सी.आर.पी.एफ. की खिलाड़ी पी.यू. ने अपनी सूची में दिखाई, रनरअप ट्राफी गंवाई
punjabkesari.in Monday, Oct 08, 2018 - 08:12 AM (IST)

चंडीगढ़(साजन): पंजाब यूनिवर्सिटी ने मौलाना अब्दुल कलाम आजाद ट्राफी (माका ट्राफी) हासिल करने के लिए बड़ा फर्जीवाड़ा किया। ट्राफी हासिल करने और प्वाइंट्स जुटाने के लिए एक नाम के दो प्लेयर्स के नाम लिस्ट में डाल दिए, जिससे स्कोर बढ़ गया। इस फर्जीवाड़े की बदौलत यूनिवर्सिटी ने दूसरा स्थान भी पा लिया लेकिन चंद दिनों बाद ही फर्जीवाड़े का खुलासा हो गया और पंजाब यूनिवर्सिटी को इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ी। उसके हाथ से माका ट्राफी का रनरअप का खिताब छिन गया। अब यूनिवर्सिटी के अधिकारी दलील दे रहे हैं कि उनकी दलील को ऊपर नहीं सुना गया। उन्होंने भी पंजाबी यूनिवर्सिटी पर कई ऑब्जैक्शन लगाए थे लेकिन इन्हें दरकिनार कर दिया गया।
पी.यू. ने लगाया पूरा जोर
माका ट्राफी हासिल करने के लिए पंजाब यूनिवर्सिटी ने परिसर में स्पोर्ट्स के इतने मुकाबले कराए कि उन पर करोड़ों खर्च हो गए। फैडरेशनों को फ्री में ग्राउंड और स्पोर्ट्स हॉस्टल की अकोमोडेशन उपलब्ध कराई। यूनिवर्सिटी ने जुलाई 2017 से लेकर जून 2018 तक चले सत्र के दौरान विभिन्न खेल मुकाबलों में कुल 89,000 प्वाइंट्स हासिल किए। इसके लिए इन्होंने स्पोर्ट्स फंड में से भी कई कोच अप्वाइंट किए और समय समय पर खेलों के कैंप भी लगाए। पंजाबी यूनिवर्सिटी जिसे प्वाइंट्स के आधार पर तीसरा स्थान हासिल हुआ था, ने एसोसिएशन आफ इंडियन यूनिवर्सिटी की ओर से मामलों को देखने के लिए बनी कमेटी के समक्ष पंजाब यूनिवर्सिटी पर कई ऑब्जैक्शन लगाए।
ऑब्जैक्शन सही पाए गए। इसके बाद कमेटी ने पंजाब यूनिवर्सिटी के फर्जीवाड़े को पकड़कर पैनेल्टी की संस्तुति की जिस पर अमल करते हुए केंद्रीय खेल मंत्रालय ने कार्रवाई करते हुए पंजाब यूनिवर्सिटी के 20 प्रतिशत प्वाइंट घटा दिए। इसके बाद अंक महज 71,200 ही रह गए। यह आंकड़ा घट कर पंजाबी यूनिवर्सिटी से भी कम पहुंच गया।
...और 20 प्रतिशत अंकों में हुई कटौती
वाटर स्पोर्ट्स कैनोइंग में बलजीत कौर नाम की दो महिला खिलाडिय़ों ने शिरकत की। इसमें से एक पंजाब यूनिवर्सिटी की खिलाड़ी थी तो दूसरी सैंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स की। जब माका ट्राफी के लिए प्वाइंट्स जोड़े जाने की बारी आई तो पंजाब यूनिवर्सिटी ने दोनों बलजीत कौर को अपनी सूची में शामिल कर लिया। सी.आर.पी.एफ. की बलजीत कौर के हालांकि महज 50 प्वाइंट थे लेकिन पंजाबी यूनिवर्सिटी ने जो ऑब्जैक्शन पंजाब यूनिवर्सिटी पर लगाया था वह कमेटी के समक्ष सही साबित हो गया। इसी प्रकार वाटर स्पोर्ट्स में ही एक पुरुष खिलाड़ी का नाम पहले नंबर पर रखा और चौथे नंबर पर भी उसी का नाम रखा। दोनों जगह उसके अंक जोड़ लिया। दोनों फर्जीवाड़े साबित हो गए और इसका खामियाजा पंजाब यूनिवर्सिटी को 20 प्रतिशत की प्वाइंट्स कटौती कर चुकाना पड़ा।
हमारी बात ही नहीं सुनी
पंजाब यूनिवर्सिटी ने पंजाबी यूनिवर्सिटी पर एशियन नेटबाल चैंपियनशिप को लेकर आब्जैक्शन लगाया था। पंजाब यूनिवर्सिटी के डायरैक्टर परमिंदर सिंह के मुताबिक हमने इसको लेकर तफ्तीश की तो फैडरेशन की ओर से बताया गया कि उन्होंने ऐसी कोई चैंपियनशिप आर्गेनाइज नहीं कराई लेकिन हमारी दलील को ऊपर कमेटी ने दरकिनार कर दिया।