शहर में बिना फीस एंट्री कर रहीं कैब्स, चार माह में कट चुके हैं 228 कैब चालान

Thursday, Mar 22, 2018 - 12:15 PM (IST)

चंडीगढ़(राजिंद्र) : शहर में बिना एंट्री फीस जमा करवाए कैब्स एंट्री कर रही हैं। यही कारण है कि स्टेट ट्रांसपोर्ट अथारिटी ने इनके खिलाफ सख्ती की है। पिछले चार माह में विभाग 228 कैब चालकों के चालान काट चुका है। इनमें से 137 कैब तो बिना परमिट चल रही थी। 

 

गौरतलब है कि शहर में 3500 के करीब ओला यूबर कार है, जिनमें से 1500 के करीब कैब चालकों ने ही एंट्री फीस जमा करवाई है। लाइसेंस फीस कंपनी ने जमा करवानी होती है, जबकि एंट्री फीस खुद कैब चालकों को जमा करवानी पड़ती है। दोनों कंपनी पांच-पांच लाख रुपए लाइसैंस फीस जमा करवा चुकी हैं, जबकि अभी भी आधे से ’यादा कैब चालकों ने एंट्री फीस जमा करवानी हैं। एंट्री फीस जमा करवाने के बाद ही स्टेट ट्रांसपोर्ट अथारिटी कंपनी को सभी कैब चालकों के लाइसेंस जारी करेगा।

 

कैब चालकों से तभी फीस लेंगे, जब कंपनी उन्हें लिखकर देगी :
इस पर एस.टी.ए. के एक अधिकारी ने कहा कि वे तभी कैब चालकों से फीस ले सकते हैं, जब कंपनी उन्हें लिखकर भेजेगी कि ये उनका कैब चालक है। उन्हें कैसे पता चलेगा कि वे ओला, यूबर के साथ काम करते हैं या नहीं। यही कारण है कि विभाग समय-समय पर कैंप लगाकर इन लोगों से एंट्री फीस वसूलता है। 

 

पंजाब और हरियाणा से रजिस्टर्ड कैब चालकों से वसूली जाती है एंट्री फीस :
विभाग द्वारा पंजाब और हरियाणा से रजिस्टर्ड कैब चालकों से पिक एंड ड्रॉप के लिए ये एंट्री फीस वसूली जाती है। तीन माह के लिए विभाग ने 1000 रुपए एंट्री फीस तय की हुई है, जबकि नजदीकी राज्यों में ये एंट्री फीस अलग-अलग है। 

 

इस संबंध में स्टेट ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी के एडिशनल सेक्रेटरी राजीव तिवारी ने बताया कि एंट्री फीस के लिए वे समय पर कैंप भी लगाते रहे हैं और दोबारा भी इसके लिए कैंप लगाएंगे, ताकि बिना परेशानी कैब चालक एंट्री फीस जमा करवा सकें।

Punjab Kesari

Advertising