सी.बी.सी.एस. लागू न होने की वजह से लाखों छात्रों को हो रहा नुकसान

punjabkesari.in Wednesday, Jun 26, 2019 - 12:52 PM (IST)

चंडीगढ़(वैभव): पंजाब विश्वविद्यालय और इससे संबंधित 200 कॉलेजों में करीब दो साल बीत जाने के बाद भी च्वाइस बेस्ड क्रैडिट सिस्टम (सी.बी.सी.एस.) कॉलेजों में लागू नहीं हो पाया है। सिस्टम के तहत आर्ट्स स्ट्रीम के हजारों विद्यार्थी इंतजार कर रहे हैं कि वह विज्ञान के सब्जैक्ट पढ़ें लेकिन यह इच्छा पूरी नहीं हो पा रही है। जानकारी के अनुसार इसका प्रस्ताव पी.यू. प्रशासन ने तैयार कर लिया है लेकिन अब तक लागू नहीं हो पाया। अगर यह सिस्टम लागू हो जाएगा तो इससे लाखों छात्रों को फायदा हो सकता है। गौरतलब है कि पी.यू. ने साइंस वर्ग में सबसे पहले सी.बी.सी.एस. लागू किया था। इसके लिए प्रस्ताव तैयार किया और वह पास हो गया। आज विज्ञान वर्ग के हजारों छात्र मनचाहे विषयों की पढ़ाई कर पा रहे हैं।

सिंडिकेट और सीनेट की मीटिंग में भी नहीं हो पाया था प्रस्ताव का उचित निर्णय 
आर्ट के विद्यार्थियों के लिए भी प्रस्ताव तैयार करने के बारे में चर्चा की गई और प्रस्ताव तैयार किया जाने लगा। कॉलेजों में दो साल बीत जाने के बाद भी 1.20 लाख विद्यार्थियों को इसका लाभ नहीं मिल पाया। सिंडिकेट व सीनेट की बैठकों में यह प्रस्ताव ले जाया गया था लेकिन कोई उचित निर्णय नहीं हो पाया। हालांकि बताया जा रहा है किनए शैक्षिक सत्र तक इसे लागू कर दिया जाएगा। 

छात्रों की संख्या में गिरावट आनी तय
सी.बी.सी.एस. का कुछ कॉलेज विरोध कर रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि इस सिस्टम से छात्रों को रैगुलर पढ़ाई करनी होगी। हाजिरी भी पूरी होनी चाहिए। कुछ कॉलेजों में यह खेल चल रहा है कि वह केवल छात्रों के दाखिले करने में विश्वास करते हैं, फिर चाहे विद्यार्थी साल भर आए या नहीं। इससे उन्हें नुक्सान होगा। हालांकि, अब पी.यू. ने दबाव बनाया है कि उन्हें भी सी.बी.सी.एस. को मंजूरी मिलने के बाद यह प्रस्ताव लागू करना होगा। सूत्रों का कहना है कि यह सिस्टम लागू होते ही कुछ कॉलेजों में छात्रों की संख्या में गिरावट आएगी।

रोजगार के खुल सकेंगे नए रास्ते 
सी.बी.सी.एस. के जरिए यदि विद्यार्थी आर्ट के साथ-साथ साइंस की भी पढ़ाई करेंगे तो वह नौकरी के लिए साइंस वर्ग में भी अप्लाई कर सकेंगे। यानी कला व विज्ञान वर्ग के लिए निकलने वाली भर्तियों में आवेदन के हकदार होंगे। हजारों छात्रों के सामने रोजगार के रास्ते खुलेंगे। साइंस वर्ग के पास आऊट विद्यार्थियों को इसका लाभ मिल रहा है। वह आर्ट विषयों की पढ़ाई करने के साथ सामाजिक क्षेत्र में हिस्सा ले रहे हैं। पी.यू. में सी.बी.सी.एस. काम कर रहा है। कॉलेजों में भी इसे लागू करने की प्रक्रिया चल रही है।

 


 


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bhavita joshi

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