ग्रामीण विकास सशक्तिकरण की दिशा में एक और मनोहर कदम: 6 अन्य जिलों में लिंक रोड मुरम्मत की जिम्मेदारी अब होगी जिला परिषदों की
punjabkesari.in Sunday, Sep 24, 2023 - 06:57 PM (IST)

चंडीगढ़, (बंसल): प्रदेश में जिला परिषदों की क्षमताओं को बढ़ाने की दिशा में एक अन्य महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि 6 अतिरिक्त जिलों सोनीपत, कैथल, महेंद्रगढ़, रोहतक, झज्जर और रेवाड़ी में ङ्क्षलक सड़कों की मुरम्मत की जिम्मेदारी इस साल के अंत तक जिला परिषदों को हस्तांतरित कर दी जाएगी। अभी यह कार्य हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड द्वारा किया जा रहा था। मुख्यमंत्री ने रविवार को यहां विभिन्न विकासात्मक पहलों की समीक्षा के लिए जिला परिषदों के अध्यक्षों और मुख्य कार्यकारी अधिकारियों के साथ आयोजित एक बैठक के दौरान यह खुलासा किया। बैठक में विकास एवं पंचायत मंत्री देवेंद्र बबली भी मौजूद रहे।
इससे पहले भी हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड द्वारा किए जा रहे ङ्क्षलक रोड मुरम्मत कार्य की जिम्मेदारी यमुनानगर, करनाल, पलवल, भिवानी और फतेहाबाद सहित 5 जिलों में जिला परिषदों को हस्तांतरित की जा चुकी है और मरम्मत कार्य की प्रक्रिया पहले से जारी है। इन 6 जिलों के जुडऩे से जिला परिषदों के पास अब प्रदेश में 11 जिलों में ग्रामीण क्षेत्र के सड़क मुरम्मत का कार्य होगा। यह कदम ग्रामीण विकास परियोजनाओं को अधिक कुशलता से शुरू करने के लिए जिला परिषदों को सशक्त बनाने की राज्य सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
5000 से अधिक आबादी वाले गांव की फिरनियां को पक्का करने की प्रक्रिया शुरू
विकास कार्यों की प्रगति की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने जिला परिषदों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों को 30 सितम्बर, 2023 तक 5,000 या उससे अधिक आबादी वाले गांवों में गांव की फिरनियों को पक्का करने के लिए निविदा प्रक्रिया शुरू करने का भी निर्देश दिया। मुख्यमंत्री ने लोकतांत्रिक व्यवस्था में जन प्रतिनिधियों के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले जिला परिषदों के अध्यक्षों के सम्मान के महत्व पर बल देते हुए सभी सी.ई.ओ. को स्पष्ट रूप से निर्देश दिया कि वे अपने कार्यालयों को जिला सचिवालयों से जिला परिषद कार्यालय में स्थानांतरित करें। जिन जिलों में जिला परिषद कार्यालय भवन बन चुके हैं, वहां इस निर्देश को शीघ्रता से लागू किया जाए। हालांकि, ऐसे मामलों में जहां ऐसा बुनियादी ढांचा अभी तक स्थापित नहीं किया गया है, सी.ई.ओ. को उपयुक्त भूमि की पहचान करने और इस संबंध में मुख्यालय को प्रस्ताव प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया।
जिला परिषदों के सी.ई.ओ. से बजट अनुमान मांगा
उन्होंने जिला परिषदों के सी.ई.ओ. से चालू वित्तीय वर्ष के लिए बजट अनुमान भी मांगा। मुख्यमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि यह जिला परिषदों के अध्यक्ष के दायरे में आता है कि वे अपना-अपना बजट तैयार करें और बाद में जिला परिषद सदन के भीतर अनुमोदन के पश्चात उसे सरकार को भेजें। इससे यह सुनिश्चित हो सकेगा कि ग्रामीण क्षेत्रों में विकासात्मक पहलों को प्रभावी ढंग से चलाने के लिए पर्याप्त धनराशि उपलब्ध होगी। उन्होंने अधिकारियों को आवश्यकता अनुसार ही आंगनबाड़ी भवन का निर्माण करने और इस संबंध में प्रत्येक जिले में एक समॢपत इकाई स्थापित करने के लिए भी प्रोत्साहित किया जो जिले में आंगनबाड़ी केंद्रों की देखरेख के लिए जिम्मेदार हो।
हर ब्लॉक में अधिक आबादी वाले 5 गांव स्ट्रीट लाइटों से होंगे जगमग
उन्होंने राज्य भर के सर्वाधिक आबादी वाले 750 गांवों में स्ट्रीट लाइट लगाने की जानकारी देते हुए बताया कि इस पहल के लिए जिला परिषदों को पहले ही बजट आबंटित किया जा चुका है। इसके तहत प्रत्येक ब्लॉक के सबसे अधिक आबादी वाले 5 गांवों को जल्द ही स्ट्रीट लाइट उपलब्ध होंगी। मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य में 144 ब्लॉक हैं और सी.ई.ओ. जिला परिषदों से ऐसे ब्लॉक की पहचान करने का आग्रह किया जहां 10 ई-लाइब्रेरी भी शुरू नहीं हुई हैं। इस संबंध में जन संवाद कार्यक्रम के माध्यम से भी अनुरोध प्राप्त हुए हैं। हमारे पास पहले से ही 750 ई-पुस्तकालय खोलने की मंजूरी है।
चौपाल निर्माण के लिए आवश्यकता आधारित सर्वेक्षण करवाएं
चौपालों के निर्माण की समीक्षा के दौरान मनोहर लाल ने सी.ई.ओ. को अपने-अपने क्षेत्रों में आवश्यकता आधारित सर्वेक्षण करने के निर्देश दिए। उन्होंने जिला परिषदों के माध्यम से गांव के तालाबों के सौंदर्यीकरण या डिमांड आधार पर दीवार निर्माण व घाट आदि की प्रक्रिया शुरू करने का भी निर्देश दिया। जिला परिषदों के अध्यक्ष और सी.ई.ओ. ग्रामीण क्षेत्रों में विकास गतिविधियों की योजना बनाने में मिल कर कार्य करें। विकास एवं पंचायत मंत्री देवेंद्र सिंह बबली ने सी.ई.ओ. से अपने-अपने क्षेत्रों में विकास परियोजनाओं की प्रगति की निगरानी करने का आग्रह किया।