लाइफ स्टाइल में बदलाव से बढ़ रहा लोगों में कैंसर

Tuesday, Feb 04, 2020 - 03:44 PM (IST)

चंडीगढ़ (साजन) : लाइफ स्टाइल में बदलाव की वजह से लोगों में तेजी से रोग भी बढ़ रहे हैं। उन्हें नई-नई बीमारियां आगोश में ले रही हैं। पश्चिमी संस्कृति की देखा-देखी में लोग अपनी जिंदगी से खिलवाड़ कर रहे हैं। समय पर रोग की जांच कराने की बजाए देरी से चिकित्सकों के पास पहुंचने की वजह से बीमारी गंभीर हो जाती है और उसे ठीक करना डाक्टरों के लिए भी मुश्किल हो जाता है। 

 

कैंसर जैसी बीमारी इसी बदलते लाइफ स्टाइल की वजह से पनप रही है।  तंबाकू व शराब का सेवन बीमारी को और बढ़ा रहा है। सोमवार को पी.जी.आई. के रेडियोथैरेपी डिपार्टमैंट की प्रभारी प्रो. सुष्मिता घोषाल ने वल्र्ड कैंसर-डे के उपलक्ष्य में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि विभाग इसे लेकर कई जागरूकता कार्यक्रम भी आयोजित कर रहा है। 

 

प्रो. सुष्मिता घोषाल ने बताया कि पी.जी.आई. के ओंकोलॉजी विभाग में कैंसर के रोग का उपचार करने की आधुनिक तकनीक उपलब्ध है। पी.जी.आई. में हर प्रकार के कैंसर के उपचार के लिए विशेषज्ञों की टीम जो मरीजों के आने पर गहनता से जांच के बाद उपचार शुरू करती है। रेडियोथैरेपी विभाग की प्रभारी डॉ. घोषाल ने बताया कि ब्लड कैंसर-डे यानी 4 फरवरी को संस्थान में ओपन हाऊस का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें कालेज के छात्रों को इस रोग के बारे में जानकारी विशेषज्ञ देंगे।


 

महिलाओं में ब्रैस्ट कैंसर के केसों में भी हुआ इजाफा
प्रो. सुष्मिता घोषाल ने बताया कि पिछले कुछ वर्षों में महिलाओं में ब्रैस्ट कैंसर के केसों में इजाफा हुआ है। पी.जी.आई. में उनके पास ब्रैस्ट कैंसर के वर्ष-2011 से 2018 तक 5384 केस पंजीकृत हुए हैं। सबसे ज्यादा इसी कैंसर के मामले आ रहे हैं और इसका कारण महिलाओं में इस रोग के प्रति जागरूकता पैदा न होना है। 

 

अभी ग्रामीण एरिया में महिलाएं इस रोग को सामने लाने की बजाय उसे दबाए रखती हैं और रोग तीसरे व चौथे चरण में पहुंच जाता है और तब परिवार के लोग उन्हें उपचार के लिए लाते हैं। ब्रैस्ट कैंसर का उपचार समय पर आने पर संभव है पर महिलाएं इसे सामने नहीं लातीं। प्रो. सुष्मिता घोषाल ने बताया कि महिलाओं में सर्विक्स कैंसर के दूसरे नंबर पर मामले सामने आते हैं। 

 

इस कैंसर के पी.जी.आई. में 3708 मरीज पंजीकृत हुए हैं जो उपचार करवा रहे हैं। महिलाओं को इस रोग से बचने के उपाय बताने पर इसमें सुधार देखने को मिल रहा है। प्रो. सुष्मिता घोषाल ने बताया कि महिलाओं में लंग कैंसर के केस कम ही सामने आते हैं। पी.जी.आई. में  वर्ष-2011-18 तक 55,861 कैंसर के केसों में से 24,022 महिलाएं व 27,785 पुरुष पाए गए हैं। 

 

लंग कैंसर के लिए तम्बाकू का सेवन सबसे बड़ा कारण : डॉ. नवदीप
लंग कैंसर के विशेषज्ञ डॉ. नवदीप सिंह ने बताया कि पी.जी.आई. में लंग कैंसर के आने वाले 100 मरीजों में 90 में तंबाकू के उत्पादों के सेवन करने से मुंह व लंग कैंसर होना पाया गया है। अब तो बच्चों में भी लंग व मुंह के कैंसर के केस सामने आने शुरू हो गए हैं। इसकी वजह सिर्फ छोटी उम्र में तंबाकू के उत्पादों का सेवन करना है, जो चिंता का विषय है। 

 

डॉ. नवदीप सिंह ने बताया कि पी.जी.आई.में लंग कैंसर के मरीजों में बड़ा इजाफा हुआ है और यह अधिकतर थर्ड व फोरथ स्टेज में ही उपचार के लिए यहां पहुंचते हैं। इससे पहले वह यहां वहां दूसरी पैथियों में उपचार से इसके ठीक होने के लिए चक्कर काटते रहते हैं। उन्होंने बताया कि पी.जी.आई. विश्व का पहला ऐसा  संस्थान है जहां के ओंकोलॉजी सैंटर का एस्को सैंटर के साथ एम.ओ.यू. हुआ है, जो वल्र्ड क्लास उपचार प्रदान करने के लिए विशेषज्ञ का मंच प्रदान करते हैं। पी.जी.आई. में उक्त सैंटर में इंटरनैशनल गाइडलाइन पर मरीजों का उपचार एवं डे केयर होती है। 

pooja verma

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