दो परिवारों के अहम फैसले से 5 लोगों को मिला नया जीवन

Monday, Mar 12, 2018 - 09:40 AM (IST)

चंडीगढ़(पाल) : दो परिवारों के अहम फैसले की वजह से 5 लोगों को नया जीवन मिला है। इनमें तीन को जिंदगी तो दो लोगों को आंखों की रोशनी मिली है। पी.जी.आई. रोटो विभाग के नॉडल ऑफिसर डा. विपिन कौशल की मानें तो दोनों परिवारों के जज्बे को पूरा पी.जी.आई. सलाम करता है। शब्दों में दोनों परिवारों के लिए कुछ कहना काफी छोटा होगा। रविवार को पी.जी.आई. में इस साल का 8वां आर्गन ट्रांसप्लांट किया गया। इसमें ब्रेन डैड दो मरीजों की बदौलत 5 की नई जिंदगी मिली है। 

 

हिमाचल के जिला मंडी की रहने वाली 21 साल की किरन और जिला हमीरपुर की रहने वाली 48 साल की सुरिष्ठा कुमारी की बदौलत यह सब संभव हो पाया है। बी.ए की छात्रा किरन 8 मार्च को सड़क हादसे में घायल हो गई थी। उसे स्थानीय अस्पताल पहुंचाया गया, जहां से उसे 9 मार्च को पी.जी.आई. रैफर कर दिया था, लेकिन इसके बाद भी उसकी हालत स्थिर बनी थी, जिसके बाद डाक्टरों ने किरन को ब्रैन डेड घोषित कर दिया था। पिता रविन्द्र सिंह ने बेटी के ओर्गन डोनेट करने का फैसला किया। किरन की दोनों किडनी निकाल कर दो मरीजों में ट्रांसप्लांट की गई है। 

 

प्राइवेट हॉस्पिटल भी अप्रोच कर रहे पी.जी.आई. को :
पी.जी.आई. ब्रेन डैड मरीजों के ओर्गन ट्रांसप्लांट करने में देश में सबसे आगे है। 2 साल से पी. जी. आई. सबसे ज्यादा ओर्गन ट्रांसप्लांट कर मरीजों की जान बचा रहा है। इसी के मद्देनजर अब प्राइवेट हॉस्पिटल भी पी.जी.आई. को सहयोग कर रहे हैं। ब्रेन डैड मरीज सुरिष्ठा कुमारी फोर्टिस हॉस्पिटल मोहाली में इंटरनल ब्लीडिंग को लेकर एडमिट थी। 

 

9 मार्च को डाक्टरों ने उसे ब्रेन डैड घोषित कर दिया था। परिजन सुरिष्ठा के ओर्गन डोनेट करना चाहते थे जिसके लिए उन्होंने फोर्टिस के डाक्टरो से बात की। परिजनों की इच्छा के मद्देनजर डाक्टरों ने पी.जी.आई. रोटो से संपर्क किया। पति स्वर्ण सिंह और बेटी अनु की मर्जी के बाद सुरिष्ठा की एक किडनी व दो कॉर्निया जरूरतमंद मरीजों को ट्रांसप्लांट किए गए। 
 

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