि इसे नुक्सान पहुंचे। 

 

दरअसल हैरीटेज स्टेटस मिलने के बाद यह कंडीशन सबसे पहले लगाई जाती है कि बिल्डिंग के वास्तविक स्वरूप को भविष्य में भी बनाए रखना होगा। इसे उसी तरह से संरक्षित किया जाना होगा, जैसा कि ली-कार्बूजिए ने इसे बनाया था।

 

यहां का कंक्रीट सरफेस होगा दुरुस्त

 

टैरेस लेवल के साथ असैंबली बिल्डिंग

ज्योमैट्रिक हिल और वॉल की दीवारें

रैंप के साथ टॉवर ऑफ शैडो

विस और सैक्रेटरिएट को जोडऩे वाला पैडेस्ट्रियन ब्रिज 

 

यह है प्लानिंग 

सभी बिल्डिंग्स को स्टीम क्लीनिंग मशीन से साफ किया जाएगा जिससे कि सभी माइक्रो बायोलॉजिकल मैटीरियल की सफाई होगी।

जहां से बिल्डिंग को अधिक नुक्सान हुआ है, वहां पर चार बार तक ठीक किया जाएगा

खराब हो चुकी कंक्रीट से बने सरफेस को हटाकर उसकी जगह फॉसरॉक की फ्रैश माइक्रो कंक्रीट लगाई जाएगी

आर.सी.सी. के पैटर्न वर्क को पहले की तरह ही मैंटेन किया जाए

स्ट्रक्चर की जरूरत के हिसाब से मौजूदा बीम में सपोर्ट के लिए एम.एस. बार लगाई जाएंगी।

ब्रिज और उसके साथ के अन्य एरिया की लाल पत्थरों की फ्लोरिंग को साफ किया जाएगा

एजैंसी की जिम्मेदारी होगी कि साइट से जितना भी मलबा निकलेगा, उसे उठाकर तयशुदा साइट पर फैंका जाए।

कंक्रीट स्ट्रक्चर्स को मजबूती देने के लिए बिल्डिंग्स में एफ.आर.पी. रिपेयर वर्क किया जाएगा। 

 

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